मानसून सत्र: मीडिया के लिए भी गाइडलाइंस जारी, सांसदों का बयान लेने के लिए मोबाइल के इस्तेमाल पर रोक
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन परिसर में मंत्रियों और सांसदों के लाइव टेलीकास्ट और बाइट के लिए मीडियाकर्मियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
IANS के मुताबिक, रविवार को जारी आदेश में कहा गया, “मीडियाकर्मी संसद भवन परिसर में कहीं भी मंत्रियों और संसद सदस्यों की बाइट लेने के लिए अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं कर सकते.” आदेश में कहा गया है कि लाइव टेलीकास्ट के लिए मोबाइल फोन का उपयोग भी पहले की तरह प्रतिबंधित रहेगा.
सचिवालय के आदेश में आगे कहा गया “मीडियाकर्मी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.” 17वीं लोकसभा का चौथा सत्र सोमवार को सुबह 9 बजे से शुरू होगा. हालांकि, 15 सितंबर से 1 अक्टूबर तक निचले सदन का समय 3 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा. शनिवार और रविवार को भी तय समय अनुसार सत्र चलेगा.
राज्यसभा की बैठक सोमवार को दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी. वहीं 15 सितंबर से बैठक का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक हो जाएगा.
ओम बिरला ने लिया तैयारियों का जायजा
वहीं इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को संसद परिसर का दौरा कर स्वास्थ्य, सुरक्षा उपायों और अन्य तैयारियों का जायजा लिया. ओम बिरला ने एंट्री गेट से लेकर सभा कक्ष तक एक-एक स्थान को बारीकी से देखा और जो भी कमियां दिखाई दीं, उन्हें तत्काल दूर करने को कहा.
उन्होंने सबसे पहले एंट्री गेट का निरीक्षण किया और वहां लगाए गए थर्मल कैमरा के काम करने के तरीके को समझा. उन्होंने प्रवेश द्वार पर तैनात हर एक कर्मचारी को भी सैनेटाइजर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसके बाद उन्होंने सभा कक्ष, कॉरीडोर, इनर लॉबी, आउटर लॉबी, वेटिंग हॉल, मीडिया स्टैंड और परिसर में अन्य स्थानों को देखा और छोटी-मोटी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए.
बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की हुई बैठक
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार सुबह संसदीय सौध में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस संदर्भ में उन्होंने मीडिया को बताया कि बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि असाधारण परिस्थितियों में स्वास्थ्य संबंधी प्रोटोकॉल्स का पालन करते हुए सत्र के दौरान विधायी विषयों पर ज्यादा से ज्यादा सार्थक और सकारात्मक चर्चा हो. सभी दलों ने विधायी कार्यों और अन्य विषयों में अधिकतम सहयोग के लिए आश्वस्त किया है. सभी सांसद संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति के लिए कटिबद्ध हैं