इंदौर : AICTSL पर परिवहन विभाग का 7 करोड़ रुपए टैक्स पेंडिंग ?

AICTSL पर परिवहन विभाग का 7 करोड़ रुपए टैक्स पेंडिंग
42 हजार वाहनों पर 300 करोड़ से अधिक का राजस्व है बकाया

वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति में जुटे परिवहन विभाग ने अब बकायादारों पर कार्रवाई के लिए सूची तैयार कर ली है। करीब 42 हजार वाहनों पर 300 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया है। शहर में लोक परिवहन और दूसरी बसों का संचालन करने वाले एआईसीटीएसएल पर ही करीब 7 करोड़ का राजस्व बकाया है। इसके अलावा भी कई बड़े बकायादार हैं। विभाग अब नगर निगम की तर्ज पर बड़े बकायादारों की लिस्ट भी प्रकाशित करने की योजना बना रहा है।

सूत्रों के अनुसार कोविड काल में एआईसीटीएसएल और उसके ऑपरेटरों की बसें बंद हो गई। कई बसें पुरानी होने के बाद बंद कर दी गई और उनकी जगह नई बसें आई, जिसमें इंदौर से भोपाल के बीच चलने वाली चार्टर्ड बसें और चलो एप्प बसें भी शामिल हैं।

इसकी सूचना परिवहन विभाग को देने में कही गड़बड़ी हो गई, जिससे टैक्स बढ़कर करोड़ों हो गया। मामले में निगम ने परिवहन विभाग को पत्र भेजा, चूंकि यह मामला आरटीओ के अधिकार क्षेत्र के बाहर था तो अब इसे मुख्यालय भेजा गया है, वहीं से अंतिम निर्णय होगा।

250 पेज की लिस्ट हुई तैयार

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मार्च माह में राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए परिवहन विभाग को करीब 150 करोड़ की जरूरत है। उज्जैन मेला चलने से इंदौर की 70 प्रतिशत कारें वहां से पंजीकृत हो रही हैं, इसलिए विभाग ने अपने बकायादारों की लिस्ट बनाकर वसूली की तैयारी की है। इसकी कमान एआरटीओ राजेश गुप्ता ने संभाल रखी है। सोमवार को लिस्ट तैयार की तो करीब 250 पेजों की एक लिस्ट तैयार हुई है। इसमें 42 हजार से अधिक वाहन हैं, जिन पर 300 करोड़ से अधिक रुपए बकाया हैं।

बकायदारों की सूची प्रकाशित करने की योजना

एआरटीओ गुप्ता बताते हैं इनमें से कई वाहन काफी पुराने हैं। सूची को अपडेट किया जा रहा है। व्यवसायिक वाहनों का पंजीयन शून्य करवाना या परिवहन विभाग को सूचना देना अनिवार्य है, लेकिन लोग ऐसा नहीं करते हैं और उनके वाहन पर टैक्स पर लगातार जुड़ता जाता है। सूत्रों के अनुसार परिवहन विभाग बकायादारों से वसूली करने के लिए सख्ती करने की तैयारी में है। मुख्यालय से रोजाना अपडेट भी लिया जा रहा है, इसलिए बड़े बकायादारों की सूची प्रकाशित करने के साथ-साथ अन्य सख्ती भी करने की तैयारी है। इसके लिए जिला प्रशासन की भी मदद ली जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *