मुख्यमंत्री ने दिए संकेत, मंत्रिमंडल विस्तार जल्द
भोपाल। प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होगा। इसके संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को विस्तार पर मंथन करने के बाद दिए। सीएम गुरुवार को हैदराबाद जाएंगे और वहां से तिरुपति बालाजी, इसके बाद वे दिल्ली जा सकते हैं। हाईकमान की हरी झंडी मिलते ही शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। इसके पहले यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल या छत्तीसगढ़ की गर्वनर अनुसुइया उइके में से किसी एक को कार्यवाहक राज्यपाल बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन बीमार हैं और उनका लखनऊ में इलाज चल रहा है। सभी तैयारियां पूरी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा होनी है। हाईकमान का निर्देश मिलते ही मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में बुधवार सुबह और शाम को प्रदेश भाजपा कार्यालय में मंथन भी किया। सीएम की दिल्ली यात्रा को देखते हुए वहां स्थित एमपी भवन को सेनेटाइज किया गया।
सिंधिया समर्थक 8-10 विधायक बनेंगे मंत्री
सिंधिया समर्थक 8-10 पूर्व विधायकों को प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में लिया जाना है। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत पहले ही मंत्री बनाए जा चुके हैं। भाजपा को 18 से 19 मंत्री पद मिलेंगे। कांग्रेस के बागियों में प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप सिंह डंग का नाम शामिल हैं। बसपा और सपा के विधायकों की उम्मीद कम है। लिहाजा, 15 से 16 चेहरे भाजपा से तय होंगे। इधर, विंध्य, बुंदेलखंड और भोपाल संभाग से पार्टी पर दबाव है। ऐसे में कुछ पुराने चेहरे ड्रॉप हो सकते हैं।
सीनियर विधायकों के दबाव में अटका
बताया जा रहा है कि जाति, क्षेत्र और सामाजिक संतुलन के साथ पार्टी में ऐसे सीनियर विधायक को भी तवज्जो दी गई है, जो पिछली सरकार में मंत्री नहीं बन पाए थे। इसी के बाद पार्टी की मुश्किल बढ़ गई है। पार्टी चाहती है कि मौजूदा 5 मंत्रियों को मिलाकर मंत्रिमंडल इतना बड़ा हो कि 4 से 5 स्थान रिक्त रहें। साफ है कि 24 से 25 लोगों को ही शिवराज की टीम में जगह मिल सकती है।
रामपाल, भूपेंद्र पर पेंच
बताया जा रहा है कि विधायक रामपाल और भूपेंद्र सिंह के नाम को लेकर पेंच लगा हुआ है। संगठन दोनों नेताओं को मंत्री बनाए जाने को लेकर तैयार नहीं है। बाकी नाम लगभग फायनल हो गए हैं।