न्याय व्यवस्था पूरी तरह डिजिटल …. FIR से फैसले तक सभी दस्तावेज होंगे ऑनलाइन !
तीन महीने में पहली ई केस डायरी पेश करने की तैयारी….
मप्र की न्याय व्यवस्था अब पूरी तरह डिजिटल होने की ओर बढ़ रही है। ई-समन और ई-वारंट लागू करने के बाद अब प्रदेश में एफआईआर से लेकर न्यायालय के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल की जा रही है। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए, राज्य की पहली ई-केस डायरी तीन महीने के भीतर कोर्ट में पेश करने की योजना बनाई गई है।
डिजिटल न्याय प्रणाली को लागू करने के लिए देवास जिले को पायलट जिला चुना गया है। इससे पहले भी देवास ने ई-समन, ई-वारंट और बेल एप्लिकेशन मॉड्यूल में बेहतर परिणाम दिए हैं। इसी अनुभव को देखते हुए अब पहली ई-केस डायरी को यहीं लागू किया जा रहा है। इस नई प्रणाली में सभी 6 विभाग पुलिस, चिकित्सा, फॉरेंसिक, न्यायालय, अभियोजन और जेल विभाग मिलकर काम करेंगे। रविवार को इनके प्रतिनिधि देवास में आयोजित कार्यशाला के मंच पर उतरे।
कैसे बदलेगी जांच प्रक्रियाः अब किसी भी आपराधिक केस में एफआईआर, आरोपी की गिरफ्तारी, मेडिकल रिपोर्ट, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, पीएम रिपोर्ट, जब्त हथियार की जानकारी, एफएसएल रिपोर्ट जैसी जानकारियां एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। इससे केस से जुड़े हर व्यक्ति को किसी भी समय व किसी भी स्थान से दस्तावेजों तक पहुंच मिलेगी।
3 महीने में ऐसे तैयार होगी पहली ई-केस डायरी
- पहला महीना : डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा, जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे और संबंधित विभागों के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- दूसरा महीना : ई-केस डायरी का ट्रायल रन किया जाएगा और अगर कोई व्यवहारिक समस्या आती है तो उसका समाधान किया जाएगा।
- तीसरा महीना : अदालत में पहली ई-केस डायरी पेश कर दी जाएगी।
सुनवाई में नहीं होगी देरी, हर केस पेपरलेस होगा
- केस से जुड़े सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
- आरोपी, गवाह व जांच अफसरों को बार-बार कोर्ट आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल हो सकेंगे।
- केस की सभी जानकारियां एक क्लिक में मिल सकेंगी, जिससे फैसले जल्दी आ सकेंगे।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम और नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत, डिजिटल दस्तावेजों को कानूनी मान्यता दी गई है।