अफगानिस्तान संकट का दिल्ली में भी दिखेगा असर! एक हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होने की आशंका

अफगानिस्तान में तालिबान के आने का असर दिल्ली के व्यापारियों की जेब पर भी पड़ेगा. दिल्ली के प्रमुख व्यापारी संगठन चैंबर्स ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अनुसार अफगानिस्तान संकट से दिल्ली में करीब एक हजार करोड रुपए का व्यापार प्रभावित होने की संभावना है.

अफगानिस्तान (Afghanistan Crisis) की सत्ता पर तालिबान (Taliban) के काबिज होने से भारत के व्यापारिक रिश्ते प्रभावित होने तय हैं. व्यापारी संगठन चैंबर्स ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (Chamber of trade and industry) के अनुसार अफगानिस्तान संकट से दिल्ली का एक हजार करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हो सकता है. सीटीआई के चैयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2020-2021 में भारत और अफगानिस्तान के बीच करीब 10 हजार करोड़ का व्यापार हुआ था.

बृजेश गोयल ने बताया कि अफगानिस्तान के साथ भारत का संबंध द्विपक्षीय है. भारत की तरफ से साल 2020-21 में अफगानिस्तान के साथ हुए कुल व्यापार में से लगभग 6000 करोड़ रुपए का निर्यात किया था. वहीं लगभग 3800 करोड रुपए का आयात किया गया था. इसमें दिल्ली के सूखे मेवों की मंडी खारी-बावली की अफगानिस्तान पर बड़ी निर्भरता है.

क्या आता है- क्या जाता है?

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान से दिल्ली के कारोबारी किशमिश, अखरोट, अंजीर, पिस्ता, सूखी खुबानी के साथ-साथ अन्य जड़ी बूटी खरीदते हैं. दिल्ली के चांदनी चौक समेत पुरानी दिल्ली के बाजारों से कपड़े, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, ऑटो पार्ट्स समेत अन्य समानाल अफगानिस्तान भेजी जाती है. इसमें विशेष तौर पर चांदनी चौक कपड़ा बाजार से काबुल और कंधार में लेडीज सूट और कॉटन के कुर्ते जाते हैं.

सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि वर्तमान हालात में भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. इन परिस्थितियों में भविष्य अनिश्चित है, ऐसे में कारोबारियों के शिपमेंट फंसे हुए हैं और बड़े पैमाने पर कारोबारियों को अपनी पेमेंट फंसने का डर है.

पिछले साल हुआ था 1.4 अरब डॉलर का कारोबार

अमेरिका के नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा तालिबान को अफगानिस्तान की सत्ता से 2001 में हटा दिया गया था. उसके बाद अमेरिकी सेनाओं की वापसी शुरू होने पर तालिबान ने 15 अगस्त को एक बार फिर अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करते हुए ज्यादातर क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में ले लिया.

वहीं कैट के दिल्ली एनसीआर इकाई के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कैट के पास उपलब्ध आंकड़ों के हवाले से कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 1.4 अरब डॉलर था, जो 2019-20 में 1.52 अरब डॉलर रहा था. वर्ष 2020-21 में अफगानिस्तान को भारत का निर्यात 82.6 करोड़ डॉलर और आयात 51 करोड़ डॉलर था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *