सितंबर में खुल सकते हैं स्कूल, स्विस मॉडल अपनाने पर विचार कर रहा केंद्र

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच अब सरकार चरणबद्ध तरीके से स्कूल-कॉलेजों को खोलने पर विचार कर रही है। साथ ही स्विट्जरलैंड जैसे देशों के मॉडल पर स्टडी की जा रही है, जहां बच्चे कोरोना काल में भी सुरक्षित स्कूल जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक सितंबर से 14 नवंबर के बीच चरणबद्ध तरीके से स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की योजना तैयार की है। केंद्र ने मंत्रियों का एक समूह बनाया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में इसकी बैठक हुई। इस दौरान स्कूल-कॉलेजों को खोलने को लेकर चर्चा हुई। अगले अनलॉक की गाइडलाइन में स्कूल के खुलने की संभावना है, जो 1 सितंबर से लागू होगी। हालांकि इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ने का विचार कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने कोरोना काल में कई देशों के मॉडल का अध्ययन किया है।

दो शिफ्ट में चलेंगे स्कूल , फेस के हिसाब से खुलेंगे

* जिन राज्यों में मामले कम हैं, वहां की सरकारों ने स्कूल खोलने को लेकर उत्सुकता व्यक्त की है।

* अभी के प्लान के मुताबिक स्कूलों को फेस के हिसाब से खोला जाएगा।

* पहले 15 दिन क्लास 10 से 12 के छात्रों को स्कूल आने को कहा जाएगा।

* हर सेक्शन के बच्चों के लिए अलग- अलग दिन निर्धारित कर दिया जाएगा।

* स्कूल शिफ्ट में चलेंगे, जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 8 से 11 बजे और दूसरी शिफ्ट 12 बजे से 3 बजे तक होगी। एक घंटे का ब्रेक रहेगा।

* स्कूलों को सलाह दी जाएगी कि वो शिक्षकों, स्टॉफ और छात्रों की संख्या 33 प्रतिशत तक ही सीमित रखें।

ऑनलाइन पढ़ाई से गरीब बच्चे हो रहे हैं प्रभावित

जुलाई में हुए एक सर्वे के मुताबिक ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं राज्य सरकारों का भी कहना है कि स्कूल न खुलने से उन बच्चों को परेशानी हो रही है, जो गरीब हैं और जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल या लैपटॉप नहीं है।

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