मध्य प्रदेश में खपा दी 13 करोड़ की एक्सपायरी बीयर, रिकॉर्ड में बताया नष्ट कर दी ???
55 हजार बीयर की पेटियां बिना अनुमति छत्तीसगढ़ से वापस लाई गई थी। प्रतीकात्मक तस्वीर
- मध्य प्रदेश में आबकारी विभाग की भूमिका इस मामले में संदेहास्पद है।
- बिना अनुमति छत्तीसगढ से वापस लाई गई 55 हजार बीयर की पेटियां।
- इधर रिकॉर्ड में 13.22 करोड़ की बीयर बता दी चार करोड़ रुपये की।
भोपाल(MP Excise Scam)। उत्पाद की समाप्ति तारीख (एक्सपायरी डेट) के कारण छत्तीसगढ़ से वापस भेजी गई सोम कंपनी की 13 करोड़ की बीयर को मध्य प्रदेश के बाजार में खपाने का मामला सामने आया है। मामले को दबाने के लिए आबकारी विभाग ने रिकार्ड में बीयर को नष्ट करना दर्शा दिया। बाकायदा इसका प्रेस नोट भी जारी किया गया।
दरअसल, मध्य प्रदेश से सोम कंपनी की हंटर बीयर 50 ट्रक भरकर छत्तीसगढ़ भेजी गई थी। कुल 55 हजार 90 पेटी बीयर एक्सपायर होने की वजह से इसे सितंबर 2024 में मध्य प्रदेश वापस भेज दिया गया। छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश बीयर लाने के लिए आबकारी आयुक्त से पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई और मध्य प्रदेश की शराब दुकानों से बीयर विक्रय कर दी गई।
इस मामले की जानकारी जब आबकारी आयुक्त को लगी तो उन्होंने सितंबर 2024 में रायसेन के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यह भी जांच के विषयआबकारी एक्ट में निर्यात बीयर वापस लाने का कोई प्रविधान नहीं है, न ही वापस भेजे जाने का, आयात का प्रविधान है। मध्य प्रदेश से निर्यात की गई बीयर, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर 22055 पेटी और रायपुर 32035 पेटी कुल 53090 पेटी बीयर सोम डिस्टलरी में किसकी सक्षम अनुमति से प्राप्त की गई, या तस्करी करके लाई गई?
लाने का भाड़ा किसने दिया? वाहन कौन से थे, बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए इतनी बड़ी संख्या में बीयर डिस्टलरी के अंदर प्रवेश कैसे करवा दी गई? यह तमाम सवाल आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठाते हैं।
यदि औसत एक बोतल की कीमत 200 रुपये भी मान ली जाए तो एक पेटी में 12 गुणित 200= 2400 रुपये इस तरह 55090 पेटी शराब की कीमत 55090 गुणित 2400 बराबर 13.22 करोड़ रुपये से अधिक होती है। विभाग ने जानबूझकर नष्टीकरण की गई बियर की कीमत को आधे से भी कम दिखाया।
आबकारी आयुक्त कर रहे दागी अधिकारी का बचावआबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल का कहना है कि बिना अनुमति छत्तीसगढ़ से शराब की पेटियां वापस लाने पर रायसेन के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को नोटिस जारी किया गया था, पर बीयर के नष्टीकरण की प्रक्रिया पर मौन साध रहे हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित ने इस बीयर के नष्टीकरण की अनुमति मांगी थी जो दी गई थी। नष्टीकरण की रिपोर्ट आई है, उसके आधार पर जो तथ्य है, वह स्पष्ट हैं।
मामला मुख्य सचिव तक पहुंचाबीयर को बाजार में खपाने का मामला मुख्य सचिव अनुराग जैन के संज्ञान में भी आ गया है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आबकारी आयुक्त की भूमिका को लेकर नोटिस जारी किया जा सकता है। मुख्यसचिव पहले भी आबकारी विभाग की कार्यशैली पर नाराज हो चुके हैं।
इस बारे में रायसेन के कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा का पक्ष जानने का प्रयास किया गया। उन्होंने विषय के बारे में सवाल एसएमएस करने के लिए कहा लेकिन जवाब नहीं दिया। इधर, रायसेन की सहायक आबकारी उपायुक्त वंदना पांडे का कहना है कि वह आयुक्त की अनुमति के बिना मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगी।