शूटआउट का मास्टरमाइंड सुनील राठी, जिसकी हर गोली ने ली किसी की ‘जान’!- पढ़ें इनसाइ़ड स्टोरी
गैंगस्टर सुनील राठी और ज्यादा बेखौफ हो गया है. अब जेल के अंदर या जेल के बाहर किसी का भी कत्ल करा डालना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है. सुनील राठी भले ही दिल्ली जेल (मंडोली) में क्यों न बंद हो. हमारे इलाके (पश्चिमी यूपी) के तमाम बदमाश आज भी उससे दिल्ली में मिलने आते-जाते रहते हैं.
देश की राजधानी दिल्ली की रोहिणी जिला अदालत में शुक्रवार को हुए गोलीकांड की परतें धीरे-धीरे खुलती जा रही हैं. पता चला है कि कोर्ट के भीतर जज और तमाम हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी तीन-तीन लाशें बिछने या बिछा दिए जाने के पीछे गैंगवार ही प्रमुख वजह थी. असली और अंदर की बात तो यह भी है कि भरी अदालत में गोलियां चलवाकर एक साथ तीन-तीन लाशें बिछवा डालने जैसे दुस्साहसिक कदम का तानाबाना आखिर किसने बुना था?
दिल्ली और पश्चिमी उत्तर पुलिस के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस गोलीकांड के तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी से जुड़ते नजर आ रहे हैं. वही सुनील राठी जो इन दिनों दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है. वही शार्प-शूटर सुनील राठी, कहते हैं कि जिसे इस तरह के गोलीकांडों के ‘ब्लूप्रिंट’ बनाने में महारत हासिल है. वही सुनील राठी जिसने उत्तर प्रदेश के बागपत जिला जेल के अंदर कुछ साल पहले यूपी के कुख्यात गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को गोली मारकर खुद ही निपटा दिया था.
दिल्ली पुलिस टीमें, अपना-अपना काम
मुन्ना बजरंगी का जेल के भीतर सात तालों की सुरक्षा में भी गोलियों से भून डालने का ब्लू-प्रिंट इसी सुनील राठी के दिमाग की खतरनाक सोच थी. घटना के वक्त कोर्ट में मौके पर बदमाशों से खूनी मोर्चा दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की “Counter Intelligence Unit” (डीसीपी मनीषी चंद्रा की टीम) के मौके पर पहले से ही मौजूद ‘शार्प-शूटर्स’ ने लिया था. हालांकि रोहिणी कोर्ट गोलीकांड की तफ्तीश अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच कर रही है.
तीनों बदमाशों की लाशें राहुल उर्फ नितिन उर्फ फफूंद (यूपी के बागपत जिले का मूल निवासी रोहिणी शूटआउट का हमलावर), जितेंद्र मान उर्फ गोगी (जिसे ढेर करने दोनों बदमाश कोर्ट में पहुंचे थे) व तीसरे हमलावर को ठिकाने लगाने तक, ऑपरेशन की बागडोर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और दिल्ली पुलिस की तीसरी वाहनी (थर्ड बटालियन के जवान, जिनकी सुरक्षा-निगरानी में दिल्ली की सभी जेलों से कैदियों को पेशी के लिए अदालतों में लाया-ले जाया जाता है) के पास थी.
जांच में जुटी दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीम के एक उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक,”अब तक कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं. यह तय हो चुका है कि कोर्ट के भीतर इस कत्लेआम को अंजाम देने की प्लानिंग को अंतिम रुप दिल्ली की ही एक जेल के अंदर दिया गया था. यह गोलीकांड गैंगवार का नतीजा था. जितेंद्र गोगी के धुर-विरोधी और कुख्यात गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को अंदेशा था कि अगर उसने गोगी को नहीं निपटवाया, तो गोगी उसे जल्दी ही जेल से आते जाते मरवा डालेगा.
यूपी का शूटर, दिल्ली में कत्ल-ए-आम
मतलब साफ है कि शुक्रवार (24 सितंबर 2021) को नहीं तो जल्दी ही फिर किसी भी दिन. दोनो ंगैंग के बीच खून-खराबा होना तय था. दोनों गैंग के शूटर्स अपने-अपने टारगेट के पीछे लगे हुए थे. जैसे ही शुक्रवार को सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया गैंग के शूटर्स को लगा कि वे भरी अदालत में अपने दुश्मन जितेंद्र गोगी को निपटा सकते हैं, उन्होंने वो जोखिम उठा लिया. भले ही ताजपुरिया गैंग के दोनों ही शूटर खुद भी पुलिस के हाथों घटनास्थल पर ही क्यों न ढेर कर डाले गए.”
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रोहिणी कोर्ट शूटआउट में शामिल और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के हमलावरों की गोली से ढेर कर डाले गए. गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के एक हमलावर राहुल फफूंद उर्फ नितिन को इस काम के लिए सुनील राठी ने तैयार किया था. पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदमाश सुनील राठी इन दिनों दिल्ली की उसी मंडोली जेल में बंद है जिसमें जितेंद्र गोगी का दुश्मन गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया बंद है. बागपत से मूल निवासी और कांट्रैक्ट किलिंग के दौरान अचूक निशानेबाज राहुल फफूंद को सुनील राठी ने ही टिल्लू ताजपुरिया तक पहुंचाया था.
शुक्रवार नहीं तो किसी और दिन जल्दी ही होता कांड
रोहिणी कोर्ट शूटआउट का ब्लूप्रिंट तैयार करते वक्त तय यह हुआ था कि गैंगस्टर जितेंद्र गोगी के ऊपर हमला जल्दी से जल्दी करना है. उसे जेल में बंद रहते हुए भी काफी वक्त बीत चुका है. ऐसे में जितेंद्र गोगी के विरोधी गैंग को इस बात की भी आशंका थी कि कहीं जितेंद्र गोगी कोर्ट से जमानत पर जेल से बाहर न निकल जाए. अगर वो जेल से बाहर निकल जाता तो टिल्लू ताजपुरिया को अपनी जान सांसत में पड़ी नजर आ रही थी. इसके साथ ही यह भी तय हुआ था कि हमला (रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को हुआ खूनी खेल ) इतनी मजबूती से किया जाना चाहिए कि चाहे अपना (टिल्लू ताजपुरिया गैंग) कितना बड़ा भी नुकसान हो जाए, मगर हमले में किसी भी कीमत पर बदमाश जितेंद्र गोगी जिंदा नहीं बचना चाहिए. शुक्रवार को दिल्ली की रोहिणी जिला कोर्ट शूटआउट में हुआ भी वही सब.
दिल्ली पुलिस को उम्मीद है कि सुनील राठी से काफी कुछ ‘क्लू’ उसे एक ही जगह से मिल सकते हैं. अपराध जगत में सुनील राठी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का वो खतरनाक शार्प-शूटर माना जाता है जिसका निशाना या जिसका रचा षडयंत्र कभी खाली या बेकार साबित नहीं हुआ है. मसलन, बागपत जेल के भीतर ही सुनील राठी द्वारा यूपी के गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी का कत्ल कर दिया जाना. सुनील राठी के पास इस तरह के शार्प शूटर्स की बड़ी संख्या है जो उसके जेल में रहते हुए ही, एक इशारे और धन-दौलत के बलबूते किसी को भी कत्ल करने के लिए तैयार रहते हैं.
सुनील राठी को जानने वाली यूपी पुलिस की सोच
पश्चिमी यूपी के कांधला थाने में थानाध्यक्ष रहे एक इंस्पेक्टर के मुताबिक, “मुन्ना बजरंगी का बागपत जेल में कत्ल करने के बाद से गैंगस्टर सुनील राठी और ज्यादा बेखौफ हो गया है. अब जेल के अंदर या जेल के बाहर किसी का भी कत्ल करा डालना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं है. सुनील राठी भले ही दिल्ली जेल (मंडोली) में क्यों न बंद हो. हमारे इलाके (पश्चिमी यूपी) के तमाम बदमाश आज भी उससे दिल्ली में मिलने आते-जाते रहते हैं. हम लोग भी इन लड़कों पर नजर रखते हैं. मगर हमारे इलाके में (बागपत) यह जल्दी किसी वारदात को अंजाम नहीं देते क्योंकि इन्हें अपने तुरंत पकड़े जाने का भय लगा रहता है. सुनील राठी जेल में बंद रहने के चलते भले ही खुद अब कुछ कर पाने में नाकाम हो. उसके ‘लड़के’ (शार्प शूटर बदमाश) मगर उसके एक इशारे पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं. दिल्ली की रोहिणी जेल में हुई घटना इसका ताजा और सबसे खतरनाक उदाहरण साबित हो सकती है.”