ग्रेटर नोएडा में दिन-दहाड़े ठेकेदार की गोली मारकर हत्या, पुलिस हिरासत में बिजनेस पार्टनर
डीसीपी ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामले में संलिप्त लग रहा धर्मी खुद को बेकसूर बता रहा है. जबकि मौका-ए-वारदात के हालात बार-बार शक की सुई उसी की ओर घुमा रहे हैं.
दिल्ली (Delhi) से सटे यूपी (UP) के हाईटेक शहर ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में बुधवार को एक शख्स की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी गई. दिन-दहाड़े हत्या की इस वारदात में देसी तमंचे के इस्तेमाल का अंदेशा है. मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने मरने वाले शख्स के ही बिजनेस पार्टनर को हिरासत में ले लिया है. शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार वालों के हवाले कर दिया गया.
गुरुवार को टीवी9 भारतवर्ष से बातचीत में ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने घटना की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “हिरासत में लिए गए आरोपी का नाम धर्मेंद्र उर्फ धर्मी (35) है. धर्मी को उसके मारे गए बिजनेस पार्टनर हेमचंद (35) के परिजनों की शिकायत पर पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है.”
‘खुद को बेकसूर ही बताता रहा आरोपी’
डीसीपी ग्रेटर नोएडा ने आगे कहा कि हांलांकि, प्रथम दृष्टया मामले में संलिप्त लग रहा धर्मी खुद को बेकसूर बता रहा है. जबकि मौका-ए-वारदात के हालात बार-बार शक की सुई धर्मी की ओर ही घुमा रहे हैं. डीसीपी के अनुसार, “हिरासत में मौजूद आरोपी को वारदात के बाद पहली बार जब पूछताछ के लिए बुलाया गया तो वो खुद को बेकसूर ही बताता रहा.”
पुलिस ने संदिग्ध को इसके बाद थाने से छोड़ दिया. बाद में मृतक के परिजनों ने दुबारा धर्मी पर ही शक जताया तो, संदिग्ध धर्मी को दुबारा थाने बुलाकर उसका मोबाइल जब्त किया गया. मोबाइल कॉल डिटेल निकाली गई. उसके बाद दुबारा संदिग्ध से पुलिस ने पूछताछ की. तब भी संदिग्ध धर्मी यानि मरने वाले तालाब ठेकेदार हेमचंद का साथी, पुलिस को बरगलाने की कोशिश में ही जुटा रहा.
‘परिजनों के बयान में दम नजर आ रहा’
खबर लिखे जाने तक संदिग्ध पुलिस की हिरासत में है. डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह के मुताबिक, “मरने वाले के परिजनों के बयान में दम नजर आ रहा है. संदिग्ध के मोबाइल कॉल डिटेल से उसकी लास्ट लोकेशन भी हेमचंद (मृतक) के इर्द-गिर्द ही मिली है. दुबारा की गई पूछताछ में संदिग्ध धर्मी हत्या की बात से तो अभी तक इंकार ही कर रहा है. मगर जब अंतिम समय धर्मी (संदिग्ध), मरने वाले के साथ था. तो फिर हत्याकांड के बारे में भला उसे कैसे जानकारी नहीं होगी.”
बकौल डीसीपी, संदिग्ध धर्मी कुछ छिपाने की कोशिश लगातार कर रहा है. मगर वो चूंकि मरने वाले के साथ आखिरी वक्त में मौजूद था. लिहाजा ऐसे में हम उसी (धर्मेंद्र उर्फ धर्मी निवासी गरबरा गांव, ग्रेटर नोएडा) को संदिग्ध मुलजिम मानकर तफ्तीश में लगे हैं.
‘ठेकेदार ने कॉल करके छोटे भाई को बुलाया’
उधर टीवी9 भारतवर्ष से गुरुवार को बात करते हुए इस घटना में मारे गए गांव अढ़ाई मुरादपुर (अटाई मुरादपुर) (कासना ग्रेटर नोएडा) निवासी तालाब ठेकेदार हेमचंद उर्फ हेमी (35) के परिजनों ने भी हत्याकांड का जिम्मा धर्मेंद्र उर्फ धर्मी पर ही डाला है. बुधवार को गोली से मारे जा चुके हेमचंद के भाई अतर सिंह के मुताबिक, “बुधवार को दिन में करीब पौने चार बजे एक बिजनेस पार्टनर ठेकेदार ने मोबाइल पर कॉल करके छोटे भाई हेमचंद को बुलाया था. करीब सवा चार बजे भाई का मोबाइल स्विच्डऑफ आने लगा. हम लोगों ने जब हेमचंद की तलाश की तो उसकी गोली लगी लाश मिली.”
परिजनों के मुताबिक, “हेमचंद को उसके बिजनेस पार्टनर धर्मेंद्र उर्फ धर्मी ने घटना से चंद मिनट पहले बुलाया था. फोन करने वाले ने कहा था कि वो (हेमचंद हेमी) अपना लेनदेन हिसाब-किताब पूरा कर ले. पैसों के लेनदेने के लिए गए हेमचंद की कुछ देर बाद ही परिवार वालों को लाश मिल गई. गुरुवार को पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद लाश परिवार वालों के हवाले कर दी.”