गोपालगंज में पुल धवस्त होने पर बरसी कांग्रेस, बोली- सरकार की मंशा का पता चल गया
गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में विनिर्मित पुल के ध्वस्त होने के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गई है. अब कांग्रेस के अजय उपाध्याय ने कहा है कि यह पुल का ध्वस्त होना बताता है कि सरकार ने किस मंशा से काम किया है. बिहार के लिए और बिहार के विकास के लिए क्या काम हुआ है ये भी पता चल रहा है.
आरजेडी ने भी बिहार सरकार पर निशाना साधा है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश यादव ने कहा है कि पुल धवस्त नहीं हुआ है बल्कि सरकार पानी में बह चुकी है. नवनिर्मित पुल का इस तरह धवस्त होना ही नीतीश कुमार के विकास के कामों को बताता है.
वहीं, जेडीयू के नेता अब्दुल अब्बास का कहना है कि पुल का गिरना दुखदाई है और सरकार इसको संज्ञान में ले चुकी है और इसके पीछे जो भी खामियां हैं उसके ऊपर कार्रवाई की जा रही है.
आरजेडीके वरिष्ठ नेता जयप्रकाश यादव का कहना है कि पुल ध्वस्त नहीं हुआ है बल्कि सरकार पानी में बह चुकी है नवनिर्मित पुल का इस तरीके से ध्वस्त होना ही नीतीश कुमार के विकास के कामों को बताती है
तेजस्वी ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पुलिया और पहुंच पथ की तस्वीर और वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “263 करोड़ रुपये की लागत से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल. संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे. बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है.”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा, “8 वर्ष में 263.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया. खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ रुपये तो सुशासनी मुंह दिखाई है. इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं.”