SIT रिपोर्ट से हाईकोर्ट नाखुश:DGP को किया दोबारा तलब, मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में 16 साल की छात्रा का शव मिला था
मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में 2019 में हुई छात्रा (16) की मौत मामले में एसआईटी ने आज हाईकोर्ट के निर्देश पर सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिन्दल व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने एसआईटी की रिपोर्ट को देखा। उन्होंने कहा कि कोर्ट इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। 25 अक्टूबर को डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती है तो डीजीपी उस दिन कोर्ट में हाजिर रहें। डीजीपी को कोर्ट ने दूसरी बार तलब किया है।
अपर महाधिवक्ता ने SIT की रिपोर्ट पेश की
सरकार की तरफ से कोर्ट में उपस्थित अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एसआईटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने छात्रा की कालेज परिसर में हुई मौत मामले में 170 डीएनए सैंपल कलेक्ट करके टेस्ट रिपोर्ट के लिए भेजा है। अभी तक टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इतने विलम्ब से रिपोर्ट क्यों भेजी गई। कोर्ट ने इस मामले में अब 25 अक्टूबर को पुनः सुनवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आदेश महेन्द्र प्रताप सिंह की तरफ से दायर जनहित याचिका पर दिया है।
डीजीपी को लगातार दो दिन कोर्ट में तलब किया था
मालूम हो कि हाईकोर्ट ने इस मामले में इससे पूर्व प्रदेश के डीजीपी को लगातार दो दिन कोर्ट में तलब किया था। डीजीपी ने इस मामले में एसआईटी की नई जांच गठित कर कोर्ट को बताया था कि इसमें अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है।
एएसपी, डिप्टी एसपी, व आईओ सस्पेंड
हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने कोर्ट को बताया था कि जांच में लापरवाही पर एएसपी, डिप्टी एसपी, व आईओ को सस्पेंड कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि इस मामले में जांच से हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व कोर्ट को भी अवगत कराया जाए।
लड़की के माता-पिता को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश
लड़की के माता-पिता को सुरक्षा मुहैया कराने का भी कोर्ट ने निर्देश दिया है। कोर्ट को सरकार की तरफ से बताया गया था कि एडीजी कानून व्यवस्था की निगरानी में जांच पूरी की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की प्रति जिला जज मैनपुरी को भी भेजी जाए, जिसे वहां के सभी न्यायिक अधिकारियों को सर्कुलेट किया जाए।
हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि बलात्कार के मामले में दो माह में जांच पूरी करने को लेकर सर्कुलर जारी किया जाए। डीजीपी ने कोर्ट को बताया कि मैनपुरी के तत्कालीन रिटायर एसपी को सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान रोक दिया गया है। उन्हें केवल प्राविजनल पेंशन का भुगतान किया जा रहा है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़ों पर सीमेन का जिक्र
हाईकोर्ट ने डीजीपी समेत सभी उपस्थित पुलिस अधिकारियों की हाजिरी माफ कर दी थी। कोर्ट ने अधिकारियों के कोर्ट रूम से बाहर निकलने से पूर्व मार्मिक टिप्पणी भी की थी और कहा था कि स्वर्ग कहीं और नहीं है। सबको अपने कर्मों का फल यही भुगतान पड़ता है। कोर्ट ने डीजीपी से यह भी कहा था कि पुलिस को जांच के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है। अधिकांश जांच कांस्टेबल करता है। दरोगा कभी-कभी जाते हैं। कोर्ट ने कहा था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नाबालिग के कपड़ों पर सीमेन पाया गया है।
उसके सिर पर चोट के निशान थे। इसके बाद भी तीन महीने बाद अभियुक्तों का केवल बयान ही लिया गया, ऐसा क्यों? इस पर डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि फिर से एसआईटी गठित कर देते हैं।
2019 में छात्रा का शव फांसी पर लटकता मिला था
16 सितंबर 2019 को 16 साल की छात्रा ने अपने जवाहर नवोदय स्कूल में फांसी पर लटकती मिली थी। पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि आत्महत्या का मामला है। दूसरी ओर उसकी मां ने आरोप लगाया था कि उसे परेशान किया गया, पीटा गया और जब वह मर गई तो उसे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।
इस घटना को लेकर छात्रों ने प्रोटेस्ट किया था। परिवार ने भी कई दिनों तक धरना दिया था। मृतका के पिता ने मुख्यमंत्री से जांच की गुहार लगाई तो एसआईटी से जांच की गई। 24 अगस्त 2021 को एसआईटी ने केस डायरी हाईकोर्ट में पेश की थी।