मिसाइल इतनी ऊंची उड़ान कैसे भर लेती है, कौन से ईधन से चलती है?

मिसाइल इतनी ऊंची उड़ान कैसे भर लेती है, कौन से ईधन से चलती है? आसान भाषा में समझें पूरा विज्ञान
Israel Iran Conflict: ईरान ने इजराइल पर मिसाइल दागकर अपना बदला ले लिया है. इससे एक बार फिर मिसाइलों पर चर्चा शुरू हो गई. ऐसे में सवाल उठता है कि मिसाइलें इतनी ऊंचाई तक उड़ती कैसे हैं? इनमें कौन-कौन से ईंधन इस्तेमाल होते हैं? मिसाइलें कितनी तरह की होती हैं और किस देश के पास सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं?
मिसाइल इतनी ऊंची उड़ान कैसे भर लेती है, कौन से ईधन से चलती है? आसान भाषा में समझें पूरा विज्ञान

मारक क्षमता के आधार पर भी मिसाइलों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है….

मिसाइल कैसे इतनी ऊंची उड़ती है? ऐसा क्या होता है लॉन्चर में, कितनी तरह का ईंधन होता है इस्तेमाल? कितनी तरह को होती है मिसाइल, किस देश के पास सबसे ज्यादा मिसाइल होने का रिकॉर्डगाजा पट्टी में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई के बीच ईरान ने उस पर मिसाइलों से जोरदार हमला बोला है. 1700 किलोमीटर दूर से ईरान ने अपनी मिसाइलों से इजराइल को निशाना बनाया, जिसके बाद इजराइल ने कहा है कि वह भी जवाब देगा.

सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर मिसाइलें इतनी दूर तक और इतनी ऊंचाई तक उड़ती कैसे हैं? आइए इसके बारे में जान लेते हैं. यह भी जान लेते हैं कि इनमें कौन-कौन से ईंधन इस्तेमाल होते हैं? मिसाइलें कितनी तरह की होती हैं और किस देश के पास सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं?

मिसाइल कैसे उड़ती हैं?

हम मिसाइल को और कुछ नहीं एक गाइडेड मानवरहित रॉकेट कहें, जिसमें वारहेड (हथियार) ले जाने की क्षमता होती है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. इनको टारगेट, वारहेड और लॉन्च पैड को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाता है. अपनी जरूरत के हिसाब से यानी कितनी दूरी तक और किस ऊंचाई से हमला करना है, इसको ध्यान में रखते हुए मिसाइलों को तैयार किया जाता है. इनमें रॉकेट की ही तरह के इंजन होते हैं, जिनके बल पर रॉकेट जैसी ही तकनीक से ये आसमान की ऊंचाइयों को छूने में सक्षम होती हैं. जब इसका ईधन जलना शुरू होता है तो गैसें बनना शुरू होती हैं. जिसे मिसाइल के पीछे एक नोजल के माध्यम से प्रवाहित किया जाता है. यह क्रिया मिसाइल में दबाव पैदा करती हैं जिससे मिसाइल ऊपर जाने के लिए बाध्य हो जाती है.

Iran Missile (1)

मिसाइल की कैटेगरी उसकी खूबियों के आधार पर तय होती है….

कितनी तरह की होती हैं मिसाइलें

आमतौर पर मिसाइलों को उनके प्रकार, लॉन्च मोड, रेंज, प्रोपल्शन, वारहेड और गाइडेंस सिस्टम के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है. इनमें से आमतौर पर हमें दो तरह की मिसाइलों के बारे में सुनने को मिलता है. ये हैं क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल. क्रूज मिसाइल सेल्फ प्रोपेल्ड (स्वचालित) गाइडेड मिसाइल होती है, जो एयरो डायनेमिक लिफ्ट के जरिए उड़ान भरती है. इसका इस्तेमाल किसी हथियार अथवा किसी खास पेलोड को टारगेट पर दागने के लिए किया जाता है. क्रूज मिसाइल वायुमंडल के दायरे में ही जेट इंजन टेक्नोलॉजी से उड़ान भरती है. यह अलग-अलग तरह की होती हैं, जिनमें सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक शामिल हैं.

वहीं, बैलिस्टिक मिसाइल अपने प्रक्षेपण पथ पर हथियार के साथ या बिना हथियार के आगे बढ़ती है. इस मिसाइल को इसकी रेंज और पृथ्वी की सतह के जिस हिस्से से इसे लॉन्च किया जाता है, वहां से लक्ष्य तक की अधिकतम दूरी तक पेलोड ले जाने के आधार पर कई कैटेगरी में बांटा जाता है.

Missile

टैंक रोधी मिसाइलें भी होती हैं. फोटो: Getty Images

मारक क्षमता के आधार पर मिसाइलों की कैटेगरी

मारक क्षमता के आधार पर भी मिसाइलों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है. इनमें कम दूरी तक मार करने वाली, मध्यम दूरी तक मार करने वाली, इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं. लॉन्च मोड के आधार पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, सतह से समुद्र तक मार करने वाली मिसाइलें, हवा से सतह में, हवा से हवा में, समुद्र से तट पर और समुद्र से समुद्र में मार करने वाली मिसाइलें कैटेगराइज की जाती हैं. इसके अलावा टैंक रोधी मिसाइलें भी होती हैं.

कितनी तरह का ईधन इस्तेमाल होता है?

मिसाइलों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन के आधार पर भी इनका वर्गीकरण किया जाता है. इनमें ठोस (सॉलिड) ईंधन के रूप में एल्युमिनियम पाउडर का इस्तेमाल होता है. इस ईंधन को स्टोर करना आसान होता है और इससे चलने वाली मिसाइलें बहुत कम समय में काफी ऊंचाई पर पहुंच जाती हैं. लिक्विड या तरह ईंधन के रूप में मिसाइलों में हाइड्रोकार्बन का इस्तेमाल होता है. लिक्विड ईंधन वाली मिसाइलों का भंडारण थोड़ा मुश्किल होता है. कुछ मिसाइलें ऐसी होती हैं, जिनमें सॉलिड और लिक्विड, दोनों ही तरह के ईंधन का इस्तेमाल होता है. ऐसी मिसाइलें अलग-अलग सॉलिड और लिक्विड ईंधन से उड़ने वाली मिसाइलों की कमियों को दूर कर लेती हैं. रेड फ्यूमिंग नाइट्रिक एसिड का इस्तेमाल भी मिसाइलों में ईंधन के रूप में किया जाता है. लिक्विड फ्यूलिंग रॉकेट वाली टेक्नोलॉजी में इसका उपयोग ऑक्सीडाइजर के रूप में किया जाता है.

Missile (1)

ईरान के पास सबसे ज्यादा बैलेस्टिक मिसाइलें हैं. फोटो: Getty Images

सबसे ज्यादा मिसाइलें किसके पास?

मध्य पूर्व की बात करें तो इजराइल पर हमला करने वाले ईरान के पास सबसे ज्यादा बैलेस्टिक मिसाइलें हैं. अमेरिकी खुफिया निदेशालय की एक रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की गई है. वहीं, रूस के पास सबसे लंबी दूरी 18 हजार किमी तक मार करने वाली आरएस-28 सरमत मिसाइल है, जिसे शैतान-2 नाम से भी जाना जाता है. इससे परमाणु हमला भी किया जा सकता है. दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार भी रूस के पास ही हैं, जिनमें से आधे उसने मिसाइलों समेत लड़ाकू विमानों तक पर तैनात कर रखा है.

चीन और रूस दो ऐसे देश हैं, जिनके पास बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करने की ऐसी क्षमता है जो जिनसे संयुक्त राज्य अमेरिका पर हमला किया जा सकता है. अलग-अलग देश आए दिन मिसाइलों का परीक्षण करते रहते हैं, जिनसे इनकी संख्या घटती-बढ़ती रहती है.

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