थप्पड़ मारने वाले नेताओं की है लंबी लिस्ट !
नरेश मीणा ही नहीं, राजस्थान में अधिकारियों को थप्पड़ मारने वाले नेताओं की है लंबी लिस्ट
नरेश मीणा ने जो एसडीएम को थप्पड़ जड़ा है, उसकी गूंज पूरे राजस्थान में है, लेकिन राजस्थान की सियासत में मीणा पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी अधिकारियों की पिटाई की है. लिस्ट में इन नामों के बारे में भी जानिए…
राजस्थान उपचुनाव में वोटिंग के दौरान देवली-उनियारा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया. अब यह थप्पड़ कांड पूरे राजस्थान की सियासत में सुर्खियां बटोर रही है. एसडीएम को थप्पड़ मारने की वजह से जहां पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. अमित चौधरी को थप्पड़ मारने का मामला जाति की लड़ाई में भी बदल रहा है. चौधरी जाट समुदाय से आते हैं, जबकि नरेश मीणा समुदाय के हैं.
इस स्टोरी में इन्हीं नेताओं की कहानी विस्तार से पढ़िए…
लिस्ट में पहला नाम किरोड़ी लाल मीणा का2011 में दौसा के तत्कालीन सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी एक पुलिस अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया था. दरअसल, एक मामले को लेकर किरोड़ी जिलाधिकारी से मिलना चाह रहे थे. इसी दौरान पुलिस के अधिकारी उन्हें नहीं जाने देने पर अड़ गए.
पहले तो अधिकारी से किरोड़ी ने नोकझोंक की लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया. इस केस में किरोड़ी लाल पर मुकदमा दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
किरोड़ी के जेल जाने के बाद उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए. राजनीतिक नफा-नुकसान देखने के बाद तत्कालीन अशोक गहलोत की सरकार ने किरोड़ी को रिहा कर दिया.
किरोड़ी लाल मीणा वर्तमान में भजनलाल शर्मा सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं. उनकी गिनती राज्य के मीणा समुदाय के बड़े नेताओं में होती है.
रिश्वत पर भड़के सीपी भी मार चुके हैं थप्पड़नवंबर 2022 में रिश्वत को लेकर भड़के बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सीपी जोशी भी एक सरकारी कर्मचारी को थप्पड़ मार चुके हैं. दरअसल, चित्तौड़गढ़ के तत्कालीन सांसद सीपी को खबर मिली कि नारकोटिक्स विभाग के एक कर्मचारी रिश्वत मांग रहे हैं.
इससे नाराज होकर सीपी ने उस कर्मचारी को थप्पड़ जड़ दिया. इस मामले में सीपी की खूब किरकिरी हुई. हालांकि, उन पर कोई बड़ा दंडात्मक एक्शन नहीं लिया गया.
थप्पड़ मारने वालों में चांदना का भी नाम2018 में राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना पर बिजली विभाग के एक अधिकारी जेपी मीणा को पिटने का आरोप लगा. मीणा के मुताबिक चांदना ने उन्हें बेवजह थप्पड़ जड़ दिया. उस वक्त सियासी तौर पर इस मामले ने खूब तूल पकड़ा था.
दरअसल, चादंना अपने क्षेत्र में बिजली विभाग के एक कर्मचारी की नियुक्ति से नाराज थे. चांदना का कहना था कि कर्मचारी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है फिर भी विभाग के अधिकारी उसे हटाना नहीं चाह रहे हैं.
इस घटना ने राजस्थान में मीणा वर्सेज गुर्जर का भी रूप ले लिया था. हालांकि, तत्कालीन अशोक गहलोत की सरकार ने इसे बढ़िया तरीके से हैंडल कर लिया.
डिन्डोरे ने सरकारी डॉक्टर को पीट दियाजनवरी 2021 में सागवाड़ा से बीटीपी के तत्कालीन विधायक राम प्रसाद डिन्डोरे ने अस्पताल निरीक्षण के दौरान एक सरकारी डॉक्टर को थप्पड़ जड़ दिया. डिन्डोरे का कहना था कि डॉक्टर ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे और लगातार उसकी शिकायत आ रही थी.
इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि तत्कालीन गहलोत सरकार सीआईडी-सीबी को जांच सौंपनी पड़ी. हालांकि, डिन्डोरे पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो पाई. इसकी वजह राजस्थान की सियासत है. डिन्डोरे ने बाद के दिनों में गहलोत सरकार को समर्थन दे दिया था.
मल्लिंगा ने दलित अधिकारी की हड्डी तोड़ दी2022 में कांग्रेस के तत्कालीन विधायक गिर्राज मल्लिंगा पर बिजली विभाग के एक दलित अधिकारी को पिटने का आरोप लगा. बिजली विभाग के अधिकारी हर्षपति वाल्मीकि ने आरोप लगाया कि मल्लिंगा और उनके समर्थकों ने एक मामले को लेकर उनकी जमकर पिटाई कर दी.
इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ, लेकिन मल्लिंगा पर तत्कालीन अशोक गहलोत की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. हालांकि, जब मामला हाईकमान स्तर पह पहुंचा तो2023 के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे ने मल्लिंगा का टिकट काट दिया, जिससे नाराज मल्लिंगा बीजेपी में शामिल हो गए.