होटलों में एडवांस बुकिंग रद्द, रेट भी गिरे; टूर–ट्रैवल की बुकिंग घटी !

महाकुंभ के लिए अब फ्लाइट टिकट 40% सस्ते:होटलों में एडवांस बुकिंग रद्द, रेट भी गिरे; टूर–ट्रैवल की बुकिंग घटी

दुकानदारों की बिक्री 40 फीसदी तक घट गई है। फ्लाइट टिकट की कीमतें 40 फीसदी तक कम हुईं। होटल संचालकों ने मौनी अमावस्या पर जो रेट बढ़ाए थे, वो कम कर दिए हैं। पहले की जो तमाम एडवांस बुकिंग हुई थीं, वो कैंसिल हो गई हैं।

…. दुकानदारों, होटल संचालकों, टूर-ट्रैवल ऑपरेटर्स से बात की। भगदड़ के बाद की स्थिति को जाना। इस घटना के बाद मेला और शहर की अर्थव्यवस्था कैसे प्रभावित हुई है, 

महाकुंभ मेले में लगी दुकानों से खरीदारी कम हुई है।

होटलों की एडवांस बुकिंग रद्द, नई बुकिंग में कमी आई भगदड़ के बाद बने हालातों की वजह से प्रयागराज में बाहरी राज्यों के लोग कम आ रहे हैं। इसलिए होटलों की बुकिंग में कमी आई है। प्रयागराज में करीब 250 छोटे-बड़े होटल हैं। संगम क्षेत्र वाले टेंट सिटी और आसपास के होटलों ने मौनी अमावस्या पर कमरों के रेट 20 से 30 फीसदी तक बढ़ा दिए थे।

अब लोगों की कमी के चलते बढ़ाए हुए रेट कम कर दिए हैं। संगम के अलावा दूसरे क्षेत्रों में जो होटल हैं, उनका टैरिफ पहले जैसा है। लेकिन, यहां भी बुकिंग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। होटल और रेस्त्रां एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजेंद्र सिंह ने बताया- भगदड़ की घटना के बाद होटलों में बुकिंग रद्द हुई है। उन लोगों ने हमसे माहौल ठीक होने पर सूचित करने के लिए कहा है।

होटल कारोबारी  गुप्ता कहते हैं- भगदड़ के बाद प्रयागराज पुलिस ने जिले के एंट्री पॉइंट पर सख्ती कर दी है। वाहनों को अंदर नहीं आने दिया जा रहा। जो लोग परिवार के साथ गाड़ी से यहां आ रहे हैं, उन्हें एंट्री पॉइंट पर रोक दिया जा रहा। लोग बॉर्डर पर गाड़ी खड़ी करके पूरे सामान सहित पैदल नहीं आ सकते। इस वजह से होटलों में बुकिंग कैंसिल हो रही है।

टूर-ट्रैवल्स एजेंट्स ने कहा- रास्ते डायवर्ट होने से ट्रैवल बुकिंग पर असर

मौनी अमावस्या पर 28-29 जनवरी की रात जब भगदड़ हुई, तो 29 जनवरी को दिन में पुलिस-प्रशासन ने प्रयागराज की सीमाएं सील कर दीं। जब ये खबर देशभर में फैली, तो महाकुंभ आने वाले श्रद्धालु चिंतित हो गए।

हालांकि, 31 जनवरी को प्रयागराज DM ने कन्फर्म किया कि रास्ते बंद नहीं हैं, सिर्फ डायवर्ट किए गए हैं। डायवर्जन की वजह से प्रयागराज के बॉर्डर पर लंबे-लंबे जाम लग रहे हैं।

प्रयागराज-भदोही-वाराणसी बॉर्डर की यह तस्वीर है। 29 जनवरी को प्रयागराज से लगे बॉर्डर पर यह स्थिति रही। आठों रास्तों पर ढाई लाख वाहन फंसे रहे।
प्रयागराज-भदोही-वाराणसी बॉर्डर की यह तस्वीर है। 29 जनवरी को प्रयागराज से लगे बॉर्डर पर यह स्थिति रही। आठों रास्तों पर ढाई लाख वाहन फंसे रहे।

प्रगति ट्रैवल्स के मालिक उपेंद्र यादव बताते हैं- भगदड़ के बाद से बाहर के लोग प्रयागराज नहीं आ रहे। जो लोग 4-4 दिन का टूर लेकर आए थे, वो भी 2 दिन में ही लौट रहे हैं।

हमारी अयोध्या की 3 और वाराणसी की 2 बुकिंग कैंसिल हुई हैं। उसकी वजह ये है कि प्रयागराज पुलिस ने झूंसी पुल पर वाहनों का डायवर्जन किया है। इस वजह से झूंसी पुल जाम रहता है। ऐसे में, गाड़ियां कोखराज होते हुए अयोध्या जा रही हैं।

श्री तिवारी एंड ब्रदर्स टूर एंड ट्रैवल्स के मालिक रवि तिवारी कहते हैं- मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद ट्रेनें बाहर रोक दी गईं। इसलिए जो पैसेंजर प्रयागराज में आने वाले थे, वो नहीं आ पाए। लोगों तक ये सूचना पहुंची कि प्रयागराज की एंट्री-एग्जिट बंद कर दी गई है। इसका असर कारोबार पर पड़ा है।

फ्लाइट टिकट की कीमतें घटीं, अब 10-15 हजार में पहुंच सकते हैं प्रयागराज

देशभर के विभिन्न शहरों से इस वक्त प्रयागराज के लिए 132 उड़ानें चल रही हैं। मौनी अमावस्या पर दिल्ली, जयपुर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, रायपुर आदि शहरों से फ्लाइट के रेट 25 से 50 हजार रुपए तक पहुंच गए थे।

मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद अचानक प्रयागराज आने वाले लोगों की संख्या घट गई। इसे देखते हुए एयरलाइंस कंपनियों ने प्रयागराज आने वाली फ्लाइट के रेट कम कर दिए। दिल्ली से प्रयागराज की फ्लाइट अब 10-12 हजार रुपए में मिल रही है।

मुंबई से प्रयागराज की फ्लाइट 16 से 22 हजार रुपए तक है। अहमदाबाद से प्रयागराज की फ्लाइट 13 से 20 हजार रुपए तक उपलब्ध है। यही स्थित कमोबेश बाकी शहरों की भी है। मतलब, औसतन 15 हजार रुपए में फ्लाइट से प्रयागराज पहुंचा जा सकता है। हालांकि, कीमतों को लेकर उड्डयन मंत्रालय के हस्तक्षेप का भी असर पड़ा है।

मेला क्षेत्र में दुकानदारों की बिक्री आधी हुई

महाकुंभ मेला क्षेत्र में 5 हजार से ज्यादा दुकानदार हैं। भगदड़ के बाद भीड़ कम होने से इनकी बिक्री पर असर पड़ा है। संगम नोज के पास बैग बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया- बिक्री 60 फीसदी तक कम हो गई है।

महाकुंभ में ठेला लगाने वाले श्रद्धालुओं की कमी की वजह से परेशान हैं।
महाकुंभ में ठेला लगाने वाले श्रद्धालुओं की कमी की वजह से परेशान हैं।

ग्राहक अब पहले जितने नहीं हैं। संगम नोज पर पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी, लेकिन अब लोग आराम से स्नान कर रहे हैं। यहां दुकान लगाने वाले रामगोपाल कहते हैं कि दुकानदारी घट गई है। पहले 2-3 हजार रुपए के प्लास्टिक कैन बेच लेते थे। अब 1000-1500 रुपए ही रोजाना कमा रहे हैं। सब लोग गांव जा रहे हैं। मेले में पब्लिक कम हो गई है। मेले में स्वीट कॉर्न बेचने वाले मैकूलाल कहते हैं कि ग्राहक अब पहले की तरह नहीं आ रहे।

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