लापरवाही: डेढ़ साल बाद भी कागजों में ही सिमटे हैं स्टार्टअप पार्क और कन्वेंशन सेंटर
प्रदेश के उभरते स्टार्टअप को जगह मुहैया कराने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण ने पहल की। सुपर कॉरिडोर पर स्टार्टअप पार्क की योजना बनाई। 27 मंजिला स्टार्टअप पार्क आने वाले 50 साल की जरूरतों के हिसाब से बनाया जाना था। इसके लिए सिंगापुर की कंपनी को करोड़ों रुपए भी दिए गए। मगर, अब तक यह प्रोजेक्ट कागजों से आगे नहीं बढ़ा।
- इंदौर में 3 साल के अंदर दोनों इमारतें बनाकर खड़ी की जानी थीं।
- स्टार्टअप पार्क की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
- सरकार की तरफ से नहीं की गई पहल, ठंडे बस्ते में डाला प्रोजेक्ट।
इंदौर। शहर में सुपर कॉरिडोर पर बहुमंजिला स्टार्टअप पार्क और दस हजार की क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर बनाने की रूपरेखा बनी थी। डेढ़ साल बाद भी यह दोनों योजनाएं कागजों तक ही सिमटी हुई है।
ऊंचाई और जमीन के उपयोग परिवर्तन की समस्या के कारण धरातल पर योजनाओं को नहीं उतारा जा सका है। यह हाल तब है जबकि तीन साल में दोनों की इमारतें खड़ी की जानी थी।
प्रदेश के उभरते स्टार्टअप को स्थान उपलब्ध कराने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) ने सुपर कॉरिडोर पर स्टार्टअप पार्क की योजना बनाई थी। 27 मंजिला स्टार्टअप पार्क आने वाले 50 साल की आवश्यकताओं के हिसाब से बनाया जाने का दावा किया गया था।
लिहाजा, इसकी डिजाइन तैयार करने के लिए मलेशिया की कंपनी को करोड़ों रुपये दिए गए। भारी भरकम खर्च करने के बाद भी इसकी कार्ययोजना धरातल पर नहीं उतर सकी। शासन स्तर से भी इसकी पहल नहीं की जा रही है।
20 एकड़ में बनने वाले स्टार्टअप पार्क की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। मगर, इसकी अनुमति अभी तक नहीं मिली है। सूत्रों का कहना है कि भारी भरकम खर्च को देखते हुए प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
कन्वेंशन सेंटर में जमीन का पेंच
फरवरी 2023 में इंदौर में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान स्थान की कमी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दस हजार लोगों की क्षमता का कन्वेंशन सेंटर बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद आईडीए ने सुपर कॉरिडोर पर अपनी योजना 172 में 42 एकड़ जमीन पर कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना तैयार की।
कन्वेंशन सेंटर के लिए चिह्नित जमीन को आवासीय से व्यावसायिक करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस पर निर्णय नहीं हो सका। वहीं, जमीन पर वन विभाग का दावा भी है, इसलिए सेंटर का काम शुरू नहीं हो सका।
तीन फेज में बनना था
फेज-1 : स्टार्टअप पार्क और पार्किंग टॉवर
फेज-2 : कन्वेंशन सेंटर और होटल
फेज-3 : आईटी बिल्डिंग और मॉल