चंबल पुल : रुक सकता है भारी वाहनों का आवागमन, पुल के छठवें पिलर की बेयरिंग फिर से खराब
- चंबल पुल के छठवें पिलर की बेयरिंग एक बार फिर हुई खराब
मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को जोड़ने वाले एनएच- 719 की भिंड- इटावा रोड पर 52 साल पुराने चंबल नदी पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हो गया है। इस बार भी उत्तरप्रदेश की ओर से पुल के छठवें पिलर की रोलर बेयरिंग में गड़बड़ी आई है। इस कारण कल से पुल पर भारी वाहनों का आवागमन गुरुवार से रुक सकता है। इसके बाद पुल पर ट्रैफिक बंद होने से वाहनों को 50 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाकर ले जाना होगा।
यहां बता दें भिंड इटावा को जोड़ने वाले चंबल पुल का निर्माण सन 1969 में कराया गया था। लेकिन इस पुल क्षमता से अधिक भारी वाहनों के धड़ल्ले से दौड़ने की वजह से यह पुल कई बार खराब हो चुका है। इससे पहले सितंबर 2016 में इस पुल की एक स्लैब टूट गई थी।
इस बार फिर से चंबल पुल के छठवें पिलर की दक्षिणी बीम की रोलर बेयरिंग खराब हो गई है। बेयरिंग के खराब होने पर स्लैब काफी नीचे खिसक जाता है, जिससे गैप बढ़ जाता है। पुल में गड़बड़ी की जानकारी लगते ही उत्तरप्रदेश प्रशासन हरकत में आ गया है। हालांकि अभी भिंड जिला प्रशासन को इस संदर्भ में कोई सूचना नहीं मिली है।
भिंड से इटावा के बीच की बढ़ेगी 50 किमी की दूरी
जैसे पुल से भारी वाहनों का आवागमन रुकेगा वैसे ही भिंड से इटावा जाने के लिए लोगों को फूप से भदाकुर, भौनपुरा, छूंछरी बाया हनुमंतपुरा, बकेबर होते हुए इटावा पहुंचना पड़ेगा। जिससे उन्हें 50 किमी का फेर पड़ेगा। साथ ही उनका समय भी अधिक खर्च होगा।
इसी प्रकार इटावा से भिंड आने वाले लोगों उदी से चकनगर, सहसों से हनुमंतपुरा, छूछरी होते हुए फूप आना पड़ेगा। हालांकि फूप पहुंचने से पहले लहार की ओर जाने वाले वाहन सीधे ऊमरी रौन होते हुए निकल जाएंगे। जबकि भिंड वाले वाहन चालकों को फूप से क्वारी पुल होते हुए भिंड जाना होगा।