राहुल गांधी की अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक की यात्राओं पर विवाद ?
Rahul Gandhi: राहुल गांधी की अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक की यात्राओं पर विवाद, जानें पहले किन मुद्दों पर घिरे
Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिन की अमेरिका यात्रा पर हैं। इस दौरे में आरक्षण, सिख समुदाय और चीन पर दिए बयानों से भारत में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। इसके अलावा भारत विरोधी सांसद इल्हान उमर से राहुल की मुलाकात को लेकर भी भाजपा ने हमला किया है। कांग्रेस सांसद की पहले की विदेश यात्राओं पर भी खूब विवाद देखने को मिला था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। अमेरिकी दौरे पर कांग्रेस सांसद के आरक्षण, सिखों के मुद्दे पर दिए गए बयानों पर भारत में सियासी संग्राम छिड़ गया है। इसके अलावा भाजपा ने भारत विरोधी अमेरिकी सांसद से राहुल की मुलाकात को लेकर भी हमला किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं। अमेरिकी दौरे पर कांग्रेस सांसद के आरक्षण, सिखों के मुद्दे पर दिए गए बयानों पर भारत में सियासी संग्राम छिड़ गया है। इसके अलावा भाजपा ने भारत विरोधी अमेरिकी सांसद से राहुल की मुलाकात को लेकर भी हमला किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया है। इसके अलावा एनडीए के कई नेताओं ने भी राहुल के बयान की तीखी आलोचना की है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब राहुल के विदेश दौरों पर विवाद हुआ हो।
राहुल ने सोमवार (9 सितंबर) को वर्जीनिया के हर्नडॉन में एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर बात की। इस दौरान राहुल ने आरोप लगाया कि आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है। राहुल ने दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति से पूछा कि मेरे पगड़ीधारी भाई आपका क्या नाम है। कांग्रेस नेता ने कहा कि लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारा जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए हैबेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए राहुल ने कहा कि इस समस्या का सामना भारत और पश्चिम कर रहे हैं, चीन नहीं। उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय में कहा, ‘पश्चिम में रोजगार की समस्या है। भारत में रोजगार की समस्या है। लेकिन दुनिया के कई देशों में रोजगार की समस्या नहीं है। चीन में निश्चित रूप से रोजगार की समस्या नहीं है। वियतनाम में रोजगार की समस्या नहीं है।’
कांग्रेस सांसद ने दावा किया कि पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन के विचार को त्याग दिया है और इसे चीन को सौंप दिया है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत में कौशल रखने वाले लोगों के लिए सम्मान नहीं है।
इसके अलावा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने रेबर्न हाउस ऑफिस बिल्डिंग में हुई एक बैठक में इल्हान उमर समेत कई अमेरिकी सांसदों के साथ मुलाकात की। अमेरिकी डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर की भारत विरोधी के तौर पर पहचान है। 2022 में इल्हान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर भी गई थीं। इसके अलावा इल्हान अमेरिका में भारत विरोधी प्रस्ताव लाई थीं।
राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार फिर कांग्रेस के आरक्षण विरोधी चेहरे को सामने ला दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक भाजपा है तब तक न तो कोई आरक्षण खत्म कर सकता है और न ही कोई देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर सकता है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर राहुल का बयान छलावा है क्योंकि सत्ता में रहने पर कांग्रेस इसका विरोध करती है और सत्ता में न रहने पर एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण की बातें करती है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके बयानों ने कांग्रेस की मानसिकता को उजागर कर दिया है। चिराग ने कहा, राहुल गांधी जी, आरक्षण खत्म करना तो दूर, इसके बारे में सोचना भी गुनाह है!’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भरत विरोधी सांसद से राहुल की मुलाकात को लेकर भी हमला किया है। शाह ने कहा, ‘देश विरोधी बातें करना और देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत सी बन गई है। शाह ने कहा कि चाहे जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के देश विरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो, या फिर विदेशी मंचों पर भारत विरोधी बातें करनी हो, राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है।’
सिखों पर टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरदीप सिंह पुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा, ‘राहुल गांधी तथ्यों को जाने बिना बोलते हैं। सिखों को चिंता और असुरक्षा की भावना केवल राजीव गांधी के समय (1984) में महसूस हुई थी। भाजपा सरकार ने सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।’
वहीं भाजपा नेता आरपी सिंह ने चेतवनी दी कि अगर गांधी ने भारत में सिखों पर अपने बयान दोहराए तो वे उन्हें अदालत में ले जाएंगे। आरपी सिंह ने एएनआई से कहा, ‘मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वे भारत में सिखों के बारे में जो कह रहे हैं उसे दोहराएं, और फिर मैं उनके खिलाफ मामला दर्ज करूंगा और उन्हें अदालत में घसीटूंगा।’
राहुल को उनके रोजगार से जुड़े बयान के लिए भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। भाजपा ने दावा किया कि इससे उनका ‘चीन प्रेम’ उजागर हो गया है। भाजपा के सहयोगी दलों टीडीपी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने भी ‘विदेश में भारत का अपमान’ करने के लिए राहुल पर निशाना साधा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल ने कभी भी भारत का अपमान नहीं किया और न ही वह ऐसा कभी करेंगे। वहीं आरक्षण वाले बयान पर चौतरफा घिरे राहुल ने सफाई दी है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मेरे बयान को गलत तरीके से दिखाया गया है। कांग्रेस पार्टी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा करेगी। मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम तो सभी की भागीदारी के लिए राजनीति कर रहे हैं।’
मार्च 2023 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटेन की यात्रा की थी। राहुल कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। राहुल ने खुद की जासूसी करवाने का आरोप भारत सरकार पर लगाया। उन्होंने कहा कि भारत की सभी संस्थान सरकार के कब्जे में हैं। मीडिया और न्यायालयों पर भी सरकार का नियंत्रण है। राहुल ने कहा था कि मोदी सरकार भारत में मीडिया का दमन कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लंदन में हाउस ऑफ पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स में ब्रिटिश सांसदों ब्रिटिश सांसदों से कहा था कि हमारे यहां लोकसभा में अक्सर विपक्षी सदस्यों के माइक को बंद कर दिया जाता है। हालांकि, बाद में राहुल ने सफाई दी कि उन्होंने कभी अपने देश का अपमान नहीं किया है और न ही ऐसा कभी करेंगे। 2022 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया था। यहां एक भाषण में राहुल ने भारत को ‘यूनियन ऑफ स्टेट्स’ यानी भारत को ‘राज्यों के संघ’ कह दिया था। इसके अलावा ब्रिटिश लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख और सांसद जेरेमी कॉर्बिन के साथ राहुल की मुलाकात ने भारत में भी विवाद खड़ा हो गया था। भाजपा ने भाजपा ने राहुल की आलोचना करते हुए सवाल किया था कि क्या वे ब्रिटेन के विपक्षी नेता के ‘भारत विरोधी’ विचारों का समर्थन करते हैं।