बच्चों को बिना सिम कार्ड वाला मोबाइल दें पेरेंट्स; ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें, प्ले स्टोर पर पेरेंटल कंट्रोल ऑन करें

बच्चों के ऑनलाइन गेम्स के लिए एडवाइजरी

मध्यप्रदेश साइबर सेल ने बच्चों के ऑनलाइन गेम्स खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक योगेश चौधरी ने पैरेंट्स के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि हो सके तो बच्चों को मोबाइल ना दिया जाए। ऑनलाइन क्लास के लिए भी बिना सिम कार्ड का ही मोबाइल दें। इसके अलावा, बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें।

योगेश चौधरी ने कहा है कि गेम्स खेलने के लिए अधिकतर बच्चे खुद का मोबाइल दिलाने की जिद करते हैं। इसके साथ ही माता-पिता के मोबाइल से भी गेम खेलते हैं। इन गेम्स में अगले लेवल पर जाने या कोई अवतार, हथियार या ड्रेस खरीदने के लिए ऑनलाइन पेमेंट भी करनी होती है, जो बच्चे अपने माता-पिता के ऑनलाइन बैंकिंग या डेबिट, क्रेडिट कार्ड से कर देते हैं। बाद में ठगी का पता चलता है।

ये एडवाइजरी जारी की

  • बच्चों को हो सके तो मोबाइल न दें। यदि ऑनलाइन क्लासेस के लिए मोबाइल दें भी तो, उन्हें बिना सिम कार्ड के मोबाइल दें।
  • बच्चों को वाई-फाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें। बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं, जिनमें सिम नहीं लगती।
  • ‌बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें।
  • परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर पर पेरेंटल कंट्रोल ऑन करें।
  • माता-पिता अपने मोबाइल बच्चों को न दें।
  • पासवर्ड बच्चों को न बताएं। खासकर तब जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो।
  • बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन करने की छूट न दें और न ही उनसे बिल, रीचार्ज या अन्य पेमेंट करने को कहें।
  • खाते से पैसे अचानक कटते हैं और उसका मैसेज आपके मोबाइल में न आए तो पहले बच्चों व परिवार से पैसे कटने का कारण पूछें। यदि उनके द्वारा ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है तो इसकी शिकायत थाने में, www.cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री नंबर155260 पर करें।

पेमेंट मोड में सेव कर रहे बच्चे बैंक डिटेल
कई बार कार्ड व बैंक की डिटेल्स बच्चे गेम के ही पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं, जिससे अगली बार पेमेंट करने में केवल OTP की ही जरूरत होती है। य‍ह OTP पेरेंट्स के ही मोबाइल नंबर पर आता है। उसी मोबाइल से बच्चे गेम्स खेलते हैं, जिससे पैसे ट्रांसफर करने में उन्हें समय नहीं लगता। ट्रांजेक्शन होने के बाद वह उस OTP के मैसेज को मोबाइल से डिलीट भी कर देते हैं। जब तक माता-पिता को पैसे कटने की जानकारी लगती है, तब तक उनका नुकसान हो चुका होता है।

डिप्रेशन में आकर बच्चे गलत कदम उठा रहे
चौधरी ने बताया, कई बार बच्चे डिप्रेशन में गलत कदम उठा लेते हैं। बच्चों के गेम्स की वजह से कई पेरेंट्स का नुकसान हो गया है। अधिकतर बच्चे उधारी तक ले रहे हैं। बाद में डर की वजह से वह गलत कदम उठा लेते हैं।

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