अब खरीद पाएंगे सिर्फ हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी , 18 और शहरों के लिए बना कानून
अब खरीद पाएंगे सिर्फ हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी , 18 और शहरों के लिए बना कानून
आम आदमी के साथ सोना खरीदते वक्त धोखाधड़ी ना हो, इसके लिए देश में गोल्ड ज्वैलरी की हॉलमार्किंग का कानून बनाया गया है. अब इस लिस्ट में 18 और शहरों को शामिल कर दिया गया है. यहां बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदना मुमकिन नहीं होगा.
आम आदमी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से जैसे-तैसे सोने की ज्वैलरी बनवाता है. ऐसे में उसके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी ना हो, इसके लिए ज्वैलरी की हॉलमार्किंग और उन पर एचयूआईडी कोड रजिस्टर करने का कानून बनाया गया है. इसे देश के अलग-अलग शहरों के लिए अनिवार्य बना दिया गया है और अब इस लिस्ट में 18 और शहरों को शामिल कर दिया गया है.
इन राज्यों में हुआ योजना का विस्तारसरकार के बयान के मुताबिक अनिवार्य हॉलमार्किंग का ये विस्तार 5 नवंबर से प्रभावी है. इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिले शामिल किए गए हैं. इससे पहले 3 अलग-अलग चरणों में देश के कई शहरों में इस योजना का विस्तार किया जा चुका है.
1.94 लाख ज्वैलर्स रजिस्टर्डसरकार ने बताया कि हॉलमार्किंग ज्वैलरी बेचने वाले ज्वैलर्स की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. पहले इस इनिशिएटिव के तहत 34,647 ज्वैलर्स रजिस्टर्ड थे. अब इनकी संख्या बढ़कर 1,94,039 हो गई है. वहीं ज्वैलरी की परख करके उन पर हॉलमार्किंग करने वाले सेंटर्स की संख्या 945 से बढ़कर 1,622 हो गई है.
देश में 40 करोड़ हॉलमार्क गहने
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 40 करोड़ से अधिक हॉलमार्क गहने बेचे जा चुके हैं. इन सभी पर विशिष्ट एचयूआईडी कोड दर्ज है. एचयूआईडी कोड एक अल्फा न्यूमेरिक कोड होता है, जो किसी गहने की शुद्धता, उसे परखने वाली लैब और उसे बनाने वाले ज्वैलर की जानकारी देता है. इस कोड को डालकर किसी भी जगह पर उस गहने की गुणवत्ता चेक की जा सकती है.
ग्राहक बीआईएस केयर मोबाइल ऐप का उपयोग करके हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों की प्रामाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं. उसकी गुणवत्ता या बीआईएस के निशान के दुरुपयोग के बारे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
……………………………
हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर से खुद जांच सकेंगे शुद्धता, इसके और भी हैं फायदे