शिक्षा में असल काम की जगह की है धोखाधड़ी ?
दिल्ली में AAP सरकार ने की है ‘जादूगरी’, शिक्षा में असल काम की जगह की है धोखाधड़ी
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार लगभग 11 सालों से सत्ता में है. दिल्ली में हुई तथाकथित शिक्षा क्रांति की बात करें तो यहां के सरकारी स्कूलों की बात करें या फिर पिछले दो साल से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के स्कूलों में भी आम आदमी पार्टी ही है. सरकार ने इन स्कूलों में जादू की तरह काम किया है. इस सरकार ने कोई ज्यादा काम नहीं किया है. कुछ स्कूलों को रंग-रोगन करके उसकी इमारतों को चमका दिया, कुछ चुनिंदा स्कूलों की व्यवस्थाएं ठीक कर दीं, कुछ नए क्लास रूम बना दिए, लेकिन इस सरकार ने इस कार्य में भी घोटाला किया.
शिक्षा के नाम पर हुए घोटाले
पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले के आरोपी हैं. उनके खिलाफ वैसे भी कोर्ट में केस चल रहा है. शराब घोटाले के वह मुख्य आरोपी हैं. स्कूल का एक-एक कमरे का निर्माण कराने के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के समय में जो कमरे बनाए गए, एक क्लास रूम बनाने में 20-20 लाख रुपये खर्च किए गए. यह खर्चा एक क्लास रूम बनाने का हैं, एक स्कूल बनाने का नहीं है. उस एक क्लास रूम में बेंच, कुर्सियां, पेंट वगैरह सारी चीजों में इनका इतना बड़ा खर्च हुआ और उसका कोर्ट में केस चल रहा है.
जादूगर है दिल्ली की AAP सरकार
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को जादूगर इसलिए बोला है कि बीते दस साल के आंकड़ों को समझेंगे तो यह खेल समझ में आता है. इन्होंने शुरुआती दो से तीन सालों में आप सरकार ने बोर्ड का रिजल्ट अच्छा करने के लिए कमाल का काम किया. 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्र फेल हो जाते थे तो उनको पास करने के लिए सरकारी स्कूल की सप्लिमेंट्री परीक्षा देने के लिए फिर से सरकारी स्कूल में दाखिला दे दिया जाता था. अब AAP सरकार ने इसके लिए साफ मना कर दिया. इन्होंने साफ मना कर दिया उन बच्चों को कि अब यहां इसके लिए दाखिला नहीं होगा. खुला (ओपन) स्कूल या किसी और स्कूल में एडमिशन लो और उन असफल छात्रों का प्रवेश नहीं लिया गया. दिल्ली में छात्रों के स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की संख्या बढ़ गई. दिल्ली की मौजूदा सरकार ने बोर्ड की परीक्षा में रिजल्ट अच्छा दिखाने के लिए ऐसा किया.
न्यायालय की कड़ी टिप्पणी
करीब छ-सात महीने पहले दिल्ली के न्यायालय ने एक वक्तव्य दिया था जिसमें कोर्ट ने कहा कि तिहाड़ में अपराधियों कि संख्या बढ़ रही है क्योंकि यहां की शिक्षा व्यवस्था में कमी है. बच्चों को सही तरीके से शिक्षा नहीं दी जा रहा हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं. इस स्थिति में कैसे हम और आप मान लें कि महज कुछ स्कूलों को रंग देने से, स्कूल की इमारत को चमका देने से दिल्ली सरकार ने अच्छी शिक्षा दी है, क्रांति की है.
वैसे भी दिल्ली में इस सरकार ने पिछले एक दशक में काम कुछ किया हो या नहीं किया, मूसलों ढोल जरूर बजाया है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आआपा) सरकार शिक्षा की बात करे, मोहल्ला क्लिनिक और दिल्ली के लोगों की फ्री स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें या इसके अलावा साफ पीने का पानी, बिजली, सड़क और प्रदूषण के मुद्दों पर बात करे, इस सरकार ने दिल्ली के लोगों को छलने का काम किया हैं. हां दिल्ली की आप सरकार नीतियां आकर्षक बनाती हैं, भले ही वह कागजों में ही रह जाए, जमीन पर न उतरे. आप सरकार ने कहा कि हम स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनवाएंगे. उसका उद्घाटन भी कर दिया, उसका उपकुलपति भी नियुक्त कर दिया गया. अगर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थिति देखेंगे तो वहां कुछ नहीं मिलेगा. सरकार ने यह भी कहा हम कई सारे अस्पताल भी बनवाएंगे, नए कॉलेज बनवाने की बात कही. आज आप बताएं, दिल्ली सरकार ने कितने नए कॉलेज बनाए हैं. एक भी नए कॉलेज की स्थापना नहीं की गई है.
भ्रम और फरेब की राजनीति के मास्टर
आम आदमी पार्टी और खास कर अरविंद केजरीवाल सिर्फ और सिर्फ झूठ फरेब और लोगों को भ्रमित करने की राजनीति करते हैं और अब दिल्ली की जनता इस बात को अच्छे से समझ गई हैं. जो फ्री पानी, फ्री बिजली की यह बात करते थे. लोगों के घरों तक पानी ही नहीं पहुंचा. लोगों के नल तक पानी ही नहीं पहुंचा बल्कि लोगों के घर के नल में नाले का पानी पहुंचा है. गर्मी के समय पानी के लिए कितनी हत्याएं हो गईं. बिजली का बिल आज एक आम व्यक्ति का दो से तीन गुना बढ़कर आ रहा है. जितने इन्होंने वायदे किए थे. इसमें शिक्षा की तो बात ही छोड़ दीजिए. हर साल लाखों बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं और उनपर दबाव बनाकर स्कूल को छुड़वाया जा रहा है. स्कूल छोड़ने से बच्चों का भविष्य खराब हो जाता है, उनके पास इतने रुपये नहीं कि वह प्राइवेट स्कूल में एडमिश ले सके. जो छात्र 9th से 10th के हैं, जिनको 10th या 12th का बोर्ड देना है, वे अगर असफल हुए तो फिर उनकी पढ़ाई छूट जाती है. उसमें से कुछ बच्चे गलत रास्ते पर चले जाते हैं. AAP सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी और उसे स्पष्ट करना पड़ेगा. दिल्ली की जनता इसपर मिजाज बनाकर बैठी है कि इस सरकार ने दस सालों में जो भी ठगा है, भ्रमित किया है उसका जबाव वो लोग जरूर देंगे. केजरीवाल को दिल्ली की जनता जरूर जबाव देगी. आने वाले साल 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए नकारात्मक परिणाम आएंगे.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हर स्तर पर आम आदमी पार्टी की इस जादूगरी का विरोध किया है. पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के समय जो घोटाले स्कूल के नाम पर हुए हैं, उसमें भारतीय जनता पार्टी के सांसद और दिल्ली प्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष माननीय मनोज तिवारी, प्रवक्ता हरीश खुराना और कुछ नेताओं के प्रयास से उन लोगों के खिलाफ शिक्षा घोटाले पर लोकायुक्त से शिकायत की गई थी, जिसका केस चल रहा है.
हम यह कहना चाहते हैं कि इनका जो रंग-रोगन वाला जितने भी कार्यक्रम हैं, वह देखने में जितना चमकदार हो, लेकिन व्यावहारिक स्तर पर कुछ भी नहीं होता है. एमसीडी भी दो साल से इनके पास है, लेकिन खबरें क्या हैं…बच्चों को न तो खाने को मिल रहा है, न ही उनको ड्रेसेज मिल रहे हैं. दिल्ली कोर्ट की बात मैंने पहले बतायी ही है. इन्होंने सब्जबाग बहुत दिखाए, लेकिन व्यावहारिक तौर पर कुछ नहीं किया है और यही सच है. दस साल में दिल्ली के हरेक लोग इसको व्यावहारिकता में जी रहे हैं. आप यमुना की हालत देखिए, प्रदूषण की हालत देखिए, बच्चों का स्कूल जाना ही मुश्किल हो गया है और संजय सिंह जैसे लोगों को तो राज्यसभा की सीट इसीलिए मिली ही है कि वह केजरीवाल के भ्रमजाल को और बड़ा करें.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं.यह ज़रूरी नहीं है कि ….. न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]