कैग रिपोर्ट में दावा: दिल्ली की शराब नीति से 2,026 करोड़ के राजस्व की हानि !
कैग रिपोर्ट में दावा: दिल्ली की शराब नीति से 2,026 करोड़ के राजस्व की हानि, लाइसेंस देने में नियमों का उल्लंघन

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ खुदरा विक्रेताओं ने नीति की अवधि समाप्त होने से पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिए और सरकार ने इनका दोबारा टेंडर नहीं किया, इससे 890 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा जोनल लाइसेंसधारियों को दी गई छूट से 941 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कोरोना पाबंदियों के आधार पर जोनल लाइसेंसधारकों को 144 करोड़ रुपये की लाइसेंस शुल्क छूट दी गई, जिसके कारण राजस्व का नुकसान हुआ। इसके अलावा, सुरक्षा जमा राशि के गलत तरीके से वसूली के कारण 27 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता की कमी : रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत निर्मित विदेशी शराब के मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता नहीं रखी गई। शराब निर्माता और थोक विक्रेता (एल-1 लाइसेंसधारी) को ही शराब की कीमतें तय करने की जिम्मेदारी दे गई, जिससे उन्होंने अपने लाभ के लिए मूल्यों में हेर-फेर किया। अधिकतम राजस्व संग्रह के लिए शराब की कीमत सबसे महत्वपूर्ण होती है।
आप नेताओं को रिश्वत से लाभ
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शराब नीति को लागू करने में चूक हुई, जिसके चलते उसके उद्देश्यों को हासिल नहीं किया जा सका और इससे भारी राजस्व की हानि हुई। वहीं, आप नेताओं को रिश्वत से फायदा हुआ। शिकायतों के बावजूद सभी इकाइयों को बोली लगाने की अनुमति दी गई और बिना पूरी जांच के लाइसेंस जारी किए गए। इसके लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करने को कहा गया है।
रिपोर्ट ने केजरीवाल की पोल खोली : भाजपा
भाजपा ने कहा कि आप सरकार ने गलतियों को छिपाने के लिए कैग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कैग रिपोर्ट ने केजरीवाल की पोल खोल दी है। रिपोर्ट ने शराब नीति लागू करने में जानबूझकर की गई खामियों को उजागर किया है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। वहीं, अनुराग ठाकुर ने कहा कि कैग रिपोर्ट में शराब नीति में 10 प्रमुख खािमयां उजागर की गई है। केजरीवाल को इसका जवाब देना होगा। >> पेज 2
भाजपा का आरोप मनगढ़ंत व निराधार : आप
आप नेता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा पर आप सरकार के खिलाफ झूठे आरोप गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कैग रिपोर्ट के बारे में भाजपा के दावों को मनगढ़ंत और निराधार बताकर खारिज कर दिया। कक्कड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा की ओर से पेश रिपोर्ट प्रमाणिक नहीं है। इस रिपोर्ट को न तो सीएम और न ही उपराज्यपाल ने देखा है। न कैग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। लोगों को गुमराह करने के लिए भाजपा हथकंडे अपनाती रही है।