नए DGP बोले- साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना प्राथमिकता … डिसिप्लिन और पीपुल्स फ्रेंडली पुलिसिंग करेंगे
मध्य प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाना बतौर डीजीपी सोमवार को मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना, डिसिप्लिन तथा रुल ऑफ लॉ का अधिक कड़ाई से पालन कराने को अपनी पहली प्राथमिकता बताया।
इसके साथ उन्होंने कहा कि पीपुल्स फ्रेंडली पुलिसिंग भी उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगी। नशे के सौदागरों के खिलाफ अभियान चलाकर पहले से अधिक सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां बड़ी चुनौती
डीजीपी ने बताया कि 2028 में होने वाले सिंहस्थ की तैयारियां बड़ी चुनौती होगी। मैदानी पुलिस को अधिक मजबूती देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तैयार की जाएगी। प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क का विस्तार करने पर उनका फोकस है।
लोग अपराधों से कम एक्सीडेंट से ज्यादा जान गवा रहे हैं, यह बड़ी चिंता का विषय है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ब्लैक और डार्क स्पॉट चिह्नित कर इंजीनियरिंग की खामियों को तलाशेंगे। नए सिरे से ऐसे स्पॉट्स पर काम करेंगे।
जनता की सुनवाई और त्वरित कार्रवाई
डीजीपी ने बताया कि पुलिस थानों में जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थानीय स्तर पर शिकायतें गंभीरता से ली जाएं और समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाए।
लापता लोगों के लिए अभियान
लापता व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के बीच, मकवाना ने एक विशेष अभियान चलाने की घोषणा की, जो लापता लोगों की खोज में सहायक होगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस दिशा में पुलिस का सहयोग करें ताकि लापता व्यक्तियों को जल्दी खोजा जा सके।
तकनीकी सुधार
डीजीपी ने बताया पुलिस के तकनीकी सशक्तिकरण की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि हमारी पुलिस को नवीनतम तकनीक के साथ अपडेट किया जाएगा ताकि वे अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।कैलाश मकवाना की प्रेसवार्ता में उठाए गए मुद्दे न केवल पुलिस विभाग की दिशा को स्पष्ट करते हैं बल्कि नागरिकों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं। इस नए दिशा निर्देशन के साथ, उम्मीद है कि मध्य प्रदेश पुलिस जनता के प्रति और अधिक संवेदनशील, प्रभावी और जवाबदेह बनेगी।
बड़े स्तर पर अवेयरनेस प्रोग्राम चलाएंगे
डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराधों से बचाने आम जनता को अवेयर करने के लिए प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर अवेयरनेस प्रोग्राम चलाए जाएंगे। सोशल मीडिया पर भी लोगों को अवेयर करने के लिए पुलिस काम करेगी। जिससे साइबर अपराधों में कमी लाने में मदद मिल सके।
मानव तस्करी और बाल अपराधों अंकुश लगाएंगे
डीजीपी ने बताया कि मानव तस्करी और बाल अपराधों पर अंकुश लगाने समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। बाल अपराधों के प्रति मध्य प्रदेश पुलिस संवेदनशील है। लगातार बाल अपराधों में लिप्त रहने वालों के खिलाफ अधिक प्रभावी कार्रवाई करांगे।
1988 बैच के आईपीएस हैं मकवाना
1988 बैच के आईपीएस ऑफिसर कैलाश मकवाना इससे पहले मप्र पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रहे हैं। अब वे एमपी के 32 वे डीजीपी बने हैं। मकवाना दिसंबर 2025 में रिटायर होंगे। बता दें कि पूर्व डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर 2024 को रिटायर हुए थे। डीजीपी का साढ़े तीन साल के अंदर 7 बार तबादला हुआ था। कमलनाथ सरकार के दौरान ही वे तीन बार इधर से उधर किए गए थे।
मकवाना की गिनती तेज तर्रार अफसरों में
शिवराज सरकार के कार्यकाल में मकवाना लोकायुक्त के डीजी थे। हालांकि वे छह महीने ही इस पद पर रहे। दरअसल, मकवाना ने लोकायुक्त में डीजी बनते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में तेजी ला दी थी। उन्होंने ठंडे बस्ते में पड़ी कई लंबित फाइल खोली और जांच शुरू की।