सनी जाटव की मौत …. लॉकअप में फांसी नहीं लगाई, टॉर्चर से मरा ?
परिजन बोले-गमछे से फंदा लगाने की कहानी पुलिस की
आरोप- लॉकअप में फांसी नहीं लगाई, टॉर्चर से मरा; गिरफ्तारी के वक्त गमछा नहीं था
मुरैना के सिविल लाइंस थाने में सनी उर्फ बालकृष्ण जाटव की मौत से पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस का कहना है कि सनी ने गमछे से फांसी लगाकर खुदकुशी की जबकि परिजन का आरोप है कि पुलिस ने उसे थाने में टॉर्चर किया, जिससे उसकी मौत हुई। पुलिस ने बाद में गमछे से फंदा लगाने की कहानी गढ़ी।
परिजन की दलील है कि बालकृष्ण को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था और उसकी मौत 1 सितंबर को हुई। इन चार दिनों में उसके पास गमछा कैसे पहुंचा। उसके शरीर पर चोटों के निशान कहां से आए? इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि मामले की न्यायिक जांच की जा रही है, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा होगा।
बता दें कि पुलिस ने बालकृष्ण और उसके साथी सुल्तान को 9 महीने पहले अशोक जाटव की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों को जिस मोबाइल के क्लू के आधार पर गिरफ्तार किया पुलिस आज तक उसे बरामद ही नहीं कर पाई है। भास्कर ने जब इस पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि ये मोबाइल जला दिया गया है।
पुलिस ने किस आधार पर की सनी और सुल्तान की गिरफ्तारी
3 दिसंबर 2023 को मुरैना सिविल लाइंस पुलिस को महाराजपुर नहर के किनारे एक लाश मिली थी। तीन दिन बाद शव की पहचान अशोक जाटव (27) के रूप में हुई। पीएम रिपोर्ट के आधार पर 20 जनवरी को पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज किया।
अशोक के गायब मोबाइल के आधार पर पुलिस ने उसकी हत्या के आरोप में 28 अगस्त को पहले सनी जाटव और फिर सुल्तान जाटव को हिरासत में लिया था। पुलिस का दावा है कि दोनों ने पूछताछ में हत्या की बात स्वीकार की थी।
पुलिस कस्टडी में कैसे हुई सनी की मौत
गिरफ्तारी के चार दिन बाद 1 सितंबर को सिविल लाइंस थाने के हवालात में सनी का शव पड़ा मिला। पुलिस ने दावा किया – सनी ने हवालात की खिड़की से गमछे का फंदा बनाकर खुदकुशी की। सनी की मौत के बाद एसपी ने टीआई रामबाबू यादव, प्रधान आरक्षक दिनेश यादव और आरक्षक पुष्पेंद्र को निलंबित किया। इस मामले की जांच के लिए जेएमएफसी देशना जैन को न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। दूसरे आरोपी सुल्तान जाटव को जेल भेज दिया है।
सनी के परिजन ने की सीबीआई जांच की मांग
सनी उर्फ बालकृष्ण की मौत के मामले में भास्कर की टीम ग्वालियर से 15 किमी दूर जलालपुर के आगे लक्ष्मणपुरा गांव पहुंची। यहां सनी की मां रामवती मिलीं। उन्होंने बताया कि उनके पांच बच्चे हैं। सभी की शादी हो चुकी है, बस सनी की शादी बाकी थी। वो ही उनका खर्च उठा रहा था।
मां रामवती ने कहा कि उसके बेटे की हत्या की गई है। ये भी आरोप लगाया कि पुलिस वाले उसे छोड़ने के एवज में 4 लाख रु. मांग रहे थे। मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया। एक मोबाइल के चक्कर में उसे फंसाया गया। भाई कल्लू जाटव ने बताया कि 1 सितंबर को पुलिस ने उसे मुरैना बुलाया और कहा कि सनी का एक्सीडेंट हो गया है।
जब मुरैना पहुंचा तो सनी की लाश पोस्टमॉर्टम रूम में रखी थी। वहां पता चला कि उसने हवालात में फांसी लगा ली है। यदि पुलिस सच कह रही है तो मेरे थाने पहुंचने से पहले लाश को क्यों उतारा? पुलिस शव के अंतिम संस्कार का भी दबाव बना रही थी।
सुल्तान के ससुर बोले- सनी ही कातिल, मेरे दामाद को फंसाया
हत्या के इस मामले में पुलिस ने सुल्तान को भी गिरफ्तार किया है। सनी के परिजन सुल्तान पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं तो सुल्तान के परिजन सनी पर। भास्कर की टीम बानमोर में अशोक जाटव के घर पहुंची, जिसकी हत्या के आरोप में सुल्तान और सनी को गिरफ्तार किया था।
यहां अशोक के बीमार पिता जगन्नाथ मिले। उन्होंने कहा कि पुलिस दामाद को फंसा रही है। मेरे बेटे की हत्या के बाद पत्नी शकुंतला की मानसिक स्थिति खराब हो गई है। अशोक के दोनों भाइयों की पहले ही मौत हो चुकी थी। वह अकेला कमाने वाला था। चार साल से अपनी दीदी और जीजा के साथ ही रहता था।
सुल्तान की पत्नी बोली- मेरे सामने पुलिस वालों ने पति का सिर फोड़ दिया
यहां से भास्कर टीम जौरा रोड स्थित सहराना गांव पहुंची। ये सुल्तान का घर है। यहीं पर मृतक अशोक जाटव रहता था। सुल्तान की टायर पंक्चर की दुकान है। पत्नी गुड्डी बाई ने बताया कि 28 अगस्त को पुलिस उसके पति को गिरफ्तार कर ले गई।
ई रिक्शा के साथ ही टायर लीवर भी जब्त किया। जब मैं बेटे के साथ थाने पहुंची तो मेरे सामने ही पुलिस वालों ने सुल्तान के साथ मारपीट की। उनका सिर फोड़ दिया। गुड्डी बाई ने भी कहा कि सनी ने ही मेरे भाई की हत्या की और पति को मामले में झूठा फंसा दिया।
पुलिस बोली- मोबाइल सर्विलांस के आधार पर किया था मामले का खुलासा
इस पूरे प्रकरण में एएसपी डॉ. अरविंद ठाकुर ने कहा कि अशोक की हत्या का खुलासा मोबाइल सर्विलांस और तकनीक के आधार पर हुआ था। सारी कड़ी जुड़ चुकी थी। दोनों आरोपियों ने वारदात को कबूल भी लिया था। सनी के सुसाइड करने से पुलिस को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। लॉकअप में सनी के पास गमछा कैसे पहुंचा के सवाल पर बोले कि तलाशी में लापरवाही बरती गई। उसने गमछा शायद छिपा लिया था।
अब जानिए किन हालात में मिली थी अशोक जाटव की लाश
3 दिसंबर 2023 को मुरैना पुलिस को नहर किनारे एक शव पड़े होने की सूचना मिली थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि शव का चेहरा पत्थर से कुचला गया था। मौके पर खून से सने दो पत्थर भी पड़े थे। मृतक के हाथ पर एक टैटू बना था जिस पर अशोक लिखा था।
तीन दिन बाद मुरैना के बानमोर में रहने वाली पंचो जाटव नाम की महिला थाने पहुंची और उसने शव की पहचान अपने भाई अशोक जाटव के रूप में की। पुलिस को ये भी पता चला कि अशोक कुछ दिन पहले ही जमानत पर जेल से छूटा था। जेल से छूटने के बाद वह अपने दोस्त सनी उर्फ बालकृष्ण जाटव के साथ रह रहा था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने 20 जनवरी को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस का दावा अशोक के मोबाइल से अंधे कत्ल का हुआ पर्दाफाश
अशोक की बहन पंचो ने पुलिस को बताया था कि अशोक के पास एक मोबाइल हुआ करता था जो गायब है। उसने पुलिस को मोबाइल नंबर बताया। पुलिस ने मोबाइल का आईएमईआई नंबर और सिम कार्ड का नंबर हासिल किया। पुलिस ने जब आईएमईआई नंबर से मोबाइल की रिवर्स जांच की तो पता चला कि ये मोबाइल पूजा नाम की युवती इस्तेमाल कर रही है।
इससे पहले मोबाइल का इस्तेमाल किन-किन लोगों ने किया, इसकी पड़ताल करते हुए पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि अशोक का मोबाइल बालकृष्ण ने भूरा नाम के दोस्त को दिया था। उसी के जरिए ये कई लोगों के पास पहुंचा। आखिर में ये फोन उसने बड़े भाई आकाश को दिया जिसने उसे अपनी गर्लफ्रेंड पूजा को दिया था।
मगर पुलिस इस फोन को बरामद ही नहीं कर सकी क्योंकि ये मोबाइल जल चुका था। पूजा से पूछताछ में पता चला कि एक दिन आकाश से बात करते हुए उसके दूसरे दोस्त ने देख लिया था। उसने गुस्से में मोबाइल छीन कर आग में जला दिया था।
बालकृष्ण ने पूछताछ के बाद खोला अशोक की हत्या का राज : पुलिस
मुरैना एएसपी डॉ. अरविंद ठाकुर के मुताबिक सनी उर्फ बालकृष्ण ने पूछताछ में बताया कि अशोक जाटव की हत्या उसके जीजा सुल्तान ने सिर पर टायर लीवर से वार कर की थी। हत्या की वजह के बारे में बताते हुए एएसपी ने कहा कि अशोक बानमोर थाने का निगरानी बदमाश था। उसके खिलाफ चोरी, मारपीट, आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज थे।
जेल में रहने के दौरान उसकी दोस्ती बालकृष्ण से हुई थी। वह पिछले 4 साल से अपने जीजा सुल्तान और दीदी गुड्डी बाई के साथ रहता था। उसकी वजह से अक्सर पुलिस सुल्तान के घर पहुंच जाती थी, इसलिए दोनों के बीच इस बात को लेकर विवाद होता था।
दो दिसंबर की रात को भी अशोक नशे की हालत में सुल्तान के घर पहुंचा था। दोनों में फिर विवाद हुआ तब गुस्से में सुल्तान ने उसके सिर पर टायर लीवर से वार कर दिया। सिर में चोट लगते ही अशोक बेहोश होकर गिर पड़ा। सुल्तान को लगा कि शायद अशोक मर गया। उसने फोन कर सनी को बुलाया। फिर अपने ई-रिक्शा से अशोक को लेकर महाराजपुर नहर किनारे पहुंचा।