HUID क्या है? 

हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है जिसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं। हॉलमार्क में 4 अंक होते थे। इस नंबर की मदद से आपको ज्वैलरी से संबंधित सभी जानकारियां मिल जाएंगी। ज्वैलर्स को इसकी जानकारी बीआईएस के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होती है।

HUID और हॉलमार्किंग में क्या अंतर है? 

हॉलमार्किंग की तुलना में HUID के तहत आप ज्यादा पारदर्शी तरीके से अपनी ज्वैलरी की जानकारी ले सकते हैं। HUID की मदद से आप अपनी ज्वैलरी की पहचान ऑनलाइन कर सकते हैं। हॉलमार्किंग के तहत ये सुविधा नहीं थी। इस नई व्यवस्था के तहत हर ज्वैलरी का एक अलग नम्बर होगा।

HUID के तहत क्या अतिरिक्त जानकारी मिलेगी? 

HUID नम्बर के जरिए आप ये जान सकेंगे की आपकी ज्वैलरी किस ज्वैलर ने बनाई है। साथ ही आप अपनी ज्वैलरी की प्योरिटी के साथ ही उसका वजन भी जान सकेंगे। हॉलमार्किंग के तहत ज्वैलरी का वजन नहीं बताया जाता था।

क्या पुरानी ज्वैलरी का भी HUID बनवाना होगा? 

पुरानी या आपके घर में रखी ज्वैलरी के लिए HUID अनिवार्य नहीं है। लेकिन अगर आप चाहें तो किसी हॉलमार्किंग सेंटर जा कर उसकी मार्किंग करा सकते हैं।

क्या HUID बनवाने के लिए कोई शुल्क देना होगा? 

ज्वैलर्स या कोई व्यक्ति जब चाहे हॉलमार्किंग केंद्र जाकर अपनी ज्वैलरी का HUID बनवा सकता है। इसके लिए प्रति ज्वैलरी 45 रुपये देने होंगे। जीएसटी के बाद ये शुल्क 53.20 रुपये होगा।

क्या एक्स्पोर्टर्स को भी ज्वैलरी का HUID जनरेट कराना होगा? 

ज्वैलरी का एक्सपोर्ट करने पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नम्बर जनरेट कराना अनिवार्य नहीं है। एक्सपोर्टर्स को इसमें रियायत दी गई है।

क्या HUID कॉपी कर किसी और ज्वैलरी पर लगाया जा सकता है? 

HUID हर ज्वैलरी के लिए अलग होगा। अगर कोई अंगूठी है तो हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन के तहत आप जान सकेंगे कि वो ज्वैलरी अंगूठी है, उसका क्या वजन है उसका रंग क्या है, ये ज्वैलरी किस ज्वैलर ने बनाई है। अगर इस ज्वैलरी में किसी तरह की कमी होती है तो उसके लिए ज्वैलर पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।

सोने की हॉलमार्किंग क्यों जरूरी है ? 

भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वहीं देश में सोने में मिलावट की घटनाएं भी आम हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को संरक्षण देने और मिलावटी सोने की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सोने की हॉलमार्किंग की व्यवस्था शुरू की है।

HUID डेटा प्राइवेसी के लिहाज से कितना सुरक्षित है? 

जून 2021 में भारत सरकार ने नकली सोने की बिक्री पर लगाम लगाने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य की थी। इस नई व्यवस्था से सोना बेचने वाले छोटे-बड़े सभी ज्वैलर ऑटोमेटिकली रजिस्टर्ड हो जाएंगे। किस ज्वैलर ने कितना सोना बेचा है और किसे बेचा है, सरकार इसकी जानकारी रख सकेगी। HUID नंबर डेटा प्राइवेसी के लिहाज से भी पूरी तरह से सुरक्षित है।

HUID वाली ज्वैलरी की शुद्धता कैसे जांच सकेंगे? 

सोने की शुद्धता जांचने के लिए आपको ‘बीआईएस केअर ऐप’ डाउनलोड करना होगा। इसके बाद इसके बाद ऐप के ‘वेरीफाई HUID’ सेक्शन में जाकर ज्वैलरी की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

4 अंकों वाले पुराने हॉलमार्किंग नंबर को क्यों खत्म किया गया? 

16 जून 2021 तक सोने की हॉलमार्किंग करना अनिवार्य नहीं था। ये सोना खरीदने और बेचने वालों की इच्छा पर निर्भर करता था। तब HUID नंबर 4 अंकों का होता था। इसके बाद 1 जुलाई 2021 से हॉलमार्क नंबर 6 अंकों का कर दिया गया। अब सरकार ने 4 डिजिट और 6 डिजिट हॉलमार्किंग को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए यह अहम फैसला लिया है। नए नियम के तहत एक अप्रैल से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग मान्य होंगे। चार डिजिट वाली हॉलमार्किंग पूरी तरह बंद हो जाएगी।

क्या ज्वैलर्स पुरानी चार अंकों वाली हॉलमार्क ज्वैलरी बेच सकेंगे? 

इस नए नियम को लागू होने से पहले चार अंकों वाली ज्वैलरी का स्टॉक खाली करने के लिए ज्वैलर्स को एक साल नौ महीने का समय दिया गया था। अब वह समय सीमा खत्म हो गई है। अब सिर्फ 6 अंक वाली HUID ज्वैलरी की ही बिक्री होगी।

क्या सोने के बिस्किट और सिक्कों पर भी HUID मार्किंग होगी? 

हां, ज्वैलर्स को ज्वैलरी के साथ ही HUID नम्बर वाले सोने के बिस्किट और सिक्के बेचने होंगे। हालांकि, ज्वैलर्स उपभोक्ताओं से बिना हॉलमार्क के पुराने सोने के आभूषण , बिस्किट और सिक्के वापस खरीदना जारी रख सकते हैं।

क्या नया HUID नम्बर चांदी के लिए भी अनिवार्य है? 

HUID हॉलमार्किंग का नया नियम फिलहाल सिर्फ सोना के लिए है ये चांदी के लिए नहीं है।

क्या नई व्यवस्था के चलते सोना महंगा हो जाएगा? 

हॉलमार्किंग के लिए ज्वैलर को एक ज्वैलरी के लिए सिर्फ 45 रुपये देने होंगे। वहीं हॉलमार्क ज्वैलरी के लिए ज्वैलर्स पहले से शुल्क ले रहे थे। ऐसे में कीमतों पर कोई असर नहीं होगा।

क्या ज्वैलरी के वजन या आकार के हिसाब से HUID कराने के चार्ज बदलेंगे? 

नहीं, ज्वैलरी भारी हो या हल्की, छोटी हो या बड़ी, ज्वैलरी के एक पीस के लिए आपको सिर्फ 45 रुपये शुल्क और जीएसटी देना होगा।

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जो सोना आप खरीद रहे हैं क्या वो असली है ? ऐसे करें पहचान

ऐसे करें असली और नकली की पहचान

जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में अब हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। इसका मतलब अब आपको खरा सोना मिलेगा। हॉलमार्किंग शुद्धता की गारंटी होती है लेकिन, फिर भी अगर कोई ज्वेलर आपको धोखा दे रहा हो तो उसकी पहचान करने के लिए खुद से पहचान होनी चाहिए। असली और नकली सोना पहचानना आसान है। जानिए क्या होती हैं टिप्स…..

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– हॉलमार्क से असली सोने को पहचानना सबसे आसान है। भारत में BIS संस्था ग्राहकों को बेचे जा रहे आभूषण की गुणवत्ता स्तर की जांच करती है। इसलिए BIS हॉलमार्क देखकर सोना खरीदें।

– हॉलमार्क को भी देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है और उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है।

-आप सिरके की मदद से भी सोने की पहचान कर सकते हैं। सिरके की कुछ बूंदों को सोने की ज्वेलरी पर डालें अगर इसका रंग में कोई बदलाव नहीं होता तो समझिए सोना असली है. वहीं, अगर इसका रंग बदलता है तो यह नकली है।

– आप पिन से सोने पर हल्का सा खरोच लगाएं और फिर उस खरोच पर नाइट्रिक एसिड की एक बूंद डाले। नकली सोना तुरंत ही हरा हो जाएगा, जबकि असली सोने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

– आप खनक से भी असली और नकली सिक्कों की पहचान कर सकते हैं। मेटल पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है. प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है.

– सोना हमेशा विश्वसनीय दुकान से ही सोना खरीदें। बड़े शोरुम आदि पर भी विश्वास किया जा सकता है, क्योंकि ये आपको सोने के असली होने को लेकर पूरे जरुरी दस्तावेज देते हैं.

– पसीने के संपर्क में आने पर अगर सोना सिक्के की तरह दुर्गंध दे तो इसका मतलब उसमें मिलावट है। असली सोना गंध नहीं देता।

– सोने को एक कप पानी में डालें. नकली सोना हल्का तैरने लगता है, जबकि असली पूरी तरह बैठ जाता है।

– नकली सोने पर काले या हरे धब्बे भी दिख सकते हैं।