हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में सीपीआर हो सकती है जीवनरक्षक !

हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में सीपीआर हो सकती है जीवनरक्षक, जानिए इसकी प्रक्रिया
world heart day 2023, what is Cardiopulmonary resuscitation know How to Do CPR after heart attack
पिछले दो साल के रिकॉर्ड्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि कोरोना महामारी के बाद से वैश्विक स्तर पर हृदय रोगों, विशेषतौर हार्ट अटैक के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। 40 से कम आयु के कई लोग, अभिनेताओं की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। डॉक्टर कहते हैं, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामलों के लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जाता रहा है, सभी लोगों को हृदय स्वास्थ्य के जोखिम कारकों से बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, भारत में हार्ट अटैक के शिकार लगभग 28 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है, हालांकि अगर समय रहते कुछ सावधानियां बरती जाएं तो रोगी की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर ऐसी ही एक जान बचाने वाली प्रक्रिया मानी जाती है, जिसको अगर हार्ट अटैक के बाद समय रहते प्रयोग में लाया जाए तो मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि ये सीपीआर क्या है और हार्ट अटैक की स्थिति में इसके क्या लाभ हो सकते हैं?

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क्या है सीपीआर?

कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक जीवनरक्षक तकनीक है जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थितियों में जीवनरक्षक साबित हो सकती है। सांस या दिल की धड़कन रुक जाने की स्थिति में अगर समय रहते रोगी को सीपीआर दे दिया जाए तो मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञ कहते हैं, हार्ट अटैक की स्थिति में छाती को सही गति से दबाने की यह प्रक्रिया रक्त के संचार को ठीक रखने में मददगार हो सकती है। आइए जानते हैं कि सीपीआर कितनी लाभकारी है और इसे कैसे प्रयोग में लाया जाना चाहिए?

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कैसे दिया जाता है सीपीआर?

हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर देने से सीपीआर देकर शरीर के हिस्सों में रक्त के संचार के ठीक बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसमें 100-120/मिनट की दर से छाती को दबाया जाता है। इसके लिए दोनों हाथों को इस प्रकार से जोड़ें जिससे हथेली का निचला हिस्सा छाती पर आए। इसे हथेली को छाती के केंद्र के निचले आधे हिस्से पर रखकर दबाएं। छाती को 5 सेमी तक संकुचित करें। बहुत तेज दबाव भी न डालें। इस विधि शरीर के अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलता है और ऑर्गन फेलियर के खतरे को कम किया जा सकता है।

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नोट: यह लेख विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: agrit patrika  की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को agrit patrika के ….. पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। agrit patrika  लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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हार्ट अटैक के बाद सीपीआर से कैसे बच जाती है जान? ये होता है कारण
CPR in Heart Attack : ज्यादातर लोगों को सीपीआर के बारे में पता नहीं होता है. कई लोग किसी के बेहोश होने पर उसके मुंह पर पानी छिड़कने लगते हैं, जो गलत तरीका है.

CPR in Heart Attack : आजकल कम उम्र में भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता जा रहा है. पिछले कुछ समय में 40 से कम उम्र के कई युवा हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा चुके हैं. सबसे चिंता की बात है कि हार्ट अटैक के मामले उन लोगों में देखे गए हैं, जो अक्सर जिम जाते हैं, फिटनेस को लेकर अलर्ट रहते हैं.

हार्ट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इससे बचाव के उपाय करने की जरूरत है. इसके अलावा हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए, इस बारें में भी जानना हर किसी के लिए जरूरी है. इसमें CPR जैसे उपाय शामिल हैं. कई मामलों में देखा गया है कि हार्ट अटैक के बाद तुरंत सीपीआर देकर मरीज की जान बचा ली गई है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर सीपीआर क्या है, इसे देने से जान कैसे बच जाती है…

CPR क्या है
सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (Cardiopulmonary Resuscitation) है। कार्डियक अरेस्ट आने, अचानक  से बेहोश होकर गिरने या मरीज की नब्ज जाने की स्थिति में यह फर्स्ट एड यानी प्राथमिक ट्रीटमेंट है। जिससे किसी की जान बचा सकते हैं। सीपीआर देने के लिए व्यक्ति को लिटाकर उसकी चेस्ट हाथ की हथेली से पुश कर पंप किया जाता है. एक मिनट में 100 से ज्यादा बार पुश करना होता है. इस दौरान हाथों की हथेली से चेस्ट के बीच के हिस्से पर दबाव डाला जाता है. ध्यान रखना चाहिए कि मरीज खुली जगह हो और आसपास भीड़ न हो.

सीपीआर देने से मरीज की जान कैसे बच जाती है
सीपीआर देने से शरीर के अंगों में ब्लड की सप्लाई फिर से शुरू हो जाती है. इससे मरीज की जान बचाने में मदद मिल सकती है. अगर हार्ट अटैक के मरीज को समय पर सीपीआर दिया जाए तो जान बच सकती है. अस्पताल पहुंचने तक वह रिकवर हो सकता है. सीपीआर की सही टेक्नीक आप हेल्थ एक्सपर्ट्स से सीख सकते हैं.

CPR देते समय किन बातों का ध्यान रखें

1. अपनी कोहनी और हाथों को सीधा रखें.
2. मरीज को जमीन पर पीठ के बल लिटाकर ही सीपीआर देना चाहिए.
3. मरीज का हाथ या पैर कुछ मुड़ा नहीं होना चाहिए.
4. चेस्ट (छाती) को सही तरह दबाना चाहिए.
5. मरीज के मुंह से अपना मुंह अच्छे से लॉक करना चाहिए.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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