रेड्डी ने होशंगाबाद छोड़ा, 25 करोड़ की राशि जब्त

ग्वालियर। रेत खदान चलाने के लिए ठेकेदारों ने सरकार से अनुबंध के बाद अब जिलों में अपनी-अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया है। भिंड में रेड्डी के नाम से चलने वाली पॉवर मेक कंपनी ने रजिस्टेÑशन फीस के रूप में चार करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं लेकिन प्रदेश की सबसे बडीÞ होशंगाबाद जिले की रेत खदानों का टेंडर आने के बाद भी उन्होंने छोड़ दिया है। टेंडर छोड़ने पर पॉवर मेच कंपनी को 25 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। उधर भाजपा नेता केपी सिंह भदौरिया के खाते में दतिया, डिंडौरी और मंडला जिले की रेत खदान आईं हैं। दतिया जिले के लिए केपी भदौरिया ने 3 करोड़ 13 लाख 10 हजार 600 रुपए बतौर रजिस्ट्रेशन फीस के जमा किए हैं। डिंडौरी के लिए उन्होंने 1 करोड़ 6 लाख 9 हजार रुपए जमा कराए । जबकि मंडला जिले की रेत खदान के लिए फिलहाल उन्होंने 2 करोड़ 50 लाख रुपए जमा किए हैं। यहां पर खदान चलाने के लिए और जो जरूरी प्रशासनिक प्रक्रिया होगी वह पूरी की जाएगी। ग्वालियर-डबरा के लिए आशुतोष माहेश्वरी की एमपी सेल्स कंपनी ने 2 करोड़ 50 लाख रुपए जमा किए। जबकि शिवपुरी की वीनस कंपनी ने 1 करोड़ 25 लाख रुपए जमा कराए हैं।

33 जिलों में 18 की प्रक्रिया पूरी

प्रदेश के 36 जिलों में रेत खदान के लिए टेंडर नोटिस जारी किए गए थे। इसमें 34 जिलों के टेंडर खुले थे। बाद में सरकार से अनुबंध की प्रक्रिया चलती रही। दो माह कोरोना वायरस ने खा लिए । कुछ जिलों के 31 मार्च से पहले अनुबंध हो गए थे और कई जिलों ने अब जाकर सरकार से अनुबंध करना शुरू कर दिया है। दतिया, मंडला और डिंडौरी के लिए अनुबंध करने वाले ठेकेदार केपी सिंह भदौरिया कहते हैं कि अब तक 18 जिलों में अनुबंध की प्रक्रिया पूरी हुई है। शेष जिलों की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी।

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