देश में किस साल कितनी ड्रग्स पकड़ी गई ?
Drugs Seizure: देश में किस साल कितनी ड्रग्स पकड़ी गई, किन राज्यों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा?
Drugs Seizure: हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 5,620 करोड़ रुपये की ड्रग्स पकड़ी है। इसके बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। आइए जानते हैं कि देशभर में किस साल कितनी ड्रग्स पकड़ी गई है?
दिल्ली के महिपालपुर एक्सटेंशन से ड्रग्स की काफी बड़ी खेप का भंडाफोड़ हुआ है। इस मामले में मुख्य आरोपी तुषार गोयल है जो पहले यूथ कांग्रेस के आरटीआई सेल से जुड़ा था। तुषार की गिरफ्तारी को लेकर अब राजनीति भी काफी गर्म होती नजर आ रही है। गृह मंत्री अमित शाह से लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। गृह मंत्री शाह ने कहा है कि भाजपा ने नशे को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया है और 2014 के बाद से मोदी सरकार ने बड़ी मात्रा में अवैध ड्रग्स को पकड़कर नशे के कारोबार पर करारा प्रहार किया है।
आइए जानते हैं कि भारत में किस साल कितनी ड्रग्स पकड़ी गई? किन राज्यों में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा?
सबसे पहले जानते है क्या है मामला?
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के महिपालपुर एक्सटेंशन से 5,820 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद की है। पुलिस ने महिपालपुर में एक गोदाम से 562 किलोग्राम कोकीन और थाईलैंड से आया 40 किलोग्राम मारिजुआना (गांजा) बरामद किया है। पुलिस ने ड्रग तस्करों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों की पहचान तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी, हिमांशु कुमार व जितेंद्र प्रीत गिल के रूप में हुई है। इसे गैरकानूनी तरीके से भारत लाया गया था
इस पूरे मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। इस मामले का मुख्य आरोपी तुषार गोयल है, जिसे भाजपा ने यूथ कांग्रेस के आरटीआई सेल का प्रमुख बताया। इसे लेकर भाजपा ने एक्स के माध्यम से कांग्रेस को युवाओं को नशे में धकेलने वाला कहा। हालांकि, यूथ कांग्रेस ने तुषार के जुड़ाव से खुद को अलग बताया और भाजपा को कानूनी मुकदमे की चेतावनी भी दी।
शनिवार (5 अक्तूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के दौरे पर पहुंचे थे। यहीं से उन्होंने दिल्ली में बरामद हुई करोड़ों की ड्रग्स को लेकर कांग्रेस को घेरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हजारों करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। कांग्रेस के एक नेता पर इसका सरगना होने का संदेह है। कांग्रेस युवाओं को नशे की ओर धकेल कर मिलने वाले पैसे से चुनाव लड़ना चाहती है। हमें ऐसे एजेंडों से सावधान रहना चाहिए।
दिल्ली ड्रग्स केस पर गृह मंत्री का बयान
इस मामले में गुरुवार (4 अक्तूबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया था। अमित शाह ने कांग्रेस पर ड्रग्स को लेकर काफी आरोप लगाए। अमित शाह ने कहा, ‘अभी हाल ही में दिल्ली में हजारों करोड़ रुपए का ड्रग्स पकड़ा गया और इस ड्रग्स रैकेट का मुख्य सरगना कांग्रेस का एक नेता निकला। कांग्रेस युवाओं को नशे की लत में धकेल कर उस पैसे से चुनाव लड़ना और जीतना चाहती है। हमें इस खतरे से सावधान रहना है।’
आगे अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस ने हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, दिल्ली सहित समग्र उत्तर भारत को नशे के कारोबार में डुबो दिया, जबकि मोदी सरकार ने बड़ी मात्रा में अवैध ड्रग्स को पकड़ नशे के कारोबार पर करारा प्रहार किया। एक ओर जहां मोदी सरकार नशामुक्त भारत के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है, वहीं उत्तर भारत से पकड़ी गई ड्रग्स की ₹5,600 करोड़ की खेप में कांग्रेस के एक प्रमुख व्यक्ति की संलिप्तता बेहद खतरनाक और शर्मनाक है।’
पिछले 10 सालों में कितनी ड्रग्स पकड़ी गई?
जुलाई में गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक कार्यक्रम में मादक पदार्थों के परिदृश्य पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी। इस दौरान गृह मंत्री शाह ने पिछले वर्षों में एनसीबी द्वारा पकड़ी गई ड्रग्स का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2004 से 2014 तक कुल 1,250 केस दर्ज हुए जबकि 2014 से 2024 तक के 10 साल में 230 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,150 केस दर्ज हुए। 2004 से 2014 के बीच कुल 1,360 गिरफ्तारी हुई जो अब 6,300 हो गए हैं। इसी प्रकार, 2004 से 2014 के बीच 1 लाख 52 हजार किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई जबकि 2014 से 2024 के बीच 257 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5 लाख 43 हजार किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई है। 2004 से 2014 के बीच जब्त की गई ड्रग्स का मूल्य 5,900 करोड़ रुपए था जबकि 2014 से 2024 के बीच जब्त की गई ड्रग्स का मूल्य 22,000 करोड़ रूपए है। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक संगठित अप्रोच के तहत हम 10 साल में ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई को एक अंजाम तक पहुंचाने में सफल रहे हैं।
किस साल कितनी ड्रग्स पकड़ी गई?
जुलाई 2024 में राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 2020 से 2022 तक तीन वर्षों में पकड़ी गई ड्रग्स के आंकड़े जारी किए गए थे। पकड़ी गई ड्रग्स में अफीम आधारित ड्रग्स, कैनबिस आधारित ड्रग्स, कोकेन, मनोवैज्ञानिक पदार्थ, दवाई बनाने वाले ड्रग्स, एसिटिक एनहाइड्राइड, अन्य दवाएं शामिल थीं। सबसे ज्यादा जब्ती वाले पांच राज्यों की बात करें तो 2020 में तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 298682.785 किलोग्राम अफीम, कैनबिस और कोकेन जब्त की गई। उसके बाद राजस्थान में 145363.673 किग्रा, उत्तर प्रदेश में 144434.195 किग्रा, आंध्र प्रदेश में 106042.775 किग्रा, ओडिशा में 81847.001 किग्रा पकड़ी गई। 5 ऐसे राज्य बताने वाले है जहां 2020 से 2022 में अफीम, कैनबिस और कोकीन सबसे भारी मात्रा में पकड़ी गई।
2021 में कितनी ड्रग्स पकड़ी गई?
2021 में आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 191712.567 किलोग्राम अफीम, कैनबिस और कोकीन को पकड़ा गया। उसके बाद ओडिशा में 169432.735 किग्रा, राजस्थान में 135220.557 किग्रा, उत्तर प्रदेश में 105604.285 किग्रा, मध्य प्रदेश में 64164.611 किग्रा ये ड्रग्स जब्त की गईं।
2022 में कितनी ड्रग्स पकड़ी गई
2022 में देखें तो उत्तर प्रदेश में 1035259.982 किलोग्राम अफीम, कैनबिस और कोकेन को पकड़ा गया। उसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश में 169222.537 किग्रा, राजस्थान में 155147.736 किग्रा, ओडिशा में 144181.034 किग्रा, मध्य प्रदेश में 68355.626 किग्रा ड्रग्स पकड़े जाने के मामले में कतार में रहे।