भितरवार एसडीएम का रीडर दफ्तर में ही 2 हजार रुपए घूस लेते पकड़ा

भितरवार एसडीएम के रीडर काे उसी के दफ्तर में 2 हजार रुपए घूस लेते हुए रंगे हाथाें लाेकायुक्त टीम ने पकड़ लिया। साेमवार दाेपहर 1 बजे हुई इस कार्रवाई में घूस में लिए गए रुपए रीडर की जेब से बरामद किए गए। मामला 2 बीघा जमीन की इंद्राज दुरुस्ती का है। डबरा के जवाहरगंज में रहने वाले किसान नारायण सिंह ने 2 साल पहले भितरवार तहसील में 2 बीघा जमीन अपने बेटे प्रताप सिंह के लिए खरीदी थी।

खरीदने के कुछ माह बाद साॅफ्टवेयर में त्रुटि की वजह से यह जमीन खसरे में शासकीय दिखने लगी। इस पर नारायण सिंह ने कलेक्टर के पास इंद्राज दुरुस्ती प्रकरण के लिए आवेदन दिया। इस आवेदन को एसडीएम भितरवार के पास कार्रवाई के लिए भेजा गया, लेकिन काम करने की बजाय एसडीएम अश्विनी रावत का रीडर राजेंंद्र परिहार नारायण से 4 हजार रुपए मांग रहा था।

लोकायुक्त इंस्पेक्टर कविंद्र सिंह के मुताबिक नारायण ने 5 मार्च काे लाेकायुक्त कार्यालय में शिकायत की। इस पर लाेकायुक्त टीम ने नारायण काे रिश्वत की डील की रिकाॅर्डिंग करने के लिए रिकाॅर्डर दिया। नारायण जब रिकॉर्डर लेकर 6 मार्च को एसडीएम कार्यालय में पहुंचा ताे आरोपी राजेंद्र ने 4 हजार रुपए की रिश्वत की मांग करते हुए 2 हजार रुपए तत्काल ले लिए। शेष रकम दो हजार रुपए सोमवार काे देना तय हुआ।

इसी क्रम में दाेपहर 1 बजे जब नारायण ने एसडीएम दफ्तर में पहुंचकर राजेंद्र काे 2 हजार रुपए दिए ताे उसने वह अपनी जेब में रख लिए। रुपए देने के बाद नारायण ने लोकायत टीम को इशारा किया। टीम ने तत्काल पहुंचकर आरोपी को पकड़कर उसकी जेब से रुपए निकलवाकर जब्त कर लिए और रीडर के हाथ धुलवाए ताे वह गुलाबी हाे गए।
ग्वालियर की बैठक में थे एसडीएम
जिस समय रीडर राजेंद्र परिहार काे घूस लेते पकड़ा गया, तब एसडीएम भितरवार अश्विनी रावत समय सीमा बैठक में ग्वालियर में थे। उनके मुताबिक वे 10 दिन के लिए हैदराबाद ट्रेनिंग पर गए थे। नारायण सिंह के इंद्राज दुरुस्ती के मामले में वे 12 फरवरी काे ही आदेश कर चुके थे। इसे अब कलेक्टर न्यायालय काे भेजना था, लेकिन रीडर ने इस फाइल को रोके रखा और नारायण सिंह को गुमराह किया।

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