हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में सीपीआर हो सकती है जीवनरक्षक !
हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में सीपीआर हो सकती है जीवनरक्षक, जानिए इसकी प्रक्रिया
हार्ट अटैक के बाद सीपीआर से कैसे बच जाती है जान? ये होता है कारण
CPR in Heart Attack : ज्यादातर लोगों को सीपीआर के बारे में पता नहीं होता है. कई लोग किसी के बेहोश होने पर उसके मुंह पर पानी छिड़कने लगते हैं, जो गलत तरीका है.
CPR in Heart Attack : आजकल कम उम्र में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ समय में 40 से कम उम्र के कई युवा हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा चुके हैं. सबसे चिंता की बात है कि हार्ट अटैक के मामले उन लोगों में देखे गए हैं, जो अक्सर जिम जाते हैं, फिटनेस को लेकर अलर्ट रहते हैं.
हार्ट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इससे बचाव के उपाय करने की जरूरत है. इसके अलावा हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए, इस बारें में भी जानना हर किसी के लिए जरूरी है. इसमें CPR जैसे उपाय शामिल हैं. कई मामलों में देखा गया है कि हार्ट अटैक के बाद तुरंत सीपीआर देकर मरीज की जान बचा ली गई है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर सीपीआर क्या है, इसे देने से जान कैसे बच जाती है…
CPR क्या है
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) है। कार्डियक अरेस्ट आने, अचानक से बेहोश होकर गिरने या मरीज की नब्ज जाने की स्थिति में यह फर्स्ट एड यानी प्राथमिक ट्रीटमेंट है। जिससे किसी की जान बचा सकते हैं। सीपीआर देने के लिए व्यक्ति को लिटाकर उसकी चेस्ट हाथ की हथेली से पुश कर पंप किया जाता है. एक मिनट में 100 से ज्यादा बार पुश करना होता है. इस दौरान हाथों की हथेली से चेस्ट के बीच के हिस्से पर दबाव डाला जाता है. ध्यान रखना चाहिए कि मरीज खुली जगह हो और आसपास भीड़ न हो.
सीपीआर देने से मरीज की जान कैसे बच जाती है
सीपीआर देने से शरीर के अंगों में ब्लड की सप्लाई फिर से शुरू हो जाती है. इससे मरीज की जान बचाने में मदद मिल सकती है. अगर हार्ट अटैक के मरीज को समय पर सीपीआर दिया जाए तो जान बच सकती है. अस्पताल पहुंचने तक वह रिकवर हो सकता है. सीपीआर की सही टेक्नीक आप हेल्थ एक्सपर्ट्स से सीख सकते हैं.
CPR देते समय किन बातों का ध्यान रखें
1. अपनी कोहनी और हाथों को सीधा रखें.
2. मरीज को जमीन पर पीठ के बल लिटाकर ही सीपीआर देना चाहिए.
3. मरीज का हाथ या पैर कुछ मुड़ा नहीं होना चाहिए.
4. चेस्ट (छाती) को सही तरह दबाना चाहिए.
5. मरीज के मुंह से अपना मुंह अच्छे से लॉक करना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.