मार्केट में उतारे गए पुराने और कमजोर ऑक्सीजन सिलेंडर बन सकते है जानलेवा, जानिए कैसे करें पहचान

कोरोना वायरस के दूसरी लहर ने देश में आतंक मचा रखा है। कोविड-19 की दूसरी स्टेन में मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में लाखों संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में मरामारी स्थिति बन गई है। यहां तक की समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण लोगों की मौत भी हो गई। इस संकट के बीच मार्केट में पुराने, कमजोर और कंडम सिलेंडर उतार दिए गए हैं। जिसमें हाईप्रेशर से ऑक्सीजन भरने से बड़ा हादसा हो सकता है।

ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग में वृद्धि

कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग में वृद्धि हो गई है। सात क्यूबिक लीटर ऑक्सीजन भरने वाले सिलेंडर का वजन 52 किलोग्राम होता है। इसकी लंबाई सामान्य हाइट के व्यक्ति से ज्यादा होती है। अब तक ऑक्सीजन सिलेंडरों का उपयोग वेल्डिंग करने वाले करते थे। अब इनकी मांग चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ने से पुराने हो चुके सिलेंडर भी बाजार में उतारे गए

कमजोर सिलेंडरों में ऑक्सीजन भरना बंद करनी चाहिए

जानकारों का कहना है कि पुराने सिलेंडर फटने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में कमजोर सिलेंडरों को छांटकर उनमें ऑक्सीजन भरना बंद करना चाहिए। उसमें कार्बन डाइआक्साइड भरकर ज्यादातर इस्तेमाल ठेले पर कोल्ड ड्रिंक और सोडा बेचने वाले करने लगे हैं। कार्बन डाइआक्साइट को हाईप्रेशर से नहीं भरा जाता है। अब मांग बढ़ने के कारण पुराने और कमजोर हो चुके सिलेंडर ऑक्सीजन भरने में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो पुराने सिलेंडरों को आक्सीजन भरने के लिए प्लांट में लाने पर हादसा हो सकता है, क्योंकि यह हाईप्रेशर बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं। साथ ही इसे महंगे दाम में बेचा जा रहा है।

सिलेंडर की ऐसे करें पहचान

– नोजल के पास छल्ला पड़ा है तो जान लें कि कमजोर होने की आशंका में इसकी जांच हो चुकी है। उसमें जांच की तारीख भी लिखी जाती है।

– जगह-जगह लगी जंग और पिचक जाना।

– ऑक्सीजन भरते समय एक अलग तरह की आवाज आए।

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