किसान आंदोलन में घुसे नकाबपोश:हाथ में तिरंगा और मुंह पर गमछा बांधे उपद्रवियों ने किसानों, महिलाओं से की मारपीट, पोस्टर- बैनर फाड़े
- फूलबाग पर 31 दिन से शांतिपूर्ण चल रहा है आंदोलन, शाम को आए युवकों ने मचाया उत्पात
- 20-25 युवकों ने 20 मिनट तक हंगामा मचाया, आसपास के थानों से बुलाया पुलिस फोर्
दिल्ली में किसान के समर्थन में ग्वालियर में फूलबाग मैदान पर पिछले 31 दिनों से चल रहे आंदोलन में रविवार को हंगामा हो गया। शाम करीब 4.30 बजे हाथों में हाथों तिरंगा थामे करीब 20 से 25 नकाबपोश लोग घुस आए। उपद्रवियों ने पहले मंच पर कब्जा करने का प्रयास किया। जब सफल नहीं हुए, तो मारपीट शुरू कर दी।
उत्पातियों ने लोगों, महिलाओं और बुजुर्गों से मारपीट की। पोस्टर-बैनर फाड़ दिए। कुछ देर उत्पात मचाकर फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा। किसानों का नेतृत्व कर रहे माकपा नेता अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि हमला करने वाले स्वंय सेवक संघ के कार्यकर्ता थे।
अखिल भारतीय किसान महासंघ, किसान संघर्ष दल के आवाहन पर फूलबाग पर 1 जनवरी से माकपा सदस्य व अन्य गांव के किसान महिला, पुरुष टेंट लगा लगाकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को 31 दिन पूरे हो चुके हैं। कड़कड़ाती सर्दी के बीच भी किसानों का आंदोलन प्रभावित नहीं हुआ।
लगातार उन्हें किसानों और किसान नेताओं का समर्थन मिल रहा है। एक दिन पहले पूर्व गृहमंत्री गोविंद सिंह भी उनसे मिलने पहुंचे थे। रविवार शाम अचानक हाथों में तिरंगा लिए 20 से 25 युवक यहां पहुंचे। ज्यादातर लोग चेहरे पर केसरिया साफी बांधे थे। उत्पातियों ने मंच के बाहर लगी कुर्सियां फेंकना शुरू कर दीं। रोकने पर मारपीट करने लगे। करीब 20 मिनट तक युवकों ने हंगामा किया। साथ ही, प्रदर्शन कर रहे लोगों को घर जाने के लिए कहा। ऐसा नहीं करने पर फिर लौटकर हमला करने की धमकी दी।
महिलाओं का आरोप- हमसे बदसलूकी की गई
सूचना मिलते ही एएसपी सतेन्द्र सिंह तोमर आसपास के थानों का फोर्स लेकर पहुंच गए। तब तक हमलावर जा चुके थे। महिलाओं ने आरोप लगाया कि उत्पातियों ने उनसे बदसलूकी की है। कुछ लोगों को पहचानने की बात भी आंदोलनकारी कह रहे हैं।
पुलिस फोर्स तैनात, ट्रैफिक डायवर्ट
हंगामे के बाद फूलबाग पर किसान आंदोलन स्थल पर फोर्स तैनात कर दिया गया है। साथ ही, ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। एएसपी सतेन्द्र सिंह तोमर का कहना है, मामले की जांच की जा रही है।