शराब दुकान बढ़ाने के लिए गृहमंत्री का तर्क, प्रति लाख दूसरे राज्यों में सैकड़ो दुकानें, एमपी में सिर्फ 4

एमपी में जहां प्रति लाख आबादी पर मात्र 04 दुकाने हैं ,जबकि उत्तरप्रदेश में 12, महाराष्ट्र में 21 और राजस्थान में 17 दुकानें हैं.

भोपाल: एक तरफ मुरैना में जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हो गई, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश में शराब की दुकानें बढ़ाए जाने को लेकर एक तर्क दिया है. दरअसल, नरोत्तम मिश्रा का मानना हैं कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें नहीं होने से लोग नकली शराब खरीदते हैं. इस वजह से अवैध शराब का कोरोबार तेजी से बढ़ रहा है.

जनसंख्या के हिसाब से दुकान कम
बुधवार को गृहमंत्री ने मीडिया के सामने तर्क दिया कि अमानक शराब की रोकथाम के लिए शराब की दुकानों की संख्या बढ़नी चाहिए. उन्होंने पड़ोसी राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानें अन्य प्रदेशों से तुलनात्मक रूप से प्रति लाख आबादी पर कम है. एमपी में जहां प्रति लाख आबादी पर मात्र 04 दुकाने हैं ,जबकि उत्तरप्रदेश में 12, महाराष्ट्र में 21 और राजस्थान में 17 दुकानें हैं.

कम दुकान होने से दूसरे राज्य शराब भेजते
गृहमंत्री का तर्क है कि दूसरे राज्यों को हम प्रोत्साहित करते है, अपने प्रदेशों में अमानक शराब यहां पर अवैध तरीके से लाने की, इसलिए शराब की दुकानों को बढ़ाने का सुझाव मैंने बैठक में दिया था.

कांग्रेस पर किया वार
नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार पर वार करते हुए कहा कि विपक्ष जब सत्ता में था तो उसने घर-घर शराब पहुँचाने की तैयारी कर ली थी. महिलाओं को कैसे आसानी से शराब मिले इसकी भी तैयारी की थी. हम तो यह पहल इसलिए कर रहें है कि लोगों को अमानक और जहरीली शराब पीने से बचा सकें.

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