A ….स्पेंशन के बाद अब होगी IAS अभिषेक प्रकाश के कारनामों की जांच …विजिलेंस !

सस्पेंशन के बाद अब होगी IAS अभिषेक प्रकाश के कारनामों की जांच, ये टीम करेगी पड़ताल

कौन है सस्पेंड IAS अभिषेक प्रकाश का दलाल निशांत जैन?

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 20 मार्च को अभिषेक प्रकाश सस्पेंड किया था. साथ ही अभिषेक प्रकाश के खिलाफ शासन ने अनुशासनिक कार्रवाई भी शुरू करने का आदेश दिया.

सस्पेंशन के बाद अब होगी IAS अभिषेक प्रकाश के कारनामों की जांच, ये टीम करेगी पड़ताल

IAS अभिषेक प्रकाश (फाइल फोटो).

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वसूली के आरोप में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ योगी सरकार ने भी विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए है. आरोप है कि सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के दौरान अकूत संपत्ति अर्जित की है. अभिषेक प्रकाश के पास हजारों करोड़ की जमीन, मकान ,होटल और पैसे की लेने की बात सामने आई है.

मामला SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता की शिकायत करने के बाद उजागर हुआ. दत्ता ने 20 मार्च को शिकायत लिखवाई थी कि वो राज्य में सोलर सेल, सोलर पैनल और सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री स्थापित करना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने आवेदन भी दिया था. हालांकि कमीशन न देने के कारण उनकी फाइल बार-बार टाल दी गई. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने उनसे निकांत जैन से मिलने को कहा और स्पष्ट कर दिया कि यदि जैन सहमति देंगे, तभी काम होगा.

संपत्ति की जांच करेगी विजिलेंस टीम

दत्ता ने बताया कि जब वो निकांत जैन से मिले, तो उन्होंने 5% कमीशन की मांग रखी, यानी 8000 करोड़ के निवेश की फाइल पास करने के लिए 400 करोड़ घूस की डिमांड की गई थी. कमीशन मांगने के आरोपी अभिषेक प्रकाश की नियुक्ति विभाग की संस्तुति पर गृह विभाग ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं. IAS अभिषेक के बरेली, लखीमपुर, हमीरपुर, लखनऊ में DM, LDA VC पोस्टिंग के समय जुटाई गई संपत्ति की जांच विजिलेंस टीम करेगी.

20 मार्च को किया गया सस्पेंड

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 20 मार्च को अभिषेक प्रकाश सस्पेंड किया है. साथ ही अभिषेक प्रकाश के खिलाफ शासन ने अनुशासनिक कार्रवाई भी शुरू करने का आदेश दिया. अभिषेक पहली जांच में दोषी पाए गए हैं. कंपनी के प्रोजेक्ट को शुरुआती दौर में मंजूरी देने के बाद उन्होंने मूल्यांकन समिति की संस्तुति में परिवर्तन का अंतिम कार्यवृत जारी कर दिया था. अभिषेक प्रकाश 2006 बैच की नागालैंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. साल 2011 में काडर परिवर्तित कर यूपी में आए थे, जिसके बाद कई अहम पदों पर रहे.

तमाम विवादों में सामने आ चुका नाम

आईएएस अभिषेक प्रकाश का नाम पहले भी तमाम विवादों में सामने आ चुका है. लखनऊ के डीएम रहने के दौरान भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ था. शिकायत के आधार पर राजस्व परिषद की टीम से मामले की जांच कराई गई, इसमें अभिषेक प्रकाश समेत कई अधिकारी और कर्मचारियों के नाम आए थे. नियमों को ताख पर रखकर जमीन अधिग्रहण का मुआवजा बांटा गया. राजस्व परिषद ने इस मामले पूरी रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेज दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर भी अभिषेक पर कार्रवाई हो सकती है. इसके अलावा बरेली में डीएम तैनाती के दौरान भी चर्चा में रहे. बरेली- लखनऊ हाईवे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा मुहैया करने का दावा कर बसाई गई निजी टाउनशिप में स्टांप कम लगाए जाने पर उनकी भूमिका पर सवाल उठे.

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कौन है सस्पेंड IAS अभिषेक प्रकाश का दलाल निशांत जैन? हर टेंडर में रहता था शामिल

यूपी इन्वेस्ट में भ्रष्टाचार के मामले में लखनऊ में गिरफ्तार हुआ निकांत जैन मूलरूप से मेरठ का रहने वाला है. निकांत निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश का बहुत करीबी है. निकांत जैन 12 कंपनी का मालिक भी थे, जिसमें 6 वर्तमान में चल रही हैं.

कौन है सस्पेंड IAS अभिषेक प्रकाश का दलाल निशांत जैन? हर टेंडर में रहता था शामिल

IAS अभिषेक प्रकाशImage Credit source: File Pic

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वसूली के आरोप में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश का करीबी दलाल निकांत जैन दसवीं पास हैं. सरकारी विभागों से लेकर स्पोर्ट्स तक के टेंडर में सीधे दखल देते हैं. निकांत के पिता सुधीर कुमार जैन ए क्लास के ठेकेदार हैं. उनके भी राजनेताओं और नौकरशाहों से संबंध अच्छे हैं. ऐसे में निकांत ने उसी का फायदा निकाल कर अपनी पैठ बनाई. निकांत जैन का आवास गोमती नगर के विनम्र खंड में हैं.

एसटीएफ की छानबीन में आरोपी निकांत जैन अधिकारियों के लिए दलाली का काम करते थे. निकांत के कई आईएएस, पीसीएस आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों से करीबी रिश्ते हैं. आरोपी एक अधिकारी जरिये से दूसरे अधिकारी संपर्क बनाता था और फिर उसके जरिए वसूली करता था. इसके अलावा निकांत के मोबाइल फोन से भी कई अधिकारियों के सबूत मिले हैं. इसके अलावा कुछ अधिकारियों से लेनदेन से संबंधित बातचीत के चैट भी पाए गए हैं. ऐसे में पुलिस साक्ष्य के तौर पर विवेचना में शामिल करेगी.

मोबाइल फोन से डाटा कर दिया डिलीट

सूत्रों का कहना है आरोपी गिरफ्तार किए जाने से पहले मोबाइल फोन से डाटा डिलीट कर दिया था, जिसे रिकवर किया गया है. इसके अलावा पुलिस आरोपी की कॉल डिटेल भी निकलवा रही है. निकांत जैन पर मेरठ लखनऊ और एटा में पहले से ही मुकदमे दर्ज है. धोखाधड़ी की पहला मुकदमा उस पर 2018 में मेरठ में दर्ज हुई थी. अधिकारियों की हस्तक्षेप के बाद हर बार बच जाते थे. पुलिस भी अफसर के दबाव में उसके खिलाफ कार्रवाई से बचती थी। आरोपी अपनी पहुंच की धौस जमा कर पीड़ित को डराता था.

निकांत के पिता थे ठेकेदार

सोलर कंपनी के वसूली के प्रयास में गिरफ्तार अभिषेक प्रकाश का विचौलियों निकांत जैन 12 कंपनी का मालिक भी थे, जिसमें 6 वर्तमान में चल रही हैं. ऐसे में शुक्रवार को जब एसटीएफ उसकी तलाश में विनम्र खंड स्थित आवास पहुंची तो रहन-सहन देखकर हैरान रह गई. निकांत के पिता सुधीर कुमार जैन ए क्लास के ठेकेदार हैं. उनके राजनीतिक और नौकरशाओं से भी अच्छे संबंध हैं.

अधिकारियों के मुताबिक निकांत की कंपनी में श्री बाहुबली इंफ्रा बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड ,एक्मे रियलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड , एसएसजी एग्रोटेक प्राइवेट , लिमिटेड श्री बाहुबली बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लिजर्ड रिटेल नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, सौरभ पेट्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. इनमें निकांत के भाई सुकान्त जैन समेत कई परिजन निदेशक हैं. हालांकि में 6 कंपनियां अब बंद हो चुकी हैं. विराट खंड विनम्र खंड समेत राजधानी में कई पतो पर तमाम अन्य कंपनियां भी संचालित किए जाने के सबूत मिले हैं.

पिता की मृत्यु के बाद संभाला कारोबार

निकांत के पिता ने 2001 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर और 2007 में गोमती नगर विनय खंड में मिनी स्टेडियम सहित कई परियोजनाओं का निर्माण कराया था. मूल रूप से मेरठ निवासी सुधीर जैन 25 साल पहले लखनऊ आ गए थे. निकांत ने पिता की मृत्यु के बाद कारोबार संभाला और देखते ही तमाम अधिकारियों का करीबी बन गया.

आरोपी की गिरफ्तार के बाद उसके कारनामे उजागर होने लगे हैं. बताया जा रहा है आरोपी ने कई लोगों से धोखाधड़ी की है. पुलिस इन पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटा रही है. यही नहीं आरोपी बेनामी संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है. माना जा रहा है कई अधिकारियों ने निकांत के फॉर्म निवेश किया है.

निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश योगी सरकार ने भी दिए हैं. सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के दौरान अकूत संपत्ति अर्जित की है. जानकारी के मुताबिक अभिषेक प्रकाश के पास हजारों करोड़ की जमीन, मकान ,होटल और पैसे की लेने की बात सामने आई है.

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश इन्वेस्ट के सीईओ और IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से 5% कमीशन की मांग करने का गंभीर आरोप लगाया है. कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत पर जांच के बाद ये कार्रवाई की गई है.

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Abhishek Prakash IAS …………………

डिफेंस कॉर‍िडोर भूमि घोटाले में भी फंस सकते हैं अभिषेक प्रकाश, जांच में सामने आई म‍िलीभगत

सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप पर सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। जांच में उन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी जिस पर एसटीएफ को भी सक्रिय किया गया था।

जांच में तत्कालीन डीएम सहित 18 अधिकारियों की मिलीभगत आई है सामने
सरोजनी नगर के भटगांव में भूमि अधिग्रहण में हुई थी 20 करोड़ की बंदरबांट

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। आईएएस अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) डिफेंस कॉर‍िडोर भूमि अधिग्रहण घोटाले में भी फंस सकते हैं। इस घोटाले की जांच में लखनऊ के तत्कालीन डीएम सहित 18 अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है। राजस्व परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसके बाद कुछ अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है।

डिफेंस कॉरिडोर के लिए लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील में भटगांव ग्राम पंचायत का चयन किया गया था। ब्रम्होस मिसाइल के अलावा रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियां अपने लिए भूमि तलाश रही थीं। इससे भटगांव में भूमि की दरें आसमान छूने लगीं थीं। भूमि की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भू-माफिया सक्रिय हो गए और तहसील अफसरों की मिलीभगत से काॉरि‍डोर के लिए जिस जगह भूमि का अधिग्रहण होना था वहां किसानों से सस्ती दर में भूमि खरीद लीं।

अधिग्रहण की प्रक्रिया में फर्जी तरीके से दस्तावेजों में हेरफेर कर आवंटियों के नाम जोड़े गए। खरीद-फरोख्त में नियमों की अनदेखी की गई। पट्टे की असंक्रमणीय श्रेणी की भूमि को नियमानुसार बेचा नहीं जा सकता था, उसको पहले संक्रमणीय कराया गया और फिर बेचा गया। जिन लोगों का जमीन पर वास्तविक कब्जा नहीं था उनको मालिक दिखाकर मुआवजा दिलाया गया। मालिकाना हक की जांच के बिना ही अफसरों ने मुआवजा वितरित कर दिया।

जांच रिपोर्ट के अनुसार भटगांव की करीब 35 हेक्टेयर जमीन के लिए 45.18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इसमें से करीब 20 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पाई गई। जांच में यह भी सामने आया था कि तहसील में तैनात तत्कालीन अफसरों ने अपने रिश्तेदारों और नौकरों तक को जमीन दिलाकर करोड़ों रुपये मुआवजा हड़प लिया था।

इस मामले में तत्कालीन डीएम और एडीएम स्तर के अधिकारियों की भूमिका सामने आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष रजनीश दुबे से इसकी जांच कराई थी। जांच में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश सहित एडीएम, एसडीएम व तहसीलदार सहित कई अफसर दोषी पाए गए थे। इस जांच रिपोर्ट को लेकर कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्ज शीट किया गया है, जबकि बाकियों पर अभी कार्रवाई लंबित है।

क्‍यों सस्‍पेंड हुए आईएएस अभि‍षेक प्रकाश?
सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। जांच में उन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने इन्वेस्ट यूपी में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिस पर एसटीएफ को भी सक्रिय किया गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद यह कठोर कार्रवाई की गई। साथ ही पुलिस ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर कमीशन मांगने वाले मेरठ निवासी 40 वर्षीय बिचौलिए निकान्त जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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