फर्जी NGO मामला: IAS अधिकारियों ने दायर की पुनर्विचार याचिका, कोर्ट ने दिया है FIR का आदेश

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्य के दो पूर्व मुख्य सचिव समेत 12 अफसरों के खिलाफ सीबीआई को FIR दर्ज करने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद सभी IAS अधिकारियों ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है.

IAS अधिकारी सतीश पांडेय, आलोक शुक्ला, सुनील कुजूर, विवेक ढांड, एमके राउत और अन्य की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि यह आदेश नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है. हमें सुनवाई के लिए मौका नहीं दिया गया है. मामले में दायर पुनर्विचार याचिका पर संभवतः सोमवार को सुनवाई हो सकती है.

आपको बता दें कि, सभी अफसरों पर भाजपा शासनकाल के दौरान करीब 14 वर्षों में फर्जी एनजीओ बनाकर 1000 करोड़ रुपए के घोटाला करने का आरोप है. इन्होंने अलग-अलग नामों से NGO बनाकर शासन के कई कार्य और योजनाओं के तहत पैसे रिलीज करवाये और कमीशनखोरी की. इनमें से एक पूर्व आईएएस अफसर रियल अग्रवाल को भ्रष्टाचार के मामलों के तहत जबरिया सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है. जबकि कई आरोपी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

इन भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर FIR

इनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व  मुख्य सचिव विवेक कांड का नाम है, जो वर्तमान में RERA के अध्यक्ष हैं. इसके अलावा राज्य सहकारिता निर्वाचन आयोग के आयुक्त संजय कुजूर का भी नाम घोटालेबाजों में है. इनके अलावा योग आयोग के अध्यक्ष एमएल पांडे, पूर्व आईएएस व राज्य सूचना आयोग के आयुक्त एमके राउत, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आईएएस आलोक शुक्ला, आईएएस बीएल अग्रवाल, आईएएस पीपी सोती, सतीश पांडे, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलको, एमएल पांडे और पंकज वर्मा शामिल हैं.

इन सभी अधिकारियों के खिलाफ आदिवासी कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी व कांग्रेस नेता कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से 2018 में जनहित याचिका लगाई थी. जिस पर कोर्ट ने एफआईआर का आदेश दिया है.

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