क्या उत्तर प्रदेश का फिर से होगा विभाजन, 2-3 हिस्सों में बांटेगी सरकार, अलग राज्य बनेगा पूर्वांचल?
Fact Check: वायरल हो रही खबर में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश को दो या तीन हिस्सों में बांटने पर विचार हो रहा है. पूर्वांचल को एक अलग अलग राज्य बनाने पर मंथन किया जा रहा है.
जनसंख्या की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) वर्ष 2000 में दो भागों में विभाजित हो गया था. 9 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. 25 अगस्त 2000 को उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के पारित होने के साथ लंबे समय से चली आ रही यह मांग पूरी हुई थी. पहले अलग राज्य का नाम उत्तरांचल था, जिसे बाद में बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया.
अब आप सोच रहे होंगे कि अचानक से उत्तर प्रदेश के विभाजन की चर्चा इतने सालों बाद क्यों की जा रही? दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी वे मिले. उत्तर प्रदेश में चुनाव नजदीक हैं. ऐसे में इन मुलाकातों को कई नजरियों से देखा जा रहा है.
इस बीच सोशल मीडिया पर उड़ती-उड़ती एक खबर वायरल होने लगी कि उत्तर प्रदेश का एक बार फिर से विभाजन होने जा रहा है. केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में बांटने पर और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है. इस वायरल खबर की सच्चाई क्या है, ये हम आपको बताएंगे, लेकिन इससे पहले जान लीजिए कि वायरल खबर में आखिर क्या दावा किया जा रहा है….
वायरल खबर में क्या दावा किया जा रहा?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबर में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश को दो या तीन हिस्सों में बांटने पर विचार हो रहा है. पूर्वांचल को एक अलग अलग राज्य बनाने पर मंथन किया जा रहा है. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले विभाजन पर मंथन हो रहा है. प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी की मीटिंग में इस मुद्दे पर सहमति बनने की चर्चा है. सीएम योगी की राष्ट्रपति के साथ भी मीटिंग होनेवाली है.
आगे दावा किया गया है कि इसी संदर्भ में एके शर्मा की यूपी में तैनाती की गई है. जानकार सूत्रों ने बताया कि अगर पूर्वांचल बना तो योगी का घर गोरखपुर भी नए राज्य में आएगा. इसके साथ ही अयोध्या, काशी और मथुरा भी अलग-अलग राज्यों में आ जाएंगे.
प्रस्ताव पास कराने में नहीं होगी दिक्कत!
वायरल मैसेज में आगे लिखा है, “इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नवंबर 2011 में प्रपोजल तैयार किया था और यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भेजा था. तब यूपी को चार राज्यों पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश आदि में बांटे जाने का प्रस्ताव था. लेकिन सपा सरकार बनने के बाद यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया.
अब एक बार फिर केंद्र सरकार गंभीरता से इस मामले में विचार कर रही है. यूपी विधानसभा में सीएम योगी के पास पूर्ण बहुमत है, जबकि लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत है. ऐसे में प्रस्ताव को पास करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.
क्या है इस वायरल मैसेज की सच्चाई?
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस खबर की भनक सरकार की सूचना एजेंसी पीआईबी यानी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो को लगी तो इसकी पड़ताल कर इसे फेक यानी फर्जी बताया गया है. पीआई की फैक्ट चेक टीम (PIBFactCheck) ने ट्वीट कर इसकी सच्चाई बताई है.
पीआईबी ने ट्वीट में लिखा है, “एक खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है. यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है.”
यानी स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के विभाजन की फिलहाल ऐसी कोई संभावना नहीं है. सोशल मीडिया में वायरल हो रही खबर झूठी है और भ्रम फैलाने के लिए इसे वायरल किया जा रहा है.