AUDIO, जिसने बदली राजबाड़ा की तस्वीर:माफिया 400 रुपए रोजाना में फुटपाथियों में दिए थे एक ठिया; राजकुमारी, रानी, गोलू नगर निगम को देते थे 50 रुपए

इंदौर के राजबाड़ा के आसपास लगने वाले ठिये को लेकर फुटपाथों के माफिया सक्रिय थे। यहां 400 रुपए रोजाना से फुटपाथ पर ठिये बेचने की शुरुआत होती थी। आसपास रहने वाले राजकुमारी, रानी मौसी, राधा और गोलू वर्मा जैसे लोग सालों से इसे चला रहे थे। इसका एक हिस्सा निगम और सराफा पुलिस के पास जाता था। इसकी वजह से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती थी। एक महीने पहले एक ऑडियो आया, जिसके बाद व्यापारियों ने CM शिवराज सिंह चौहान तक इसे पहुंचाया। इसके बाद अधिकारी हरकत में आए। तीन दिन से नगर निगम राजबाड़ा को फुटपाथियों को हटाने में जुटी है। सड़कों से कब्जा हटने की वजह से लोगों को राहत मिल गई है।

क्या है इन ऑडियो में
दो तरह के ऑडियो में राजबाड़ा व्यापारी संगठन से जुड़े दो व्यक्तियों को लेकर चर्चा हो रही है। इसमें स्मार्ट सिटी के लिए तोड़फोड़ का विरोध है। दूसरे ऑडियो में ठियों को लेकर होने वाले विरोध फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले एक व्यक्ति द्वारा की जा रही है। ऑडियो में उन लोगो का जिक्र भी है, जो यहां निगम प्रशासन और पुलिस की मदद से दुकानें किराए पर देकर प्रतिदिन के हिसाब से 400 रुपए वसूलते हैं।

इस ऑडियो ने खोले सबके नाम

एक ऑडियो में
राजेश भैया और हरि के बीच बातचीत हो रही है, जिसमें राजेश परिचित को ठिया दिलाने के लिए हरि से बात कर रहा है। इसमें हरि जो ठिये पर खुद अपनी दुकान लगाता है। उसने सबकी पोल खोली है। यहां नगर निगम को 50 रुपए रोज देने के साथ ही 400 रुपए रोज गोपाल पट्‌टी वाली लाइन में ठिये पर दुकान देने वाली रानी मौसी राजकुमारी गोलू वर्मा और टक्कू के नाम का जिक्र है।

राजबाड़ा में फुटपाथियों को हटाने पहुंचे नगर निगम।
राजबाड़ा में फुटपाथियों को हटाने पहुंचे नगर निगम।

जानिए ठिए लगाने के पीछे का सच

  • राजबाड़ा पर ठिये बेचने के मामले में राजकुमारी, रानी मौसी, राधा, गोलू वर्मा सहित आदि के जो नाम सामने आए हैं, ये लोग कुछ साल पहले तक गोपाल मंदिर के पीछे अपने ठिए जमाकर सामान बेचते थे। फिर कुछ समय बाग गोपाल मंदिर की लाइन व आसपास 5X5 वर्गफीट की जमीन पर ठिए लगाकर सामान बेचने लगे, जिससे व्यापार चलने लगा। फिर 2018 से इन लोगों ने पहले अपने नजदीकी लोगों को 200 रु. हर रोज के हिसाब से ठिए किराए पर देना शुरू किए और इस तरह अब 400 रु. से लेकर 1 हजार रु. हर रोज के हिसाब से ठियों का किराया लिया जाता है। ठियों की सबसे ज्यादा कीमत मावा बाजार, पिपली बाजार व सराफा की जहां 1 हजार रु. रोज तक का किराया लिया जाता है। इस न जीएसटी और न कोई टैक्स दिए तगड़ा धंधा चल रहा है
  • पुलिस और निगम की खातिरदारी का तरीका यह है कि किराएदार और ठेले वाले हर बीट के पुलिसकर्मी को 20-20 रुपए देते हैं। दिनभर में तीन बार इनकी ड्यूटी बदलती है तो इस तरह कुल 60 रुपए दिए जाते हैं। ऐसे ही निगम कर्मचारियों को 20 रु. लेकर 50 रु. तक रोज दिए जाते हैं। मामला उलझने पर फिर किराएदार नहीं बल्कि ठिए के ठेकेदार अधिकारियों से विवाद कर हंगामा करते हैं। महिलाएं ठेकेदारों की भी ऐसी ही स्थिति है। वे हंगामा कर केस दर्ज करने की धमकी देती है जिससे टीम पीछे हट जाती है।
  • इस बीच ठिए के लेन-देने का ऑडियो मुख्यमंत्री के एक बहुत ही नजदीकी अधिकारी तक पहुंचा तो मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया। इसके बाद नजदीकी अधिकारी ने इंदौर के अधिकारियों को मौखिक रूप से कार्रवाई के लिए कहा।
  • इसके बाद इंदौर के अधिकारी हरकत में आए और विभिन्न व्यापारी पदािधकारियों से गूगल व वाट्सएप कॉल पर बात की वे कल से सड़क कब्जे के मामले में एक्शन ले रहे हैं। व्यापारियों को यह भी चेतावनी दी कि आप शटर के बाहर का अपना अतिक्रमण हटा लें अन्यथा वहां भी कार्रवाई होगी।
  • अब रोज नगर निगम की 15 से ज्यादा गाडियां क्षेत्र में तैनात हैं और एक भी ठिया नहीं लगने दिया जा रहा है क्योंकि गाडियों के जाते ही ठेकेदार व किराएदार सड़कों पर धंधे के लिए आ जाते हैं। निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि व्यापारी की बात सही है। निगम द्वारा सड़कों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

व्यापारी 15 अगस्त से अड़े थे

खास बात यह कि ये बड़े व्यापारी 15 अगस्त के बाद से ही लगातार गुहार कर रहे थे कि इन ठियों को हटाया जाए। फिर काली पट्‌टी के साथ मानव शृंखला बनाकर आधे दिन दुकानें बंद रखी। फिर भी अधिकारी नहीं जागे तो रविवार 5 सितम्बर को 12 से ज्यादा व्यापारिक संगठनों ने जनपंचायत बुलवाई और तय किया अब कार्रवाई नहीं की व्यापारी टैक्स नहीं भरेंगे। इसी रात यह मामला और ऑडियो मुख्यमंत्री तक पहुंची व 6 सितम्बर से नगर निगम ने कार्रवाई शुरू की।

अब आसानी से हर बाजार में पहुंच रहे ग्राहक

मौजूदा व्यवस्था में छोटे व्यवसायियों व ठेले वालों को हटाने से सड़कें अब चौड़ी दिखने लगी है और ग्राहक सभी बाजारों में पहुंच पा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि अब त्योहार शुरू हो गए हैं तो यह व्यवस्था स्थाई और मजबूत होना चाहिए, ताकि व्यापार अच्छे से चल सके। उनका यह भी कहना है कि हम किसी का अहित नहीं चाहते लेकिन सड़क पर कब्जे की ठेकेदारी प्रथा बंद हो और छोटे व्यापारियों को कहीं अन्य हॉकर्स जोन में स्थान दिया जाए।

व्यापारियों की बात सही है: निगम कमिश्नर

बुधवार को इसे लेकर अहिल्या चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स की मध्य क्षेत्र के व्यापारियों के साथ बैठक हुई। इसमें पदाधिकारी रमेश अग्रवाल ने कहा कि अतिक्रमण के मसले पर बार सभी व्यापारी एकजुटता से लड़ेंगे। अगर खुद व्यापारी शटर से बाहर अतिक्रमण करें तो निगम कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं। क्लॉथ मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष हंसराज ने कहा कि निगम व्यापारियों की परेशानी समझे और काम करें।

इंदौर रेडिमेड गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन का कहना है हम व्यवसायियों का पेट पलेगा तो ही शासन का खजाना फलेगा। हम व्यापार करने में कमजोर रहे तो शासन को खजाने में खालीपन ही मिलेगा। मामले में निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने कहा कि व्यापारियों की बात सही है। सड़कों पर कब्जे से आमजन को भी परेशानी होती है। इस मामले में कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

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