बैंक से नकली गोल्ड पर 2 करोड़ का लोन! ….कर्जदारों ने किश्तें नहीं चुकाईं, नीलामी के लिए लॉकर से गोल्ड निकाला तब पता चला

शाजापुर में भारतीय स्टेट बैंक की तीन शाखाओं में गोल्ड लोन के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। बैंक में असली के नाम पर नकली सोना गिरवी रख दिया गया है। इस पूरे मामले में बैंक वैल्यूअर की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है, मामला सामने आने के बाद से बैंक वैल्यूअर शाखा प्रबंधकों का फोन नहीं उठा रहा है। वह गायब बताया जा रहा है। अब तीनों बैंकों में गोल्ड लोन की बैंक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तीनों बैंकों में करीबन दो करोड़ से ज्यादा का नकली सोना गोल्ड लोन के नाम पर असली बनाकर रख दिया।

दीपावली के ठीक पहले आया मामला सामने
गोल्ड लोन घोटाले से उन ग्राहकों में भी घबराहट है, जिन्होंने अपना असली सोना बैंक में गिरवी रखकर ऋण लिया है। इस पूरे मामले में बैंक की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं, क्योंकि जिन ग्राहकों ने वैल्यूअर से मिलकर नकली सोना बैंक में असली बताकर गिरवी रख दिया, वे उस सोने को छुड़ाने के लिए नहीं आ रहे और बैंक दबाव बनाती है तो वे असली सोने की मांग करेंगे। बैंक प्रबंधन ने वैल्यूअर के भरोसे नकली सोना गिरवी रख लिया था।

तीन शाखाओं में हुआ घोटाला
शाजापुर शहर में भारतीय स्टेट बैंक की तीन शाखाएं हैं, जिसमें एबी रोड स्थित मुख्य शाखा, चौक बाजार में चौक बाजार शाखा एवं टंकी चौराहे पर मगरिया शाखा स्थित है। इन तीनों ही बैंकों का एक ही वैल्यूअर था, यही वैल्यूअर बैंक में गोल्ड लोन के समय तस्दीक कर रिपोर्ट देता है कि सोना कितने कैरेट का है और इसी रिपोर्ट के आधार पर बैंक ग्राहकों को लोन देती है।

वैल्यूअर फोन नहीं उठा रहा
भारतीय स्टेट बैंक शाजापुर के मुख्य प्रबंधक हरीश विजयवर्गीय का कहना है कि गोल्ड लोन में असली के नाम पर नकली सोना ग्राहकों ने रख दिया है, इसकी जांच की जा रही है। वैल्यूअर की रिपोर्ट पर गोल्ड लोन दिया गया है। वैल्यूअर से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन वह अभी मोबाइल नहीं उठा रहा। हम मामले में जांच कर रहे हैं।

ऐसे हुआ खुलासा
गोल्ड लोन के खाते बैंक को एक साल में रिन्यू करना होता है। एक साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी जब ग्राहक अपने गोल्ड लोन का रिन्यूअल के लिए नहीं आए तो बैंक ने कस्टमर को कॉल करना शुरू किया। कई कॉल करने के बाद भी ग्राहक बैंक नहीं पहुंचे और न ही गोल्ड लोन की किश्तें चुकाईं। इसके बाद बैंकों ने गिरवी रखे गोल्ड को नीलाम करने वाली प्रक्रिया पर काम शुरू किया। इसी दौरान गोल्ड नकली होने का खुलासा हुआ।

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