क्या स्टील की रॉड वाले इन हथियारों से पाया जाएगा प्रदर्शनकारी किसानों पर काबू? दिल्ली पुलिस ने साफ की स्थिति
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा जैसी स्थिति दोबारा न हो इसे रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अब राजधानी की गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर समेत सीमाओं पर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग के साथ ही कंटीले तार लगाने और सड़क पर कीलें गाड़ने जैसे कई इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। इस बीच हाथों में स्टील के रॉड लिए दिल्ली पुलिस का एक फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
इसको लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन. श्रीवास्तव से मंगलवार को जब यह पूछा गया कि क्या स्टील के रॉड (कथित तौर पर कुछ पुलिस कर्मियों द्वारा देखे गए) को वापस ले लिया गया है? इस पर पुलिस कमिश्नर ने साफ कर दिया कि इस तरह के हथियारों से पुलिस को लैस करने के लिए कोई औपचारिक आदेश नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा मैं आपको बता नहीं सकता कि वह क्या है, स्टील के रॉड पुलिस के हथियार का हिस्सा नहीं हैं।
वहीं, दिल्ली की सीमाओं पर गड्ढे खोदने और कीलें गाड़ने के सवाल पर पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को कहा कि मुझे आश्चर्य है कि 26 तारीख को जब ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस पर हमला किया गया था और बैरिकेड तोड़े गए थे, तब कोई सवाल नहीं उठाया गया था। अब हमने क्या किया? हमने सिर्फ बैरिकेडिंग को मजबूत किया है ताकि यह फिर से न टूटे।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने मंगलवार को पीतमपुरा के डीसीपी ऑफिस आउटर डिस्ट्रिक्ट में किसान रैली के दौरान हुए हिंसा में घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आप सभी वीर हैं, आपके द्वारा दिखाया गया धैर्य और नियंत्रण काबिले तारीफ है। आपने बहुत अच्छा काम किया। दिन हो या रात आप ड्यूटी कर रहे हैं। आपका इलाज सरकारी खर्च से होगा। उन्होंने कहा कि खुफिया रिपोर्टों पर ध्यान केंद्रित करके आगे की रणनीति बनाकर हम खुद को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान हुई हिंसा में 510 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
दिल्ली पुलिस के ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने स्टील रॉड का इस्तेमाल करने की बात पर कहा कि हमने ऐसी घटनाएं भी देखी हैं जिनमें तलवारों का इस्तेमाल किया गया था, इसलिए शायद पुलिस थाना स्तर पर प्रायोगिक आधार पर इसे आजमाया गया होगा। जब तक ट्रायल नहीं किया जाता, तब तक हम ऐसे किसी उपकरण को दंगा रोधी अभियान का हिस्सा बनाने की मंजूरी नहीं दे जा सकते हैं।
उन्होंने ने कहा कि सभी ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को देखा है, बैरिकेड्स तोड़ दिए गए थे, तय रूट का पालन नहीं किया गया था, रैली निर्धारित समय से पहले शुरू हुई और ट्रैक्टरों को पुलिस कर्मियों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि, नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग करते हुए 69वें दिन भी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। चक्का जाम के ऐलान के बाद पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर सख्त घेराबंदी कर दी है। दिल्ली पुलिस ने सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाकर रोड ब्लॉक कर दी दई हैं। इतना ही नहीं, पुलिस ने टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर की मेन रोड पर लोहे की कीलें भी ठोक दी हैं।
कमिश्नर ने कल गाजीपुर बॉर्डर पर लिया था सुरक्षा व्यवस्था का जायजा
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नया केंद्र बिंदु बने गाजीपुर बॉर्डर का दौरा करके वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। कमिश्नर ने स्पेशल पुलिस कमिश्नर (मध्य) राजेश खुराना, ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर (पूर्व) आलोक कुमार और डीसीपी (पूर्व) दीपक यादव के साथ प्रदर्शन स्थल का दौरा किया था। कमिश्नर ने वहां तैनात सुरक्षा कर्मियों के साथ बातचीत कर उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की थी।