Solar Energy में क्रांति लाने के लिए मुकेश अंबानी ने खरीदी यह कंपनी, इतने हजार करोड़ में हुआ सौदा

रिलायंस की सोलर एनर्जी कंपनी ने 5500 करोड़ में एक शानदार डील की है. इस डील को लेकर मुकेश अंबानी ने कहा कि इससे भारत सोलर पैनल के मामले में मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा

मुकेश अंबानी रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर काफी गंभीर हैं. इसको लेकर पिछले दिनों रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (RNESL) की स्थापना की गई थी. इसके साथ ही 75 हजार करोड़ की फंडिंग का ऐलान भी किया गया था. रिलायंस न्यू एनर्जी ने कहा कि उसने चाइना नेशनल ब्लूस्टार ग्रुप से REC Solar Holdings में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. यह डील 771 मिलियन डॉलर (करीब 5500 करोड़) में हुई है.

इस डील को लेकर मुकेश अंबानी ने कहा कि REC Solar की मदद से रिलायंस इंडस्ट्रीज लो-कॉस्ट सोलर पैनल बनाने में सक्षम होगी. आने वाले दिनों में भारत सोलर पैनल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा. अंबानी ने कहा कि इस कंपनी का अधिग्रहण इसलिए किया गया है कि कंपनी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की दिशा में आगे बढ़ने की स्ट्रैटिजी पर काम कर रही है. इससे भारत सोलर पैनल बनाने में आत्मनिर्भर होगा.

क्लीन एनर्जी पर 10 बिलियन डॉलर खर्च करेंगे अंबानी

बता दें कि जून में रिलायंस एनुअल जनरल मीटिंग में मुकेश अंबानी ने कहा था कि क्लीन एनर्जी के लिए अगले तीन सालों में कंपनी 10 बिलियन डॉलर खर्च करेगी. कंपनी का लक्ष्य 2035 तक नेट कार्बन जीरो होना है. इसके लिए रिलायंस न्यू एनर्जी कंपनी का भी गठन किया गया जो पूरी तरह सब्सिडियरी कंपनी है.

सोलर एनर्जी सेक्टर की लीडर है यह कंपनी

REC सोलर होल्डिंग्स का हेडक्वॉर्टर नॉर्वे में है. ऑपरेशनल हेडक्वॉर्टर सिंगापुर में है, जबकि रिजनल हब नॉर्थ अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिय, एशिया पेसिफिक में है. सोलर एनर्जी के क्षेत्र में यह एक इंटरनेशनल और बहुत बड़ी कंपनी है. यह कंपनी सोलर एनर्जी को लेकर टेक्नोलॉजी की मदद से इंडस्ट्री लीडर है. आरईसी सोलर होल्डिंग्स जो सोलर पैनल तैयार करती है वह काफी सस्ता, टिकाउ और ज्यादा एफिशिएंट होता है.

4 गीगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का सालाना लक्ष्य

रिलायंस की योजना इस कंपनी की टेक्नोलॉजी की मदद से पैनल तैयार करना है. इसका निर्माण जामनगर के धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स के गीगा फैक्ट्री में किया जाएगा. इस फैक्ट्री की शुरुआती क्षमता 4 गीगावाट सोलर एनर्जी सालाना की है. इसे बढ़ाकर 10 गीगावाट तक ले जाना है.

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