दिल्ली-NCR को वायु प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए PMO ने संभाली कमान, ये है ‘मास्टरप्लान
नई दिल्ली: दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कमान संभाली है। ठंड शुरू होने से पहले एहतियातन सभी तरह के उपायों पर मंथन शुरू हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता वाले उच्चस्तरीय टॉस्क फोर्स ने इस बारे में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के लिए खास निर्देश जारी किए हैं। पीके मिश्रा ने बीते शुक्रवार को संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रीय मंत्रियों के सचिवों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर अफसरों की टीम उतारी जाए।
पराली दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने के प्रमुख कारणों में से एक
पिछले 2 वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई
PMO से शनिवार को जारी सूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने पीके मिश्रा ने वायु प्रदूषण के कारणों से निपटने के लिए फसल की कटाई और सर्दियों की शुरूआत से पहले इस बैठक को बुलाने की अहमियत बताई। बैठक में हुई समीक्षा के बाद पता चला कि पिछले दो वर्षों में पराली जलने की घटनाओं में 50 प्रतिशत की कम आई है और एयर क्वालिटी इंडेक्स में भी वृद्धि हुई है। इस दौरान फसल अवशेष जलाने से रोकने की दिशा में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर से किए गए प्रयासों और योजनाओं की विस्तार से जांच की गई। फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए अवशेष आधारित बिजली, ईंधन यूनिट की स्थापना पर जोर दिया गया।
‘सभी उपायों को गंभीर स्थिति से पहले अच्छे से लागू किया जाए’
प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने कृषि मंत्रालय की फसल अवशेष प्रबंधन योजना को ठीक से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में टीमों को जमीन पर उतारने का भी राज्यों को निर्देश दिया। कहा कि पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने की कोई भी घटना न हो, इसका ध्यान रखा जाए। जिलों में अतिरिक्त प्रयास और उपयुक्त प्रोत्साहन देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने जोर दिया कि सभी उपायों को गंभीर स्थिति शुरू होने से पहले अच्छी तरह से लागू किया जाए। औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों की ओर से उत्सर्जन मानदंडों का भी पालन करना चाहिए। बैठक में दिल्ली सरकार से प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाने के लिए कहा गया।