AUDIO, VIDEO से नप गई महाराजगंज की चौकी:नेपाल बॉर्डर से तस्करी के लिए थाने और चौकी जाते थे रुपए, चौकी इंचार्ज समेत 12 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

महराजगंज में भारत-नेपाल सीमा पर चल रहे मटर तस्करी के खेल में पुलिसकर्मी पूरी तरह से संलिप्त हैं। थाने व चौकियों पर तस्कर गाड़ी के हिसाब से बंधी बधाई रकम पहुंचा रहे हैं। उसके बाद नेपाल सीमा से मटर लाकर उसे विभिन्न महानगरों में भेजा जा रहा है।

बीते तीन दिनों से सिसवा पुलिस चौकी से जुड़े वीडियो व आडियो वायरल होने के बाद पुलिस की संलिप्तता पूरी तरह से उजागर हो गई है। सिसवा व कोठीभार के अधिकांश पुलिसकर्मी तस्करी के इस खेल में पूरी तरह से संलिप्त हैं। ठूठीबारी व निचलौल पुलिस की भूमिका भी पूरी तरह से संदिग्ध है।

पूरी चौकी को किया गया लाइन हाजिर

एसपी प्रदीप गुप्ता को निचलौल सीओ की जांच में सिसवा चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंह समेत 12 पुलिसकर्मी दोषी मिले। इसमें दीवान छोटे लाल, सिपाही शरद यादव, बृजेश रावत, मुलायम चौहान, अभय शंकर यादव, रोशन यादव, अवनीश कृष्ण, आनंद कुमार यादव, प्रशांत पाल, राहुल गौतम और तूफान सिंह यादव भी शामिल हैं। इन सभी को लाइन हाजिर किया गया है।

ऐसे खुला खेल

30 अक्टूबर को चौकी इंचार्ज प्रवीण कुमार सिंह द्वारा सिपाही शरद यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने से शुरू हुए विवाद के बाद एक के बाद एक वीडियो व आडियो वायरल होने लगे। जिसमें सिपाही शरद यादव ने सिसवा चौकी इंचार्ज पर मटर तस्करों से मिलीभगत कर तस्करी कराने का आरोप लगाया था। जिसके बाद सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया गया।

31 अक्टूबर को एक और वीडियो वायरल हो गया। जिसमें कोठीभार थाने के दीवान छोटेलाल एक तस्कर को रोककर उससे पैसा देने और लाइन बंधे होने की बात करते दिख रहे हैं। इसकी जांच चल ही रही थी कि एक और आडियो व वीडियो वायरल हो गया। जिसमें सिसवा चौकी इंचार्ज दीवान छोटेलाल को फोन से धमकी देते सुने जा रहे हैं। वायरल आडियो में तस्करों को लाइन देने, वसूली करने और अपने क्षेत्र में रहने की बात की जा रही है। वायरल आडियो में आवाज किसकी है, इसकी फिलहाल पुष्टि नहीं हुई है।

  • वायरल आडियो में हुए संवाद का अंश
  • आवाज एक–हां।
  • आवाज दो–रोकेले हआ का।
  • आवाज एक–दीवान जी रोकेले हवै, छोटेलाल दीवान जी।
  • आवाज दो–कौन छोटे लाल दीवान।
  • आवाज एक–थाने क हवै।
  • आवाज दो–ऊ काहे रोकत हवै।
  • आवाज एक–कहत हवै थाने के पइसा देत हवै, हमके मिलतै ना है।
  • आवाज दो–कौन है दीवान जी, हमसे बात करा द।
  • आवाज एक–छोटेलाल दीवान जी हवै।
  • आवाज एक–हे दीवान जी, चौकी इंचार्ज साहब।
  • आवाज तीन–हां जयहिद साहब।
  • आवाज दो–हे दीवान जी, एसओ साहब से मांग लेते।
  • आवाज तीन–का।
  • आवाज दो–एसओ साहब से मांग लेते।
  • आवाज तीन–आ, हम त छोड़ दिये हैं।
  • आवाज दो–इहै बहुत गलत बात है यार। कोई बात रहे तो एसओ साहब से मिलिए, हम से मिलिए।
  • आवाज तीन–इसमें ऐसा है चार-पांच लाइन वाले हैं, कुछ बीच में बेगर लाइन वाले हैं।
  • आवाज दो–तो आप एसओ साहब से मिले हैं, बात किए हैं।
  • आवाज तीन–नहीं अब चल रहे हैं तो बात करेंगे।
  • आवाज दो–तो पहले रोकेंगे तब बाद करेंगे।
  • आवाज तीन–हां।
  • आवाज दो–ठीक है, ज्यादा दिमाग मत लगाइए।
  • आवाज तीन–ठीक है दिमाग नहीं लगा रहे हैं।
  • आवाज दो–ज्यादा दिमाग मत लगाइए, नहीं तो हम लोगों को भी दिमाग लगाना आता है।
  • आवाज तीन–अच्छा।
  • आवाज दो–कस्बे में यह सब काम मत करिए, ठीक है।
  • आवाज तीन–कस्बे में नहीं है, कस्बे के एकदम बार्डर पर है।
  • आवाज दो–कस्बे के बार्डर पर हो चाहे जहां हो, कस्बे में यह सब काम मत करिए, मैं दुबारा नहीं कहूंगा। ठीक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *