जम्मू कश्मीर: जिला विकास परिषद चुनाव का पहला चरण आज, 43 सीटों पर वोटिंग जारी

जम्मू कश्मीर में शनिवार को जिला विकास परिषद (DDC) के पहले चरण के चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है. पहले चरण में 43 सीटों पर वोटिंग हो रही है, जिसमें जम्मू की 18 और कश्मीर की 25 सीट शामिल है. इसके साथ ही पंचायत उपचुनाव के लिए वोटिंग की जा रही है. पहले चरण में 296 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. वोटिंग दोपहर 2 बजे तक चलेगी. डीडीसी चुनाव को लेकर सुरक्षा भी काफी कड़ी है.

बता दें कि राज्य में पहली बार जिला विकास परिषद के लिए वोटिंग हो रही हैं. पिछले साल अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के बाद, डीडीसी चुनाव जम्मू और कश्मीर में आयोजित सबसे बड़ी राजनीतिक गतिविधि है. पिछले साल भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर से स्पेशल स्टेटस का दर्जा छीनकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. जिला विकास परिषद के चुनाव 28 नवंबर से 22 दिसंबर तक आठ चरणों में होंगे. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने इस साल अक्टूबर में पंचायती राज एक्ट, 1989 को अपनाया है.

जम्मू-कश्मीर के हर जिले में अब एक जिला विकास परिषद होगा, जिसके पास नगर पालिका को छोड़कर पूरे जिले के क्षेत्र पर अधिकार होगा. इस चुनाव के जरिए जम्मू के 10 और कश्मीर घाटी के 10 समेत कुल 20 जिलों में डीडीसी का गठन किया जाएगा. प्रत्येक जिले में 14 निर्वाचन क्षेत्र होंगे. इस प्रकार पूरे जम्मू और कश्मीर में कुल 280 निर्वाचन क्षेत्र के लिए इन चुनावों के माध्यम से लोग डीडीसी के प्रतिनिधियों का चयन करेंगे.

जम्मू-कश्मीर में पहली बार होने जा रहे डीडीसी चुनाव आठ चरणों में होंगे. डीडीसी चुनाव के साथ ही 13,241 पंचों और सरपंचों की खाली सीटों, साथ ही नगर निगमों में खाली 228 सीटों पर उपचुनाव करवाए जाएंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी सहित गुपकार गठबंधन में शामिल 7 राजनीतिक दल इस चुनाव को मिलकर लड़ रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक जिले में जिला विकास परिषद के 14 सदस्य सीधे चुने जाएंगे. ये सदस्य डीडीसी के प्रधान और उपप्रधान का चयन करेंगे और बीडीसी (ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल) चेयरपर्सन का. भविष्य में विधायक भी इसके सदस्य होंगे. निर्वाचित सदस्य ही प्रधान और उपप्रधान चुनाव में वोट डाल पाएंगे. अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए सीटें आरक्षित होंगी. महिलाओं को भी 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर राज्य में डिस्ट्रिक्ट डवलपमेंट बोर्ड होते थे, जिसमें एक कैबिनेट मंत्री या एक राज्य मंत्री इसका अध्यक्ष होता था. विधायक और एमलएसी इसके सदस्यों में शामिल होते थे. डिस्ट्रिक्ट डवलपमेंट बोर्ड में विकास कार्यों की प्लानिंग और उन्हें करवाना डिस्ट्रिक्ट डवलपमेंट कमिश्नर द्वारा किया जाता था. राज्य में राजनीतिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगातार हो रहे हमलों के बीच चुनाव करवाना एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

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