किसानों के हिंसक प्रदर्शन के बाद योगेंद्र यादव ने दी सफाई, कहा- मैं शर्मिंदा महसूस कर रहा

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा को लेकर योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा है कि जो कुछ हुआ, उससे वह शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं.

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में प्रदर्शनकारी किसानों ने जमकर हुड़दंग मचाया और बवाल के साथ हिंसा को अंजाम दिया. इस कलंकित करने वाली घटनाओं से पूरा देश स्तब्ध है, लेकिन इसके बाद किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) की अगुआई करने करने वाले नेताओं के सुर बदल गए हैं और उन्होंने हुड़दंग मचाने वालों से किनारा कर लिया है.

योगेंद्र यादव बोले- जो हुआ, उससे शर्मिंदा

स्वराज इंडिया (Swaraj India) के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में मंगलवार को जो कुछ हुआ, उससे वह शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं और इसकी जिम्मेदारी लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शन का हिस्सा होने के नाते मैं, जो चीजें हुईं, उनसे शर्मिंदा महसूस करता हूं और इसके लिए जिम्मेदारी लेता हूं.’

शांतिपूर्ण आंदोलन से ही मिलेगी जीत: योगेंद्र यादव

योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने कहा, ‘हिंसा किसी भी आंदोलन पर गलत प्रभाव डालती है. मैं इस समय नहीं कह सकता कि यह किसने किया और किसने नहीं किया, लेकिन पहली नजर में ऐसा लगता है कि यह उन लोगों ने किया जिन्हें हमने किसानों के प्रदर्शन से बाहर रखा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने लगातार अपील की कि हम तय किए गए रूट पर ही चलें और इससे न हटें. यदि आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता है, केवल तभी हम जीतने में सफल होंगे.’

प्रदर्शनकारियों ने लाल किले पर फहराया अपना झंडा

बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल किले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. पुलिस ने लगभग 90 मिनट तक चली अफरातफरी के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को लाल किला परिसर से हटा दिया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

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