New Wage Code: नए लेबर कोड को लागू करने में हो सकती है देरी, हफ्ते में मिलेगी 3 दिन छुट्टी!
New Wage Code: नए लेबर वेज कोड को लेकर शुक्रवार को श्रम मंत्रालय में अहम बैठक होनी है. इस बैठक में राज्यों से मिले इनपुट पर चर्चा होगी, साथ ही सरकार नियमों को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी.
नई दिल्ली: कर्मचारियों की नए लेबर वेज कोड को लेकर एक बड़ी खबर आई है. इस मामले पर शुक्रवार को श्रम मंत्रालय की अहम बैठक हो सकती है, इससे पहले राज्यों से लेबर कोड को लेकर इनपुट मांगे गए थे. सूत्रों के मुताबिक नए लेबर वेज कोड लागू होने में देरी हो सकती है लेकिन इसके नियमों पर फैसला जल्द लिया जाएगा.
चालू वित्त वर्ष में लागू होंगे नियम
पहले एक अप्रैल से वेज कोड लागू होने की बात सामने आ रही थी लेकिन राज्य सरकारों के अटकलों की वजह से इसमें देरी हो सकती है. नए लेबर वेज कोड को लेकर शुक्रवार को श्रम मंत्रालय में अहम बैठक होनी है. इस बैठक में राज्यों से मिले इनपुट पर चर्चा होगी, साथ ही सरकार नियमों को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी. बड़ी बात यह है कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में ही वेज कोड लागू करने की तैयारी में है.
नए वेज कोड में कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई नियम बनाए जा सकते हैं. इसके तहत अगर कोई कर्मचारी 12 घंटे ड्यूटी करता है तो उसे हर हफ्ते 3 दिन की छुट्टी मिलेगी. इसके अलावा नए कोड के तहत भत्तों की सीमा 50 फीसदी होगी और कुल वेतन का आधा बेसिक सैलरी के तहत आएगा. बेसिक सैलरी से ही EPF योगदान की गणना होगी और बेसिक सैलरी बढ़ने से PF कंट्रिब्यूशन भी बढ़ेगा.
12 घंटे से ज्यादा काम नहीं
प्रस्तावित नियमों में जो बड़ी बात निकलकर सामने आई है उसके तहत वर्किंग ऑवर अधिकतम 12 घंटे हो सकते हैं. इसके अलावा 15-30 मिनट का अतिरिक्त कामकाज ओवरटाइम माना जाएगा. मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम ओवरटाइम नहीं माना जाता. कर्मचारी को हर 5 घंटे के बाद आधा घंटे का ब्रेक देने का भी प्रस्ताव इन नियमों में शामिल है.
नया वेज कोड लागू होने पर कर्मचारियों की Earned Leave भी 240 से बढ़कर 300 हो सकती हैं. कर्मचारियों की ओर से Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी. इसके अलावा नए वेज कोड में भत्ते कुल सैलरी से किसी भी कीमत पर 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकते. अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो ऐसे में उसकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये होनी चाहिए और बाकी के 25,000 रुपये में उसके भत्ते में आ सकते हैं.