ग्वालियर : ये दिखावे की कार्रवाई …?
चितौरा रोड पर रतवाई स्थित एक भवन में जो चार अस्पताल संचालित होना बताए जा रहे हैं। उन्हें 14 जुलाई 2023 को मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बंद करने के लिए कहा था। अस्पताल को दी गई अनुमति निरस्त करने के साथ मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीएमएचओ को पत्र लिखा था।
जिसमें घोर अनियमितताओं का हवाला देते हुए अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की बात कही थी। इस पत्र के बाद भी तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. आरके राजौरिया ने कार्रवाई नहीं की थी। इन चार अस्पतालों में कुल पलंग संख्या 425 है। जो कि जिला अस्पताल मुरार की पलंग संख्या से ज्यादा है।

3 अस्पतालों का एक ही दिन पंजीयन
एमडी हॉस्पिटल को छोड़ तीनों अस्पतालों का पंजीयन सीएमएचओ कार्यालय में एक ही दिन 8 जून 2019 को हुआ।
जिस भवन में अस्पताल चल रहे हैं। पहले वहां इंजीनियरिंग कॉलेज था , कॉलेज बंद होने के बाद भवन किराए से दे दिया।
समझें 4 अस्पतालों के 425 पलंगों का गणित
- नर्सिंग कॉलेज में प्रमुख रूप से चार कोर्स संचालित किए जाते हैं। जिसमें जीएनएम, बीएससी, पोस्ट बीएससी, एमएससी नर्सिंग शामिल हैं। यदि कॉलेज संचालक को जीएनएम की 50 सीट की मान्यता चाहिए, तो उसके लिए 150 पलंग के अस्पताल की आवश्यकता पड़ती है। इसी तरह अन्य कोर्स की सीटों के लिए भी अस्पताल होना अनिवार्य रहता है।
- इसे ऐसे समझ सकते हैं कि नर्सिंग कोर्स की एक सीट के लिए कम से कम तीन पलंग होना चाहिए। इन चार अस्पतालों में कुल 425 पलंग (कागजों में) बताए गए। यानी कि नर्सिंग कोर्स की 140 सीटों के लिए पलंग की व्यवस्था कर रखी है।
एक बिल्डिंग में 4 अस्पताल व कॉलेज मामले में संचालक को नोटिस, 48 घंटे में मांगा जवाब
जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध विंग्स कॉलेज का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अफसरों में हड़कंप मच गया। कुलगुरु प्रो. राजकुमार आचार्य ने कार्यालय पहुंचते ही सबसे पहले डीसीडीसी डॉ. शांतिदेव सिसौदिया को तलब किया और एक बिल्डिंग में 4 अस्पताल और उसमें विंग्स कॉलेज के संचालन की पूरी जानकारी ली।
कुलगुरु ने कहा कि ये क्या फर्जीवाड़ा है? इस मामले में मुझे पूरी जानकारी देने के साथ ही कॉलेज संचालक को नोटिस जारी कर दो दिन में जवाब मांगें। गौरतलब है कि कुलगुरु ने यह कार्रवाई ……….. समाचार के बाद की है। रजिस्ट्रार अरुण चौहान का कहना है कि कॉलेज संचालक को नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
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तस्वीर ग्वालियर के चितौरा रोड के रतवाई स्थिति एक बिल्डिंग की है। इसमें 4 अस्पताल हैं। एक शटर लगा है, जिसमें विंग्स कॉलेज ऑफ ग्वालियर लिखा है। कमरेनुमा इस कॉलेज में न छात्र हैं, न शिक्षक, न प्राचार्य।
भास्कर ने जब यहां बैठे एक कर्मचारी से बात की तो उसने बताया कि कॉलेज में बीए, बीएससी और आईटीआई जैसे कोर्स भी संचालित हो रहे हैं। बीएड व डीएड में भी प्रवेश दिलवा देंगे। बीएससी नर्सिंग सहित अन्य कोर्स में प्रवेश चाहिए तो हॉवर्ड कॉलेज से संबद्ध अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं।
हालांकि इस कॉलेज को नर्सिंग काउंसिल से मान्यता नहीं मिली है। पिछले दिनों झुंडपुरा के शिवशक्ति कॉलेज को बिना बिल्डिंग के 14 साल से संबद्धता देने के मामले में जीवाजी विवि के पूर्व कुलगुरु अविनाश तिवारी को बर्खास्त किया गया था। हालांकि विवि से जुड़े कई कॉलेज कागजों में चल रहे हैं।
विंग्स कॉलेज अस्पताल भवन में चल रहा है। इसकी रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है। मामला संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। -प्रो. राजकुमार आचार्य, कुलगुरु, जीवाजी विवि, ग्वालियर