MP: कमलनाथ की एक ‘पेन ड्राइव’ पर छिड़ी राजनीतिक जंग, बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने

मध्य प्रदेश में कमलनाथ (Kamal Nath) की एक पेन ड्राइव पर राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है. कमलनाथ के घर पर गुरुवार को कांग्रेस नेताओं की एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें आने वाले उपचुनावों में क्या मुद्दे कांग्रेस जनता के बीच लेकर जाएगी. इस पर चर्चा की गई . बैठक के बाद कांग्रेस ने उन लाखों किसानों की फेहरिस्त जारी कर दी जिन्हें कर्ज़माफी का फायदा मिला. अब सवाल ये है कि कांग्रेस (Congress) को अचानक क्या सूझी कि कमलनाथ ने अचानक कर्जमाफी का ये मुद्दा छेड़ दिया.

वजह है आगामी उपचुनाव, कांग्रेस कह रही है कि बीजेपी ने सरकार गिराई तो कर्ज़माफी नहीं हो सकी. बीजेपी दावा कर रही है कि जो कमलनाथ झूठे हैं, जो कभी खेत में नहीं गए वो किसान का दर्द क्या समझेंगे. उधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अतिवृष्टि के नुकसान का जायज़़ा लेने खेतों में उतर गए हैं. सवाल ये है कि क्या कांग्रेस के ये कागज़ किसान के मन मस्तिष्क पर प्रभाव डालेंगे.

27 सीटों पर उपचुनाव

दरअसल, मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में 27 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश कांग्रेस का पास चुनाव में जनता के बीच जाने के लिए मुद्दों का अकाल है. अपना 15 महीने के कार्यकाल में कांग्रेस जनता पर अपनी वो छाप छोड़ने में नाकाम रही है, जिसकी उसे अपेक्षा थी. ऐसे में कांग्रेस में मंथन चला कि ऐसी कौनसी ऐसी उपलब्धियां हैं, जिसे लेकर जनता के बीच जाया जा सकता है.

मुख्य मुद्दा है कर्ज़माफी

इसी में से प्रमुख मुद्दा है कर्ज़माफी. जानकार ये मानते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने के 2 कारण प्रमुख रहे. पहला कर्ज़माफी और दूसरा बीजेपी से वोटर की नाराज़गी. कर्ज़माफी का तो खुद राहुल गांधी ने वादा किया था कि 10 दिन के अंदर कर्ज़माफी की जाएगी, वरना सीएम को हटा दिया जाएगा. साइन पहले दिन हो गए लेकिन 10 में कर्ज़माफी नहीं हुई. धीरे-धीरे कर्ज़माफी की प्रक्रिया शुरू हुई.

सबसे पहले कर्ज़माफी के दायरे में वो किसान थे जिनका 50 हज़ार तक का लोन एनपीए हो चुका था. जिन किसानों के 1 से ज़्यादा खाते थे वो भी कर्जमाफी की दौड़ से बाहर हो गए ऐसे में आंकड़ा जुटाने औऱ बैंकों के साथ लिखापढ़ी में फिल्म ऐसी उलझी कि वादा अधूरा रह गया औऱ 15 महीने में सरकार ही गिर गई.

कमलनाथ ने जारी की पेन ड्राइव 

गुरुवार को पूर्व सीएम कमलनाथ ने पेन ड्राइव जारी करके मीडिया से कहा कि उन्होंने साढ़े 26 लाख किसानों का कर्ज़ा माफ किया है. जो लोग आरोप लगाते हैं कि कर्ज़ माफ नहीं हुआ वो इस पैन ड्राइव को देखें. इसमें एक एक किसान का नाम पता और अकाउंट नंबर है जिसका कर्ज़ा माफ किया गया. आने वाले उपचुनाव में जनता कमलनाथ या कांग्रेस का साथ न दे. बस वो उन कामों को देखकर वोट करे जो उनके लिए कांग्रेस सरकार ने किये हैं.

 

 

जवाब में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने खेतों की सूरत नहीं देखी और बड़े बड़े दावे कर रहे हैं. किसानों को लेकर सिर्फ कांग्रेस ने छल किया है. किसी किसान का कर्ज़ माफ नहीं किया गया. कांग्रेस सिर्फ झूठ बोलती है.

 

 

यहां नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगा दिया कि जो कमलनाथ कभी खेतों में नहीं गए वो किसानों के दर्द को क्या समझेंगे. इस बीच एक तस्वीर ने आरोपों को और बल दे दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खेतों का जायज़ा लेने खुद देवास ज़िले के खातेगांव पहुंच गए. यहां मुख्यमंत्री अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का जायज़ा लिया और किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी. शिवराज ने कहा कि किसानों को समस्या हो और शिवराज बैठा रहे ऐसा नहीं हो सकता. कमोबेश इसे कांग्रेस के आरोपों को व्यावहारिक जवाब माना जा सकता है.

 

 

हालांकि ये बात सही है कि कई किसानों के वो कर्ज़ माफ हुए हैं जो एनपीए हो चुके थे. किसानों के 2 लाख तक के कर्ज़ माफ करने का वादा किया गया था. इसमें बाद में कई तरह के फिल्टर लगाए गए जिसकी जानकारी पहले खुलकर नहीं बताई गई थी. जैसे कि जिन किसानों के 1 से ज़्यादा खाते थे उनका सिर्फ एक खाते का कर्ज़ माफ किया गया. योजना के फायदे के लिए लोन लेने की तारीख को बदला गया.

लोन की तीन अलग अलग तरह की कैटेगरी बनाई गई, तीन अलग अलग रंगों के फॉर्म भरवाए गए, जिससे किसान नाराज़ हुआ. कर्ज़माफी के प्रमाण पत्र बांट दिए गए लेकिन बैंकों को जानकारी नहीं थी कि कर्ज़ माफ हो गया है, नोटिस बाद में भी आते रहे. ऐसे में भले ही कांग्रेस 26-27 लाख किसानों का आंकड़ा बता रही हो लेकिन कुछ कर्ज़माफी होने के बाद भी किसानों में ज़्यादा खुशी हो ऐसा नहीं है.

हालांकि कांग्रेस दावा ज़रूर कर रही है कि अगर वो सरकार में बने रहते तो कर्ज़माफी पूरी तरह से लागू हो सकती थी और इसी बहाने को लेकर कांग्रेस जनता के बीच जाने वाली है. अब जनता क्या रिस्पॉन्स देती है देखना दिलचस्प

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