आत्महत्या से पहले महंत नरेंद्र गिरि ने किया था BJP नेता को फोन, एक कॉल हरिद्वार भी किया

पुलिस जांच में सामने आया है कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या करने से पहले एक स्थानीय बीजेपी नेता से फोन पर बात की थी. उनके फोन से 6 ऐसे नंबर बरामद किए गए हैं जहां आत्महत्या से पहले फोन किया गया था. इनमें से एक नंबर हरिद्वार का भी बताया जा रहा है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की आत्महत्या (Narendra Giri Death Case) के मामले में लगातार नए मोड़ आ रहे हैं. अब पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि महंत नरेंद्र गिरि में मौत से पहले एक स्थानीय बीजेपी नेता अनुराग संत (BJP Leader Anurag Sant) से फोन पर बात की थी. इसके अलावा एक अन्य स्थानीय बीजेपी नेता संदीप तिवारी से भी उन्होंने बात की थी. अनुराग संत और संदीप तिवारी दोनों को ही नरेंद्र गिरि का काफी करीबी बताया जा रहा है, पुलिस ने इन दोनों को ही पूछताछ के लिए भी बुलाया है. महंत ने आत्महत्या से पहले कुल 6 नंबरों पर फोन किया था जिनमें से एक हरिद्वार का भी हैं, फिलहाल इनकी जांच के लिए एक पुलिस टीम रवाना कर दी गई है. महंत ने जिस कमरे में सुसाइड की है वहां से एक 6 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें मठ और अखाड़े के उत्तराधिकारियों के नाम लिखे गए हैं.

इस मामले में पुलिस ने महंत के करीबी रहे आनंद गिरि के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है जबकि लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी हिरासत में ले लिया है. ऐसी जानकारी सामने आई है कि इन दोनों के साथ महंत का बीते दिनों हनुमान मंदिर के चंदे को लेकर विवाद भी हुआ था. पुलिस के मुताबिक उनके पहुंचने से पहले ही शव उतारा जा चुका था. महंत के शव के पास ही बिस्तर पर सुसाइड नोट पड़ा था, साथ ही वहां सल्फास की गोलियां भी मौजूद थीं. सुसाइड लेटर में आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे के व्यवहार से आहत होने का जिक्र है. इस लेटर में महंत ने लिखा है कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया और उनके दामन में कभी किसी तरह का दाग नहीं रहा लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें मिथ्या आरोप लगाकर अपमानित किया, जिससे वह बेहद दुखी हैं.

अन्य शिष्यों को परेशान न करने को भी कहा गया

सुसाइड नोट में उन्होंने यह भी लिखा है कि उनके अन्य शिष्यों का उनकी मौत से कोई लेना-देना नहीं है, ऐसे में उन्हें परेशान न किया जाए. इसके अलावा विस्तार से यह लिखा है कि उनके न रहने के बाद मठ, अखाड़ा व हनुमान मंदिर में किसकी क्या भूमिका होगी. आईजी रेंज केपी सिंह ने सुसाइड नोट में आनंद गिरि व वसीयतनामे के जिक्र के बात की पुष्टि की. गौरतलब है कि कुछ समय पहले आनंद गिरि को अखाड़े से निष्कासित किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक के बाद एक कई वीडियो वायरल हुए थे। जिसमें अखाड़े व मठ की संपत्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए थे. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के कई शिष्यों के पास करोड़ों की संपत्ति होने से संबंधित तस्वीरें भी वायरल हुई थीं.

सुसाइड नोट की होगी फोरेंसिक जांच

अखाड़ा परिषद की संदिग्ध हाल में मौत के बाद फिलहाल जो भी आशंकाएं, निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं, उसका मूल मौके से बरामद सुसाइड नोट है. हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुसाइड नोट की प्रमाणिकता भी तब तक संदेह से परे नहीं है जब तक कि फोरेंसिक जांच न हो जाए. फोरेंसिक जांच के दौरान हैंडराइटिंग मिलान के बाद ही ये साफ़ होगा कि इसे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने ही लिखा या नहीं. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की हैंडराइटिंग का सैंपल भी एकत्र कर लिया गया है.

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