75 मिनट जांच… साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ; आग लगने की ये वजह आई सामने

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: 75 मिनट जांच… साढ़े पांच घंटे तक पूछताछ; आग लगने की ये वजह आई सामने

झांसी मेडिकल कॉलेज में जांच करने पहुंचीं लखनऊ से आई चार सदस्यीय टीम ने जांच की। इसके बाद डॉक्टर, स्टाफ और परिजन से पूछताछ की। आग से बचाए गए एक और शिशु की मौत हो गई है। अब तक 12 नवजातों की जान जा चुकी है। टीम आज भी जांच करेगी।
झांसी महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में शुक्रवार को आग लगने के कारणों का पता लगाने लखनऊ की चार सदस्यीय टीम सोमवार को पहुंची। टीम ने करीब 35 मिनट तक जले हुए एसएनसीयू की जांच की। 40 मिनट वार्ड पांच में भर्ती नवजातों के परिजन से बात की। करीब साढ़े पांच घंटे तक छह मृत शिशुओं के परिजन समेत 20 डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ के बयान दर्ज किए गए। टीम मंगलवार को भी रहेगी। टीम को सात दिनों में रिपोर्ट देनी है।
Jhansi Medical College fire case 75 minutes of investigation five and a half hours of interrogation
हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई
वहीं, अग्निकांड में बचाए गए जालौन के ग्राम पीपरी अटकइयां निवासी मुस्कान पत्नी विशाल के बच्चे की मौत हो गई। अब मरने वाले बच्चों की संख्या 12 हो गई है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती तीन बच्चे अब भी गंभीर हैं। टीम की अध्यक्षता कर रहीं चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह ने हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया है। उन्होंने कहा कि पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी। इसके बाद नजदीक के वेंटिलेटर में भी आग लगने से यह हादसा हुआ।
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टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में ली जानकारी
सोमवार सुबह करीब 11 बजे किंजल सिंह, अग्निशमन विभाग के अपर निदेशक अरुण कुमार, निदेशक, उपचार डॉ. भानु प्रताप सिंह कल्याणी और एडी बिजली रवि कुमार मेडिकल कॉलेज । टीम ने पहले एसएनसीयू का निरीक्षण किया। इसके बाद के सदस्य वार्ड नंबर पांच में बनाए 10 बेड के एसएनसीयू वार्ड पहुंचे। यहां उन्होंने भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
Jhansi Medical College fire case 75 minutes of investigation five and a half hours of interrogation
एसएनसीयू में भर्ती आग की चपेट में आए बच्चों का इलाज करती चिकित्सक ….
मृत शिशुओं के परिजन समेत 20 डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ
जांच टीम ने पहले अग्निकांड के दौरान तैनात नौ कर्मियों सहित कुल 20 डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ से पूछताछ की। इसके बाद मृत नवजातों के परिजन से घटना के बारे में जानकारी ली। इसके बाद टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनएस सेंगर, प्रमुख चिकित्साधीक्षक डॉ. सुनीता भदौरिया, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंदेल, वाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओमशंकर चौरसिया से पूछताछ की। वहीं, कॉलेज के जेई सुजीत और बिजली कर्मियों से भी घटना के बारे में जाना।
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बिजली के उपकरणों की गुणवत्ता की जांच होगी
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने बताया कि शॉर्ट सर्किट की वजह पता करने के लिए बिजली विभाग की टीम भी जांच करेगी। टीम के साथ बिजली विभाग के एक्सपर्ट भी होंगे, पता किया जाएगा कि कहीं क्षमता से ज्यादा लोड तो नहीं था। जिन बिजली के उपकरणों को लगाया गया, उनकी क्षमता और गुणवत्ता सही थी या नहीं। यह भी पता लगाया जाएगा कि कहीं अचानक वोल्टेज तो नहीं बढ़ा, जिससे शॉर्ट सर्किट हुआ।
 

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