करोड़ों रुपए का पत्थर गायब:पत्थरों की चट्टाने खोद डाली माफिया ने, जिन जगहों पर टीले थे वहां हो गए गहरे गड्ढे
- पड़ावली गांव में आधा सैकड़ा से अधिक गड्ढे हो गए, सोता रहा वन व खनिज विभाग….
मुरैना के पड़ावली गांव में मौजूद पत्थरों के टीले गायब हो चुके हैं। उनकी जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं। इन टीलों को तोड़कर उनका पत्थर खोद कर निकाला जा चुका है। पिछले कई वर्षों से यहां माफिया सक्रिय है जो खदानों से अवैध खनन कर रहा है। यहां माफियाराज चलता है। यह लोग इतने ताकतवर है कि वन विभाग का अमला हो या फिर खनिज विभाग का, उसे खदेड़ देते हैं। पुलिस भी इनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटाती है।
आपको बता दें, कि जिले के पड़ावली, मितावली, ककनमठ व बटेश्वरा गांव प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं। यहां हर साल देश-विदेश से सैकड़ों की तादात में पर्यटक आते हैं। कुछ माफिया की नजर यहां के पत्थरों के टीलों पर पड़ चुकी है। यह लोग यहां अवैध रुप से खनन कर रहे हैं। अभी तक आधा सैकड़ा से अधिक जगहों पर गड्ढे हो चुके हैं। इन गड्ढों की जगह किसी समय पत्थर के टीले हुआ करते थे लेकिन आज यह टीले गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। इनको खोद कर इनका पत्थर बाहर बेचा जा चुका है।
वन अमले पर की थी फायरिंग, छुड़ा ले गए थे मशीन
कुछ दिनों पहले वन विभाग का अमला प्रभारी केशव शर्मा के नेतृत्व में माफिया पर कार्रवाई करने पहुंचा था। उस समय तीन एलएनटी मशीनें खनन कर रही थीं। अमले ने एक मशीन को जब्त भी कर लिया था। उसी दौरान माफिया के आदमियों ने वन अमले पर फायरिंग शुरु कर दी तथा एलएनटी मशीन छुड़ा ले गए। इसके साथ ही वन अमले को जिसके साथ एसएएफ का फोर्स भी था उसे वहां से भागने को मजबूर कर दिया था।
![टीला तोड़कर कर दिया मैदान](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/10/28/_1635429766.png)
पुलिस की भूमिका संदिग्ध
आपको बता दें कि इस मामले में रिठौरा थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। वन विभाग के अमले ने रिठौरा पुलिस को वहां मदद के लिए बुलाया था, लेकिन रिठौरा पुलिस वहां नहीं आई। बाद में जब वन अमले ने माफिया के खिलाफ रिपोर्ट लिखने की बात कही तो रिठौरा पुलिस ने रिपोर्ट भी नहीं लिखी। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि जस जगह खनन किया जा रहा है वहां से रिठौरा थाना पुलिस की दूरी 10 से 12 किलोमीटर है। वहां लगातार खनन होता रहता है लेकिन पुलिस उसमें हस्तक्षेप नहीं करती है।
करोड़ों रुपए की सम्पत्ति की चोरी
आपको बता दें, कि एक टीले में लगभग 50 ले 70 लाख रुपए का पत्थर निकलता है। आज की स्थिति में पड़ावली गांव में आधा सैकड़ा से अधिक टीलों को खोद कर उनका पत्थर निकाला जा चुका है तथा वहां गहरे गड्ढे कर दिए गए हैं। इस प्रकार शासन का करोड़ों रुपए का पत्थर निकाला जा चुका है।
विभागों की मिलीभगत से हो रहा खनन
आपको बता दें कि, माफिया द्वारा इतने व्यापक स्तर पर पत्थर का खनन किया जा रहा है। उसके बावजूद वन व खनिज विभाग इस मामले में मौन साधे हुए हैं। बताया जाता है कि इन दोनों विभागों की मिलीभगत से शासन का करोड़ों रुपए का पत्थर खनन किया जा चुका है।
50 गड्ढे मिले हैं, 30 की चल रही नाप
पड़ावली में अवैध खनन तो हो ही रहा है। हमने वहां जाकर जांच की थी। 50 गड्ढे मिले हैं, इनमें से 30 गड्ढों की नाप की जा रही है। उसकी रिपोर्ट जल्द ही विभाग को सौंप दी जाएगी।
वाई के पारदे, एसडीओ, वन विभाग
संयुक्त टीम भेजकर कराई जाएगी कार्रवाई
ग्राम पढ़ावली में हो रहे अवैध खनन की मुझे जानकारी नहीं है। जल्द ही खनिज व वन विभाग की संयुक्त टीम भेजकर इस मामले की जांच कराई जाएगी तथा माफिया पर कार्रवाई की जाएगी।
बक्की कार्तिकेयन, कलेक्टर