भारतीयों को क्यों भा रहा यूरोप?
भारतीयों को क्यों भा रहा यूरोप? US-कनाडा छोड़ जर्मनी-ब्रिटेन में कर रहे जॉब, जानिए वजह
यूरोप में रहने का एक बड़ा फायदा यह है कि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं उच्च गुणवत्ता की होती हैं और हर नागरिक को इन सेवाओं का लाभ मिलता है.
आजकल भारत में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. अधिकतर युवा, खासकर जो अच्छे शिक्षा-प्राप्त और प्रोफेशनल हैं, वे यूरोप को अपने करियर के लिए एक बेहतरीन विकल्प मानने लगे हैं. यूरोप को नौकरी के बेहतर मौके देने वाली जगह के रूप में देखने का नजरिया बढ़ा है. इस सोच के पीछे कई कारण हैं, जो न केवल बेहतर वेतन और करियर की संभावनाओं से जुड़े हैं, बल्कि यूरोप की जीवनशैली, स्वास्थ्य सुविधाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं का भी इस धारणा पर गहरा असर पड़ा है.
यह सोच और धारणा भारत में खासकर छोटे शहरों और कस्बों में ज्यादा मजबूत हो रही है, जहां लोगों को कम अवसर मिलते हैं. यूरोप को लेकर जो सकारात्मक छवि बन रही है, वह केवल व्यक्तिगत अनुभवों और कहानियों पर आधारित नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई अलग अलग सामाजिक और आर्थिक कारण भी हैं.
लोकनीति-CSDS द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के आंकड़े इस धारणा को और स्पष्ट करते हैं, जिसमें यह पाया गया कि 63% भारतीयों का मानना है कि यूरोप में भारत के मुकाबले बेहतर रोजगार के अवसर हैं.
1. यूरोप में बेहतर रोजगार के अवसर
भारत के युवाओं में यूरोप को लेकर बढ़ती दिलचस्पी का एक बड़ा कारण वहां उपलब्ध रोजगार के अवसर हैं. भारत में जहां रोजगार की कमी और कॉम्पटीशन बहुत ज्यादा है, वहीं यूरोप में कई देश जैसे जर्मनी, फ्रांस, और यूके स्किल्ड वर्कर को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए नीतियां बना रहे हैं. यूरोप में खासकर उच्च-स्तरीय तकनीकी, विज्ञान, चिकित्सा और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने के लिए ज्यादा अवसर हैं.
भारत में कुछ खास क्षेत्रों में जैसे टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, और चिकित्सा आदि में काम करने के लिए मौके सीमित होते हैं. वहीं, यूरोप में इन क्षेत्रों में काम करने के लिए ज्यादा मौके उपलब्ध हैं. यूरोप के देशों में जहां एक ओर करियर में तरक्की के लिए अच्छे और साफ रास्ते हैं, वहीं पेशेवर विकास के लिए भी कई अच्छी योजनाएं और प्रोग्राम्स होते हैं, जो भारत में कम देखने को मिलते हैं. इस कारण, कई भारतीय युवा यूरोप को अपने करियर की दिशा में एक बेहतरीन स्थान मानते हैं, क्योंकि वहां उन्हें अपने काम और कौशल को आगे बढ़ाने के ज्यादा मौके मिलते हैं.
2. वेतन और नौकरी के लाभ
भारतीयों की नजर में यूरोप को एक बेहतरीन कार्य स्थल मानने की एक बड़ी वजह वहां का वेतन अंतर है. सर्वेक्षण में यह पाया गया कि लगभग 62% लोग मानते हैं कि यूरोप में काम कर रहे लोग भारत के मुकाबले ज्यादा कमाते हैं. यूरोप में काम करने वाले भारतीय प्रवासी अक्सर अपने परिवार वालों और दोस्तों से यह सुनाते हैं कि वहां वेतन बहुत अच्छा है और वे भारत में काम करने वाले लोगों से कहीं ज्यादा कमाते हैं.
इस वेतन अंतर के कारण भारत में कई लोग यूरोप में काम करने के लिए प्रेरित होते हैं. वहीं, यूरोप में काम करने के दौरान मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा, बीमा, पेंशन और अन्य लाभ भी भारतीयों के लिए आकर्षक हैं. भारत में जहां ज्यादातर लोग इन सुविधाओं से वंचित होते हैं, यूरोप में यह सुविधाएं सभी कामकाजी लोगों को उपलब्ध होती हैं.
3. व्यक्तिगत नेटवर्क और परिवार का प्रभाव
भारत में रहने वाले लोग अक्सर अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से प्रेरित होते हैं जो पहले ही यूरोप में बस चुके होते हैं. यूरोप में काम करने वाले भारतीयों की सफलता की कहानियां और उनके अनुभव उन लोगों को यूरोप जाने के लिए प्रेरित करते हैं. यही कारण है कि जिनके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य यूरोप में काम कर रहे हैं, वे ज्यादा सकारात्मक नजरिए से यूरोप को देख पाते हैं.
सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 72% लोग, जिनके परिवार के सदस्य यूरोप में काम कर रहे हैं, मानते हैं कि वहां लोग भारत के मुकाबले ज्यादा कमाते हैं. यह आंकड़ा उन लोगों के मुकाबले ज्यादा है, जिनका कोई करीबी रिश्तेदार यूरोप में नहीं रहता. व्यक्तिगत नेटवर्क का असर इतना गहरा होता है कि यह सिर्फ वेतन और नौकरी के अवसरों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि जीवनशैली, रहने का तरीका, और यहां तक कि यूरोप के देशों के बारे में जानकारी भी इनमें अहम भूमिका निभाती है.
4. जीवनशैली और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
यूरोप के देशों में जीवनशैली को लेकर भी भारतीयों में सकारात्मक सोच विकसित हो रही है. सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, 51% भारतीयों का मानना है कि यूरोप में जीवन भारत की तुलना में ज्यादा आरामदायक है. यहां की स्वास्थ्य सेवाएं, सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक कल्याण योजनाएं भारतीयों को यूरोप की ओर आकर्षित करती हैं.
यूरोप में रहने का एक बड़ा फायदा यह है कि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं उच्च गुणवत्ता की होती हैं और हर नागरिक को इन सेवाओं का लाभ मिलता है. इसके अलावा, यूरोप में सार्वजनिक परिवहन, शिक्षा, और अन्य बुनियादी सुविधाएं भी बहुत बेहतर हैं, जो भारतीयों को यह एहसास दिलाती हैं कि यूरोप में रहने से जीवन स्तर बेहतर हो सकता है.
5. शिक्षा और पोस्ट-स्टडी वर्क अवसर
यूरोप में उच्च शिक्षा हासिल करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों के लिए भी यूरोप एक बेहतरीन गंतव्य बन चुका है. यूरोपीय देशों में शिक्षा की गुणवत्ता उच्च है, और वहां पर भारतीय छात्रों को अध्ययन के बाद नौकरी पाने के बेहतर अवसर मिलते हैं.
यूरोप के कई देशों में छात्र वीजा पर अध्ययन करने के बाद काम करने की अनुमति मिलती है, जिससे भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई के बाद नौकरी प्राप्त करने का अच्छा अवसर मिलता है. इसके अलावा, यूरोपीय विश्वविद्यालयों में मिलने वाली स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता भी भारतीय छात्रों को आकर्षित करती है.
6. पश्चिमी मीडिया का प्रभाव
यूरोप के प्रति सकारात्मक सोच का एक और कारण है पश्चिमी मीडिया का प्रभाव. यूरोप में शानदार जीवन, स्वस्थ जीवनशैली और अच्छा कामकाजी माहौल दिखाने वाली फिल्में, टीवी शोज और सोशल मीडिया पर बहुत सारी जानकारी और प्रचार किया जाता है. इन सभी माध्यमों के जरिए यूरोप का एक आदर्श जीवन भारतीयों के सामने रखा जाता है. ये भी एक बड़ा कारण है कि भारतीय लोग यूरोप को एक बेहतर जगह मानते हैं और वहां की जीवनशैली के बारे में अच्छे विचार रखते हैं, क्योंकि उन्हें मीडिया में यही दिखाया जाता है.
यूरोप को नौकरी के बेहतर अवसरों वाली जगह के रूप में देखने की धारणा भारत में तेजी से बढ़ रही है. बेहतर वेतन, करियर विकास के अवसर, उच्च जीवनशैली, और व्यक्तिगत नेटवर्क का प्रभाव यह सभी फैक्टर हैं जो भारतीयों को यूरोप में काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हालांकि, हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो सकता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यूरोप में रोजगार के अवसरों और जीवन स्तर के कारण भारतीयों का यूरोप के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक हो रहा है.
आज, यूरोप भारत के लिए सिर्फ एक भौगोलिक गंतव्य नहीं, बल्कि एक ऐसे स्थल के रूप में उभर रहा है, जहां उन्हें अपनी मेहनत का सही मूल्य मिल सकता है और बेहतर भविष्य की संभावना बन सकती है.