UP Assembly Elections 2022: आजमगढ़ की गोपालपुर विधानसभा पर सपा का दबदबा, हर बार भाजपा को मिली सिर्फ हार

गोपालपुर सीट पर चार बार सपा तो एक बार बसपा ने जीत हासिल की है. 2017 में सपा से नफीस अहमद ने जीत हासिल की थी.

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं. इसमें गोपालपुर विधानसभा (Gopalpur Assembly) भी शामिल है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज करके सुर्खियां बटोरी थी. पूर्वांचल की राजनीति में लंबे अरसे से एम-वाई (मुस्लिम-यादव) फैक्टर मजबूत रहा है. जिसका सीधा लाभ सपा को मिलता दिखाई देता है. हालांकि इस सीट पर सपा के साथ बसपा भी जीत दर्ज करती रही है लेकिन यहां भाजपा का खाता नहीं खुला है.

सीट का इतिहास

गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र (Gopalpur Assembly) के पिछले विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो चार बार सपा तो एक बार बसपा ने जीत हासिल की है. 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से नफीस अहमद ने जीत हासिल की. वहीं, बसपा से कमला प्रसाद यादव को हार का सामना करना पड़ा था. समाजवादी पार्टी से गठबंधन होने के कारण कांग्रेस ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. 2012 में समाजवादी पार्टी के वसीम अहमद ने 77697 मत प्राप्त करके बहुजन समाज पार्टी के कमला प्रसाद यादव को हरा कर जीत हासिल की थी. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी योगेंद्र यादव 11078 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

2007 में बहुजन समाज पार्टी के श्याम नारायण ने 44729 मत प्राप्त करके समाजवादी पार्टी के स्वामी को हरा कर जीत हासिल की थी. 2002 में समाजवादी पार्टी के वसीम अहमद ने बहुजन समाज पार्टी के रियाज खान को मात दी थी.

जातीय समीकरण

इस क्षेत्र (Gopalpur Assembly) में यादव के बाद दलित बिरादरी के मतदाताओं की अधिक संख्या है. ऐसे में सपा और बसपा भी यहां मजबूत स्थिति में है. सपा और बसपा के पास उनके परंपरागत वोट है. इसके अलावा, उनकी नजर भी सवर्ण वोटों पर है. अगर गोपालपुर (Gopalpur Assembly) में जातिवार आंकड़ा देखें तो सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 64 हजार है. दूसरे नंबर पर दलित मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 51 हजार है. तीसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता हैं, जिनकी संख्या लगभग 41 हजार है. सवर्ण मतदाताओं की स्थिति देखें तो ब्राह्मण लगभग 15 हजार, क्षत्रिय 15 हजार, भूमिहार 12 हजार, लाला तीन हजार हैं. विधानसभा की अन्य जातियों की स्थिति देखें तो राजभर लगभग 24 हजार, मल्लाह 11 हजार, कहार 1500, प्रजापति 10 हजार, चौरसिया चार हजार, बनिया 23 हजार, चौहान 10 हजार, पासी 10 हजार, सोनकर सात हजार हैं. इनके अलावा लगभग 17 हजार अन्य जातियां हैं.

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