भोपाल सहित डिवीजन के 9 स्टेशनों को मिला ISO सर्टिफिकेशन !

भोपाल सहित डिवीजन के 9 स्टेशनों को मिला ISO सर्टिफिकेशन
गंजबासौदा, गुना, नर्मदापुरम, सांची और विदिशा स्टेशन भी हैं शामिल

पर्यावरण सुरक्षा और यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए, पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल के 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को ISO 14001:2015 पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (EMS) प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। इस सूची में भोपाल, बीना, इटारसी, गंजबासौदा, गुना, नर्मदापुरम, साँची, शिवपुरी और विदिशा स्टेशन शामिल हैं।

ISO 14001 प्रमाणपत्र रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता, जल संरक्षण, ऊर्जा दक्षता और हरित तकनीकों के प्रभावी क्रियान्वयन का मानक है।

अधिकारियों के अनुसार भोपाल रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अब पहले से अधिक साफ-सुथरा और हरा-भरा माहौल मिलेगा। रेलवे प्रशासन ने ठोस एवं तरल कचरे के वैज्ञानिक निपटान, रीसाइकलिंग, ऊर्जा बचत और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया है। प्लेटफार्मों पर स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए नियमित सफाई व्यवस्था को सख्ती से लागू किया गया है।

यात्रियों के लिए बढ़ेंगी सुविधाएं

ISO प्रमाणन के बाद, भोपाल स्टेशन पर यात्रियों को स्वच्छ शौचालय, सुरक्षित पेयजल और बेहतर वायु गुणवत्ता जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी। साथ ही, जल-संरक्षण उपायों को अपनाकर पानी की बचत की जा रही है और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दिया गया है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने कहा कि ISO प्रमाणन से भोपाल मंडल के रेलवे स्टेशनों को और अधिक पर्यावरण-अनुकूल एवं यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा। रेलवे प्रशासन भविष्य में भी यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य करता रहेगा।

इससे पहले भोपाल एक्सप्रेस को भी दिया जा चुका है आईएसओ।
इससे पहले भोपाल एक्सप्रेस को भी दिया जा चुका है आईएसओ।

ISO सर्टिफिकेट क्या है?

ISO (International Organization for Standardization) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता से जुड़े मानक (Standards) तय करता है। ISO प्रमाणपत्र यह पुष्टि करता है कि किसी संगठन, कंपनी या सेवा प्रदाता द्वारा निर्धारित वैश्विक मानकों का पालन किया जा रहा है।

ISO विशेष रूप से पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (Environmental Management System – EMS) के लिए होता है। इसे उन संगठनों को दिया जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण, संसाधनों के सतत उपयोग, ऊर्जा दक्षता और प्रदूषण नियंत्रण के उच्च मानकों को अपनाते हैं।

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